काशी विश्वनाथ (Kashi Vishwanath Temple) के एक भक्त, जो देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के प्रबल प्रशंसक भी हैं, ने गर्भगृह के लिए 61 किलोग्राम सोना दान किया है- जो प्रधानमंत्री की मां हीराबेन (Prime Minister's mother Heeraben) के वजन के बराबर है।
नेशनल डेस्क। काशी विश्वनाथ (Kashi Vishwanath Temple) के एक भक्त, जो देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के प्रबल प्रशंसक भी हैं, ने गर्भगृह के लिए 61 किलोग्राम सोना दान किया है- जो प्रधानमंत्री की मां हीराबेन (Prime Minister's mother Heeraben) के वजन के बराबर है। रिपोर्टों के अनुसार, भक्त दक्षिण भारत (South India) से ताल्लुक रखता है और उसने किसी को भी अपना नाम बताने से मना किया है। काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) की दीवारों और छत पर 37 किलो वजनी सोने की प्लेट (Gold Plate) पहले ही लगाई जा चुकी है। यह दान करीब डेढ़ महीने पहले किया गया था और पहले चरण का काम रविवार तक पूरा हो गया जब प्रधानमंत्री मोदी एक रैली को संबोधित करने वाराणसी पहुंचे और बाद में मंदिर में पूजा-अर्चना की।
10 श्रमिकों ने 30 घंटों में पूरा किया काम
सूत्रों ने कहा कि मोदी को सोने की प्लेट दान से अवगत कराया गया और उन्होंने अनुष्ठान पूरा करने के बाद किए गए कार्यों को दिखाया। दस श्रमिकों द्वारा कार्य को 30 घंटे में पूरा किया गया। अन्य 24 किलो सोने की प्लेटों का उपयोग स्तंभों और गर्भगृह के शेष हिस्सों (गर्भगृह जहां शिवलिंग रखा गया है) के लिए किया जाएगा। यह कार्य मंगलवार के बाद शुरू होगा, जिस दिन शिवरात्रि मनाई जा रही है। जबकि अधिकारी ज्यादा जानकारी नहीं दे रहे हैं। भाजपा सूत्रों के अनुसार काशी विश्वनाथ का भक्त प्रधानमंत्री बड़ा फैन है और उसने यह दान पीएम मोदी की माता जी के वजन के बराबर किया है। 100 वर्षीय हीराबेन गांधीनगर में रहती हैं।
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187 साल के बाद सोना हुआ दान
रिपोर्ट्स के मुताबिक काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह की दीवारों पर परत चढ़ाने के लिए 187 साल बाद सोना दान किया जा रहा है। पहले सोना चढ़ाने की योजना को आईटी-वाराणसी के विशेषज्ञों ने ठुकरा दिया था, जिन्होंने कहा था कि दीवारें सोने की प्लेटों का वजन लेने के लिए उपयुक्त नहीं हैं। योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर गलियारे का नवीनीकरण किया गया है, जिससे अधिक स्थान बनाया जा रहा है और क्षेत्र की स्वच्छता सुनिश्चित की जा रही है। इससे भक्तों के लिए दर्शन आसान हो गए हैं। अब अधिक लोग बिना किसी परेशानी के मंदिर के दर्शन कर सकते हैं।