पीएम मोदी ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू की अपील की, कहा: सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक घर में ही रहें

दुनिया के 170 से ज्यादा देशों पर कोरोनावायरस का कहर जारी है। कोरोना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के लोगों से संबोधन किया और जनता कर्फ्यू का पालन करने की अपील की। इसके तहत लोगों से घर से बाहर ना निकलने की अपील की। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 19, 2020 2:26 PM IST / Updated: Mar 19 2020, 09:59 PM IST

नई दिल्ली. दुनिया के 170 से ज्यादा देशों पर कोरोनावायरस का कहर जारी है। भारत में भी लगातार मामले बढ़ रहे हैं। भारत में अब तक 178 मामले सामने आए हैं। 4 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने लोगों ने 22 मार्च यानी रविवार को जनता कर्फ्यू की अपील की। उन्होंने कहा, यह कर्फ्यू जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू होगा। 

पीएम मोदी ने कहा, 22 मार्च रविवार को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक जनता कर्फ्यू का पालन करना है। एक नागरिक के नाते हम पूरे दिन घर पर रहें। यह प्रयास हमारे संकल्प का एक मजबूत प्रतीक होगा। यह अनुभव हमें आगे आने वाली महामारी से निपटने में सहयोग करेगा। मैं समस्त राज्य सरकारों और संगठनों से अपील करता हूं कि वे जनता कर्फ्यू को पालन करने में कदम उठाएं। उन्होंने कहा, हमें 10 लोगों को इस बारे में बताना चाहिए कि वे घर से ना निकलें। हालांकि, जो लोग आवश्यक सेवाओं में जुड़े हैं, वे निकल सकते हैं। इसकी सफलता हमें आने वाले चुनौतियों के लिए तैयार करेगी।

पूरा विश्व संकट के बड़े दौर से गुजर रहा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पूरा विश्व संकट के बड़े दौर से गुजर रहा है। कोरोना का संकट ऐसा है, जिसने विश्व भर में पूरी मानव जाति को संकट में डाल दिया है। जब विश्व युद्ध हुए थे, तब भी इतने देश प्रभावित नहीं हुए थे। जितने कोरोना से हैं। पिछले 2 महीने से हम पूरी दुनिया से चिंताजनक खबरें देख और सुन रहे हैं। भारत के नागरिकों ने अब तक डटकर सामना किया है। सभी नागरिकों ने प्रयास किया है कि कैसे सावधानी बरती हैं। पिछले कुछ दिनों से ऐसा माहौल बन रहा है कि संकट से हम बचे हैं। वैश्विक महामारी कोरोना से निश्चिंत हो जाने की ये सोच सही नहीं है। इसलिए भारत के प्रत्येक नागरिक का सजक रहना बहुत आवश्यक है। साथियों जब भी मैंने जो भी मांगा है, वो मुझे कभी भी देशवासियों ने निराश नहीं किया।

'अन्य देशों में तेजी से बढ़ा संक्रमण'
पीएम ने कहा, ये आपके आशीर्वाद का नतीजा है कि हम निर्धारित संकल्प की ओर बढ़ रहे हैं। मैं सबसे कुछ मांगने आया हूं। मुझे आने वाले कुछ हफ्ते चाहिए। मेरे प्यारे देशवासियों अभी तक विज्ञान कोरोना महामारी से बचने के लिए कोई निश्चित उपाय सुझा पाया है। ना ही कोई वेक्सिन बन पाई है। ऐसे में चिंता बढ़नी स्वाभाविक है। जिन देशों में कोरोना का प्रभाव ज्यादा देखा जा रहा है। वहां अध्ययन में एक बात सामने आई है। शुरुआती कुछ दिनों बाद बीमारी का विस्फोट हुआ है। इन देशों में तेजी से कोरोना पीड़ितों की संख्या बढ़ी है। भारत इस ट्रेक पर पूरी तरह नजर रखे है। कुछ देश ऐसे भी हैं, जिन्होंने आवश्यक नियम भी किए। और अपने लोगों को आइसोलेट कर स्थिति को संभाला है। ऐसे में नागरिकों की भूमिका अहम रही है।

