
PM Modi Donald Trump Phone Call: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बातचीत की। दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका कंप्रीहेंसिव ग्लोबल स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप की समीक्षा की और द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने पर चर्चा की। बातचीत में विशेष तौर पर ट्रेड, डिफेंस और स्ट्रैटेजिक रिश्तों को नई गति देने पर जोर दिया गया।
इस बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार में रफ्तार बनाए रखने और पार्टनरशिप को मजबूत करने की जरूरत पर सहमति जताई। पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, 'राष्ट्रपति ट्रंप के साथ बहुत ही सौहार्दपूर्ण और सार्थक बातचीत हुई। हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा की और क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों पर चर्चा की।' उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए मिलकर काम करेंगे।
इस बातचीत में दोनों ग्लोबल नेताओं ने COMPACT (Catalysing Opportunities for Military Partnership, Accelerated Commerce & Technology) के तहत रक्षा, ऊर्जा और महत्वपूर्ण तकनीकों में सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की। दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार साझा किए और साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए लगातार संपर्क बनाए रखने पर सहमति दी।
भारत और अमेरिका के रिश्तों में हाल ही में कुछ तनाव भी देखने को मिला। जुलाई में रूसी तेल की खरीद पर 25% टैरिफ और अतिरिक्त 25% पेनल्टी लगने के बाद द्विपक्षीय संबंधों में कुछ गिरावट आई थी। भारत ने इसे अन्यायपूर्ण बताया और कहा कि इसमें तर्क समझ में नहीं आता, क्योंकि चीन सबसे बड़ा रूसी तेल खरीदार है और यूरोपीय संघ सबसे अधिक LNG खरीदता है। यह फोन कॉल व्लादिमिर पुतिन के हालिया भारत दौरे के कुछ दिनों बाद हुआ, जो भारत-रूस के करीबी संबंधों को दिखाता है।
इस समय अमेरिका की टीम दिल्ली में द्विपक्षीय व्यापार बातचीत कर रही है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि बातचीत अच्छी गति से चल रही है, लेकिन कोई अंतिम समय सीमा नहीं तय की गई। गोयल ने कहा, 'हमने बहुत अच्छी और सार्थक चर्चा की। लेकिन एक समझौता तभी होगा, जब दोनों पक्षों को फायदा हो। डेडलाइन के साथ समझौता करना गलतियां करवा सकता है।' अमेरिका के ट्रेड प्रतिनिधि जेमिसन ग्रीयर ने कहा कि अमेरिका ने भारत का अब तक का सबसे अच्छा प्रस्ताव देखा है। इस पर गोयल ने कहा कि अगर यह प्रस्ताव सबसे अच्छा है तो अमेरिकी प्रशासन को इसे तुरंत स्वीकार करना चाहिए।