सार

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा कि सीबीआई जांच जारी रखी जा सकती लेकिन कैंडिडटे्स या अधिकारियों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी।

 

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के 25 हजार शिक्षकों और गैर-शिक्षक कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने सभी शिक्षकों और कर्मचारियों के नियुक्ति को रद्द करने के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश देते हुए नियुक्त सहायक शिक्षकों व कर्मचारियों की नियुक्ति को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया था। हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया गया है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा कि सीबीआई जांच जारी रखी जा सकती लेकिन कैंडिडटे्स या अधिकारियों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी।

हाईकोर्ट ने किया था नियुक्ति रद्द

बीते दिनों कोलकाता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल में नियुक्त 25753 शिक्षकों व नॉन टीचिंग स्टॉफ की नियुक्ति को अवैध करार देते हुए सीबीआई को जांच का आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने 2016 में हुए स्कूल सेवा आयोग शिक्षक भर्ती के पूरे पैनल को अमान्य घोषित कर दिया था। पैनल को अमान्य घोषित कर हाईकोर्ट ने शिक्षकों और नॉन-टीचिंग स्टॉफ की सभी नियुक्तियों को रद्द कर दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि अगर जरूरी हुआ तो सीबीआई, भर्ती मामले में शामिल आरोपियों को कस्टडी में लेकर पूछताछ कर सकती है। इन शिक्षकों की नियुक्ति राज्य सरकार के विभिन्न ऐडेड व सरकारी स्कूलों में किया गया था। पश्चिम बंगाल सरकार, कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।  इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में नियुक्तियों को रद्द करने के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दिया था। 

मंगलवार को भी सुनवाई के दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने शिक्षकों के भविष्य को लेकर कई सवाल किए। उन्होंने राज्य सरकार से भी कड़े सवाल किए और परीक्षा कराने वाली नियामक से भी कई सवाल पूछे। हाईकोर्ट ने 2016 में हुए स्कूल सेवा आयोग शिक्षक भर्ती के पूरे पैनल को अमान्य घोषित कर दिया था। पैनल को अमान्य घोषित कर हाईकोर्ट ने शिक्षकों और नॉन-टीचिंग स्टॉफ की सभी नियुक्तियों को रद्द कर दिया था।

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