'कोरोना से निपटने के लिए संकल्प और संयम जरूरी'
मोदी ने कहा, हम वो देश हैं जो विकासशील देश हैं। हम पर यह संकट सामान्य बात नहीं है। आज जब विकसित देशों में व्यापक प्रभाव देखने को मिल रहा है। भारत पर इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा, ऐसा मानना गलत हैं। ऐसे में दो प्रमुख बातों की जरूरत है। पहला संकल्प, दूसरा संयम। सभी देशवासियों को अपना संकल्प और दृढ़ करना होगा कि हम अपने कर्तव्य का पालन करें। हम स्वस्थ तो जग स्वस्थ। संयम का तरीका क्या है, घर से बाहर निकलने से बचना, भीड़ से बचना। कोरोना महामारी के दौर में सोशल डिस्टेंस बहुत अहम है। हमारा संयम इस महामारी को कम करने में अहम भूमिका निभाने वाला है। अगर आपको ऐसा लगता है कि आप ठीक हैं और आप घूमते रहेंगे और कोरोना से बचे रहेंगे। ऐसा ठीक नहीं है। ऐसा करके आप अपने साथ और अपने परिवार के साथ अन्याय करेंगे।  

रविवार को शाम 5 बजे कोरोना से लड़ने वाले कर्मचारियों को धन्यवाद दें

पीएम ने कहा, मैं एक और सहयोग चाहता हूं कि पिछले दो महीने से लाखों लोग एयरपोर्ट, अस्पतालों, शहर की गलियों में काम में जुटे हैं। डॉक्टर, नर्स, मीडिया, पुलिस, रेलवे, बस कर्मी, सफाईकर्मी खुद की जान जोखिम में डाल कर दूसरों की सेवा में लगे हैं। ये सेवा ऐसे वक्त में आम नहीं है। यह राष्ट्ररक्षक की तरह हमारे और कोरोना महामारी के बीच में खड़े हैं। ये देश ऐसे लोगों का आभारी है। हम रविवार को इन लोगों का धन्यवाद करें। शाम को ठीक 5 बजे घर के दरवाजे, खिड़की या बालकनी में खड़े होकर पांच मिनट खड़े होकर ऐसे लोगों का आभार व्यक्त करें। यह आभार थाली, ताली, घंटी बजाकर अपना आभार बयां कर सकते हैं। प्रशासन से आगृह है कि सायरन ने इसकी आवाज लोगों तक पहुंचाएं। सेवा पर्मो धर्मा मानने वाले ऐसे लोगों का हमें आभार व्यक्त करना चाहिए। 

पीएम के संबोधन की बड़ी बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, मैं देशवासियों को इस बात के लिए आश्वस्त करता हूं कि देश में दूध, खाने-पीने के सामान, दवाइयां, जीवन के लिए जरूरी चीजों की कमी ना हो इसके लिए तमाम कदम उठाए जा रहे हैं।
- उन्होंने कहा, कोरोना महामारी से उत्पन्न हो रही आर्थिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री के नेतृत्व में सरकार ने एक 'कोविड-19-इकोनॉमिक रिस्पांस टास्क फोर्स' के गठन का फैसला लिया है। 
- पीएम ने कहा, 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक सभी देशवासियों को जनता-कर्फ्यू का पालन करना है। जनता कर्फ्यू यानि जनता के लिए,जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू। 22 मार्च को हमारा ये प्रयास हमारे आत्म-संयम, देशहित में कर्तव्य पालन के संकल्प का एक प्रतीक होगा।
- उन्होंने कहा, संकट के इस समय में आपको ये भी ध्यान रखना है कि हमारी आवश्यक सेवाओं पर, हमारे हॉस्पिटलों पर दबाव भी निरंतर बढ़ रहा है। इसलिए मेरा आपसे आग्रह ये भी है कि रूटीन चेक-अप के लिए अस्पताल जाने से जितना बच सकते हैं, उतना बचें।

घर में रहें 65 साल की उम्र से अधिक के लोग
पीएम मोदी ने अपील की कि जो लोग 60-65 साल के हैं। वे घर पर रहें। जरूरी ना तो वे घर से बाहर ना निकलें। इससे पहले भारत सरकार ने 65 साल से अधिक उम्र के लोगों को घर पर रहने की सलाह दी है। साथ ही यह एडवाइजरी बच्चों के लिए भी जारी की है। रेलवे ने स्टूडेंट और बुजुर्गों और दिव्यांगों को टिकट में मिलने वाली सभी रियायतों को कुछ वक्त के लिए खत्म कर दिया है, जिससे यात्रियों की संख्या कम हो सके। साथ ही सरकार ने गैर जरूरी यात्राओं से बचने को भी कहा है।  

भारत ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर लगाई रोक
इससे पहले भारत सरकार ने विदेशों से भारत आने वाली सभी उड़ानों को एक हफ्तों के लिए बंद कर दिया है। यह रोक 22 मार्च से शुरू होगी। इस दौरान कोई भी कमर्शियल उड़ान भारत में दाखिल नहीं हो पाएगी। 

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