कोरोना का कहर : रेलवे ने 31 मार्च तक 84 और ट्रेनों को किया कैंसिल, अब तक कुल 155 ट्रेनें हुई रद्द

एक अधिकारी ने बताया, ‘‘इन 155 ट्रेनों में टिकट कराने वाले सभी यात्रियों को व्यक्तिगत रूप से इसके बारे में सूचित किया जा रहा है। इन ट्रेनों के लिए टिकट रद्द करने पर लगने वाला शुल्क नहीं वसूला जाएगा। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 19, 2020 12:47 PM IST

नई दिल्ली. रेलवे ने कोरोना वायरस के खतरे और यात्रियों की कम संख्या के कारण बृहस्पतिवार को 84 और ट्रेनों को रद्द कर दिया जो 20 से 31 मार्च के बीच नहीं चलेंगी।

भारत में अब तक वायरस के कारण 155 ट्रेनों को किया गया है रद्द

अधिकारियों ने बताया कि इसके साथ ही रद्द ट्रेनों की कुल संख्या 155 पर पहुंच गई है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि जिन ट्रेनों को रद्द किया जाना था उनकी पहचान कल रात कर ली गई और यह फैसला 20 मार्च से 31 मार्च तक लागू रहेगा। इन ट्रेनों में आईआरसीटीसी संचालित दो तेजस एक्सप्रेस ट्रेन और एक हमसफर एक्सप्रेस ट्रेन शामिल हैं।

टिकट कैंसल होने पर यात्रियों को किया जा रहा है सुचित

एक अधिकारी ने बताया, ‘‘इन 155 ट्रेनों में टिकट कराने वाले सभी यात्रियों को व्यक्तिगत रूप से इसके बारे में सूचित किया जा रहा है। इन ट्रेनों के लिए टिकट रद्द करने पर लगने वाला शुल्क नहीं वसूला जाएगा। यात्रियों को 100 प्रतिशत किराया वापस मिलेगा।’’ अधिकारियों ने बताया कि पर्यटक विशेष ट्रेनों जैसे कि महाराजा, बुद्धिस्ट, भारत दर्शन और राज्य विशेष ट्रेनों को पहले ही रद्द किया जा चुका है। मुंबई-अहमदाबाद और नयी दिल्ली-लखनऊ के बीच तेजस सेवाओं और इंदौर-वाराणसी के बीच हाल ही में शुरू हमसफर सेवा को रद्द करने का फैसला बुधवार रात को लिया गया।

संक्रमण से पीड़ित लोगों में 25 विदेशी नागरिक

राष्ट्रीय परिवाहक ने अपने कैटरिंग कर्मचारियों के लिए जोनल मुख्यालयों को दिशा निर्देश भी जारी किए थे जिसमें कहा गया कि बुखार, खांसी, जुकाम या सांस लेने में मुश्किल होने की शिकायत करने वाले किसी भी कर्मचारी को भारतीय रेलवे में भोजन बनाने से जुड़े किसी भी काम में तैनात न किया जाए। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 169 हो गए। देश के विभिन्न हिस्सों से 18 नए मामले सामने आए। इन मामलों में 25 विदेशी नागरिक शामिल हैं जिनमें से 17 इटली, तीन फिलीपीन, दो ब्रिटेन, एक-एक मामला कनाडा, इंडोनेशिया और सिंगापुर का है।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(प्रतीकात्मक फोटो)
 

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