आईएमडी के अनुसार यास साइक्लोन बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने के साथ पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटों को पार करेगा।
नई दिल्ली। साइक्लोन ‘यास’ की तैयारियों की समीक्षा के लिए पीएम मोदी ने रविवार को बैठक की। हाईलेवल मीटिंग में पीएम मोदी ने ‘यस’ चक्रवात से उत्पन्न स्थितियों से निपटने के लिए मंत्रालयों और अन्य विभागों की तैयारियों की समीक्षा की है। पीएम ने कहा कि लोगों को सुरक्षित निकाला जाए और मूलभूत सेवाओं की जल्द से जल्द बहाली के लिए प्रयास किया जाए। बैठक में सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा नेशनल डिसास्टर मैनेजमेंट अथारिटी के प्रतिनिधि सहित कई मंत्रालयों के अधिकारी मौजूद रहे। रिव्यू मीटिंग में गृहमंत्री अमित शाह के अलावा कई अन्य मंत्री भी थे।
लोगों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित की जाएः पीएम मोदी
पीएम मोदी ने लोगों को सुरक्षित निकलाने के लिए राज्यों के साथ समन्वय में काम करने का निर्देश दिया। उन्होंने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता के बारे में बताया कि बिजली आपूर्ति और संचार नेटवर्क के आउटेज की समय अवधि न्यूनतम है और इसे तेजी से बहाल किया जाता है। पीएम ने अधिकारियों से राज्य सरकारों के साथ उचित समन्वय और योजना सुनिश्चित करने के लिए भी कहा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अस्पतालों में कोविड के उपचार और टीकाकरण में कोई व्यवधान न हो। पीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रभावित जिलों के नागरिकों को चक्रवात के दौरान क्या करें और क्या न करें के बारे में सलाह और निर्देश आसानी से समझने योग्य और स्थानीय भाषा में उपलब्ध कराए जाएं।
दो से चार मीटर तूफान की चेतावनी
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि चक्रवात ‘यास’ के 26 मई की शाम तक पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटों को पार करने की उम्मीद है। इसमें हवा की गति 155-165 किमी प्रति घंटे से लेकर 185 किमी प्रति घंटे तक होगी। इससे पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटीय जिलों में भारी बारिश होने की आशंका है। आईएमडी ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में लगभग 2 से 4 मीटर के तूफान की चेतावनी दी है।
अधिकारियों ने दी तैयारियों की जानकारी
पीएम को बताया गया कि कैबिनेट सचिव ने 22 मई 2021 को सभी तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों/एजेंसियों के साथ राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की बैठक की है। गृह मंत्रालय (एमएचए) हर स्थिति की समीक्षा कर रहा है और राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों और संबंधित केंद्रीय एजेंसियों के संपर्क में है। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को एसडीआरएफ की पहली किश्त पहले ही जारी कर दी है। एनडीआरएफ ने 46 टीमों को पहले से तैनात किया है। टीमें 5 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में नावों, पेड़ काटने वालों, दूरसंचार उपकरणों आदि से लैस हैं। इसके अलावा 13 टीमों को आज तैनाती के लिए एयरलिफ्ट किया जा रहा है और 10 टीमों को स्टैंडबाय पर रखा गया है। भारतीय तटरक्षक बल और नौसेना ने राहत, खोज और बचाव कार्यों के लिए जहाज और हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं। थल सेना की वायु सेना और इंजीनियर टास्क फोर्स इकाइयाँ, नावों और बचाव उपकरणों के साथ, तैनाती के लिए तैयार हैं। मानवीय सहायता और आपदा राहत इकाइयों के साथ सात जहाज पश्चिमी तट पर स्टैंडबाई पर हैं।
एनडीआरएफ कम्यूनिटी अवेयरनेस प्रोग्राम चला रहा
एनडीआरएफ संवेदनशील स्थानों से लोगों को निकालने के लिए राज्य एजेंसियों को उनकी तैयारियों में सहायता कर रहा है और चक्रवाती स्थिति से निपटने के लिए लगातार कम्यूनिटी अवेयरनेस प्रोग्राम भी चला रहा है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने समुद्र में सभी तेल प्रतिष्ठानों को सुरक्षित करने और उनके शिपिंग जहाजों को सुरक्षित बंदरगाह पर वापस लाने के उपाय किए हैं। विद्युत मंत्रालय ने आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली को सक्रिय कर दिया है और बिजली की तत्काल बहाली के लिए ट्रांसफार्मर, डीजी सेट और उपकरण आदि तैयार कर रहा है। दूरसंचार मंत्रालय सभी दूरसंचार टावरों और एक्सचेंजों पर लगातार नजर रख रहा है और दूरसंचार नेटवर्क को बहाल करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने प्रभावित क्षेत्रों में कोविड पर स्वास्थ्य क्षेत्र की तैयारी और प्रतिक्रिया के लिए प्रभावित होने की संभावना वाले राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी की है। बंदरगाह और जलमार्ग मंत्रालय ने सभी शिपिंग जहाजों को सुरक्षित करने के उपाय किए हैं और आपातकालीन जहाजों को तैनात किया है।
कई राज्यों को जारी किया गया अलर्ट
केंद्र ने राज्यों को दिशा निर्देश जारी कर दिया है। आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और अंडमान निकोबार द्वीप समूह को अलर्ट जारी कर आवश्यक तैयारियां करने को कहा गया है। एनडीआरएफ भी राहत और बचाव के लिए पूरी तरह से तैयारियों में जुटा हुआ है।