SCO Summit में बोले मोदी-कट्टरपंथ के खिलाफ लड़ाई सिर्फ सुरक्षा के लिए नहीं, भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज  ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन की वार्षिक शिखर बैठक (SCO Summit) को डिजिटल माध्यम के जरिए संबोधित किया।

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने फिर से अफगानिस्तान के मुद्दे पर दो टूक कहा कि कट्टरपंथ के खिलाफ लड़ाई सिर्फ सीमाओं की सुरक्षा और आपसी विश्वास के लिए ही नहीं, यह युवाओं के भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने आज ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन की वार्षिक शिखर बैठक (SCO Summit) को डिजिटल माध्यम के जरिए संबोधित किया। समिट की अध्यक्षता ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमान ने की। मोदी ने अफगानिस्तान का जिक्र करते हुए कहा कि उसने वर्तमान स्थिति को और भी स्पष्ट कर दिया है, इसलिए एससीओ को इस संबंध में त्वरित कदम उठाने की जरूरत है। 

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इस्लाम पर कहा
मोदी ने कहा-भारत में और एससीओ के लगभग सभी देशों में, इस्लाम से जुड़ी उदारवादी, सहिष्णु और समावेशी संस्थाएं और परम्पराएँ हैं। एससीओ को इनके बीच एक मजबूत तंत्र विकसित करने के लिए काम करना चाहिए।

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SCO को कट्टरपंथ के खिलाफ काम करना चाहिए
मोदी ने कहा-मेरा मानना है कि इस क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौतियां शांति, सुरक्षा और विश्वास की कमी से संबंधित है और इन समस्याओं का मूल कारण बढ़ता हुआ कट्टरवाद है। अफ़ग़ानिस्तान में हाल के घटनाक्रम ने इन चुनौतियों को और स्पष्ट कर दिया है। इस मुद्दे पर SCO को पहल लेकर काम करना चाहिए। इस साल हम एससीओ की 20वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। यह ख़ुशी की बात है कि इस शुभ अवसर पर हमारे साथ नए मित्र जुड़ रहे हैं। मैं ईरान का एससीओ के नए सदस्य देश के रूप में स्वागत करता हूं।

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मध्य एशिया को जुड़ने का न्यौता
मोदी ने कहा-भारत मध्य एशिया के साथ अपनी कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा मानना है कि भूमि से घिरे हुए मध्य एशिया के देशों को भारत के विशाल बाज़ार से जुड़कर अपार लाभ हो सकता है। ईरान के चाबहार बंदरगाह में हमारा निवेश और अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण गलियारे में हमारे प्रयास इसका समर्थन करते हैं। मोदी ने स्पष्ट कहा कि कनेक्टिविटी का कोई भी प्रयास वन-वे स्ट्रीट नहीं हो सकता है। ऐसी परियोजनाओं को परामर्शी, पारदर्शी और सहभागी होने की जरूरत है।


पूरा पढ़िए मोदी का भाषण

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