PM Modi Birthday: भारत की यात्रा 'वचन से विकास तक'- PM मोदी की वादा निभाने वाली राजनीति और Viksit Bharat 2047 का विजन

Published : Sep 17, 2025, 03:31 PM IST
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सार

PM Modi Birthday: प्रधानमंत्री मोदी ने 'ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा' संकल्प से राजनीति में भरोसा लौटाया। जनधन, आयुष्मान भारत, जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत जैसे अभियानों से देश ने 'वचन से विकास तक' की ऐतिहासिक यात्रा तय की है।

आज (17 सितंबर 2025) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना 75वां जन्मदिन मन रहे हैं। भारत की यात्रा PM मोदी के 'वचन से विकास तक' नारे से आगे बढ़कर एक ठोस हकीकत बन चुकी है। पहले जहां नागरिकों को बड़े-बड़े भाषण तो सुनने को मिलते थे, लेकिन काम धरातल पर नहीं दिखता था, वहीं पीएम मोदी के आने के बाद तस्वीर बदल गई। उनका संकल्प 'ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा' केवल एक नारा नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का ऐलान था। 2014 में खुद को “प्रधान सेवक” कहकर और नारा “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास” देकर उन्होंने राजनीति में भरोसे को नया आधार दिया।

राजनीति में भरोसा बहाल हुआ

पिछले 11 वर्षों में राजनीति के प्रति जनता का विश्वास लौटा है। लालकिले से दिया गया उनका संदेश “हम साथ चलें, हम साथ बढ़ें और मिलकर देश को आगे ले जाएं” केवल बात नहीं, बल्कि बदलाव की हकीकत बनी। शुरुआती सालों में बैंकों तक गरीबों की पहुंच, शौचालय निर्माण और स्वच्छ भारत मिशन जैसे काम हुए। आज तकरीबन 12 करोड़ शौचालय बने हैं, जिसने लाखों घरों को गरिमा और सुरक्षा दी।

2019 के बाद सरकार ने गियर बदला और अब केवल योजनाएं नहीं, बल्कि पक्के घर, आयुष्मान भारत जैसी स्वास्थ्य सुरक्षा और वेलनेस सेंटर धरातल पर उतरे। 2024 के बाद लक्ष्य और भी बड़ा हो गया है—2047 तक विकसित भारत (Viksit Bharat) बनाने का। अब राजनीति सिर्फ वादे नहीं, बल्कि हर कदम पर पूरे किए जा रहे अनुबंध जैसी लगती है।

बड़े वादे और बड़ी डिलीवरी

प्रधानमंत्री जनधन योजना ने बैंकों के दरवाजे उन लोगों तक खोल दिए जो दशकों से बाहर रह गए थे। अब तक 56 करोड़ से ज्यादा खाते खोले गए। इससे मजदूर, किसान और बुजुर्ग सीधे लाभ पा रहे हैं। वन रैंक, वन पेंशन जैसे दशकों पुराने मुद्दे को हल करके सैनिकों को सम्मान और हक मिला। आयुष्मान भारत ने स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांति लाई। अब तक 41 करोड़ स्वास्थ्य कार्ड जारी हुए और 9 करोड़ से ज्यादा अस्पताल में भर्ती का खर्च कवर हुआ। अब गरीब परिवार कर्ज में डूबे बिना इलाज करा पा रहे हैं।

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गुजरात से निकला मॉडल, पूरे देश में लागू

गुजरात में मोदी ने ज्योति ग्राम योजना शुरू की थी। जहां कभी अंधेरा रहता था, वहां बिजली ने गांवों को रोशन कर दिया। 2006 तक 95% गांवों में भरोसेमंद बिजली पहुंच गई। इसी तरह पानी के लिए गुजरात की सुझलाम-सुफलाम योजना को बाद में राष्ट्रीय स्तर पर जल जीवन मिशन (JJM) के रूप में लागू किया गया। अगस्त 2025 तक 15 करोड़ ग्रामीण घरों में नल से पानी पहुंच चुका है। इससे महिलाओं को पानी लाने के झंझट से मुक्ति मिली और बच्चों की सेहत सुधरी।

हर क्षेत्र में ठोस नतीजे

रेलवे की गति बढ़ी, इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से फैला और अब 99% ग्रामीण इलाकों को ऑल-वेदर रोड से जोड़ा गया है। स्वच्छ भारत, जनधन, आयुष्मान भारत, जल जीवन मिशन जैसी योजनाएं इस बात का सबूत हैं कि अब सरकार 'कहा' से 'किया' की दिशा में काम कर रही है।

वैश्विक मंच पर भारत की नई पहचान

पिछले 11 सालों में भारत की ताकत अंतरराष्ट्रीय मंच पर और भी मजबूत हुई है। कोविड के दौरान वैक्सीन मैत्री से लेकर G20 की अध्यक्षता तक, भारत ने दुनिया में नई पहचान बनाई। आधार, UPI और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) मॉडल को अब वर्ल्ड बैंक ग्लोबल टेम्पलेट मानकर पढ़ रहा है। इंटरनेशनल सोलर एलायंस और नेट जीरो 2070 लक्ष्य ने भारत को जलवायु नेतृत्व का प्रतीक बनाया। अब भारत को “वैश्विक दक्षिण की आवाज” (Voice of the Global South) के रूप में मान्यता मिल रही है।

न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन

मोदी का विश्वास हमेशा से रहा है- 'Minimum Government, Maximum Governance'। हर योजना केवल घोषणा नहीं, बल्कि जिम्मेदारी है। हर वादा एक अनुबंध है जिसे निभाना है। शौचालय से लेकर बैंक खाते, एलपीजी कनेक्शन से लेकर स्टार्टअप लॉन्च तक, हर उपलब्धि एक ऐसे भारत की कहानी है जो 2047 तक पूरी तरह विकसित राष्ट्र बनने की राह पर है।

PM मोदी की वादा निभाने वाली राजनीति

आज राजनीति केवल भाषणों तक सीमित नहीं है। अब यह भरोसा दिलाती है कि वादा निभाया जाएगा। पीएम मोदी की अगुवाई में भारत ने आशा को हकीकत में बदला है। करोड़ों लोगों की जिंदगी बदली है- एक घर रोशन हुआ, एक मां सुरक्षित हुई, एक सैनिक सम्मानित हुआ और एक बच्चा नल से पानी पी सका। भारत की राजनीति अब सचमुच वादों से आगे बढ़कर “वचन से विकास” की मिसाल बन चुकी है।

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