पीएम मोदी संयुक्त राष्ट्र के कन्वेंशन टू काम्बैट डिसर्टिफिकेशन (UN Covention to combat dessetification) में ‘मरुस्थलीकरण, भूमि क्षरण और सूखा’ विषय पर वर्चुअल सम्मेलन को संबोधित कर रहे।
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र संघ की हाईलेवल मीटिंग को संबोधित कर रहे हैं। जी-7 समिट के तीन सत्रों की मीटिंग के बाद पीएम मोदी ने यूएन की इस वर्चुअल मीटिंग में कहा कि भारत ने अपनी पवित्र भूमि को हमेशा महत्व दिया है। पवित्र पृथ्वी को हम अपनी मां के रूप में मानते हैं। भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भूमि क्षरण के मुद्दों को उठाने का बीड़ा उठाया है। हम विश्व के अन्य देशों से मिलकर इस धरती को हरा भरा करने में सफल होंगे।
पीएम मोदी संयुक्त राष्ट्र के कन्वेंशन टू काम्बैट डिसर्टिफिकेशन (UN Covention to combat dessetification) में ‘मरुस्थलीकरण, भूमि क्षरण और सूखा’ विषय पर वर्चुअल सम्मेलन को संबोधित कर रहे।
2030 तक 26 लाख हेक्टेयर खराब जमीन को सुधारने का काम
सभी प्रकार के जीवन और आजीविका के लिए भूमि अति आवश्यक है। लेकिन दुःख की बात यह कि दुनिया के दो-तिहाई हिस्से को भूमि-क्षरण से खतरा है। अगर अनियंत्रित छोड़ दिया गया तो भूमि क्षरण हमारे समाज, अर्थव्यवस्थाओं, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और जीवन की गुणवत्ता की नींव को नष्ट कर देगा। भूमि और उसके संसाधनों का दोहन कम करना होगा।
पीएम मोदी ने कहा कि हमने संयुक्त वन क्षेत्र को देश के कुल क्षेत्रफल के लगभग एक चैथाई तक बढ़ा दिया है। हम 2030 तक तक 26 लाख हेक्टेयर खराब भूमि को उर्वरा बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। यह 2.5 से 3 अरब टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर अतिरिक्त कार्बन सिंक हासिल करने में योगदान देगा।