मोदी की सुरक्षा में चूक का मामला: क्या हुआ था उस दिन, आखिर कैसे हजारों की भीड़ में 20 मिनट फंसे रहे PM

5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब पंजाब के दौर पर थे, तभी उनकी सुरक्षा में चूक का बड़ा मामला सामने आया था। पीएम का काफिला एक फ्लाईओवर पर करीब 20 मिनट तक हजारों की भीड़ में फंसा रहा। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति ने फिरोजपुर के एसएसपी लॉ एंड ऑर्डर को दोषी माना है। आखिर क्या हुआ था उस दिन, जानते हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 25, 2022 7:34 AM IST / Updated: Aug 25 2022, 01:26 PM IST

नई दिल्ली। इसी साल 5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब पंजाब के दौर पर थे, तभी उनकी सुरक्षा में चूक का बड़ा मामला सामने आया था। पीएम का काफिला एक फ्लाईओवर पर करीब 20 मिनट तक हजारों की भीड़ में फंसा रहा। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार 25 अगस्त को फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जस्टिस इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति ने इस मामले में फिरोजपुर एसएसपी कानून और व्यवस्था हरमनदीप हंस को दोषी माना है। समिति ने माना कि फिरोजपुर एसएसपी लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन न कर पाने के साथ ही अपनी ड्यूटी निभाने में भी पूरी तरह नाकाम रहे, जबकि उन्हें 2 घंटे पहले सूचित किया गया था कि पीएम मोदी का काफिला उस रास्ते से गुजरेगा, फिर भी रूट क्लियर नहीं करवाया। आखिर क्या हुआ था 5 जनवरी को और कैसे 20 मिनट तक भीड़ में फंसा रहा पीएम का काफिला, आइए जानते हैं। 

तारीख- 5 जनवरी, जगह- पंजाब का फिरोजपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बारिश के बीच फिरोजपुर में एक जनसभा को संबोधित करने जा रहे थे। इसी बीच प्यारेआना गांव के एक फ्लाई ओवर पर आसपास के गांव के किसानों की भीड़ जमा थी।  फ्लाईओवर पर पहुंचते ही पीएम का काफिला वहां फंस गया। भीड़ के बीच पीएम मोदी करीब 20 मिनट तक उसी फ्लाईओवर पर फंसे रहे। 

20 मिनट तक पाकिस्तानी आर्टिलरी के रेंज में थे PM : 
पीएम मोदी का काफिला जिस फ्लाईओवर पर फंसा रहा, वो पाकिस्तान की सीमा से महज 20 किमी दूर थी। ये जगह पाकिस्तानी आर्टिलरी की रेंज में भी है। उस दिन मोदी के काफिले में सिर्फ एक ब्लैक गाड़ी थी, जिससे आसानी से PM की शिनाख्त की जा सकती थी। न कोई डमी काफिला, न कोई ऑल्टरनेट रूट की तैयारी और आगे प्रदर्शनकारियों का चक्का जाम। 

पीएम मोदी के पहले से तय प्लान में आखिर कहां हुई गड़बड़ी?
5 जनवरी 2022 की सुबह 9.30 बजे PM मोदी ने दिल्ली से उड़ान भरी। सुबह 10.25 बजे उनका विमान पंजाब के बठिंडा के भिसियाना एयरबेस पर लैंड हुआ। यहां से उन्हें हेलिकॉप्टर से फिरोजपुर स्थित हुसैनीवाला शहीद मेमोरियल पहुंचना था। बठिंडा एयरपोर्ट पर बारिश हो रही थी। यहां PM करीब 35 मिनट तक इंतजार करते रहे। 11 बजे तक बारिश नहीं रुकी तो प्रधानमंत्री को सड़क रूट से ही ले जाने का फैसला किया गया।

तो क्या पंजाब के डीजीपी ने दी गलत जानकारी : 
केंद्रीय एजेंसियों ने दावा किया कि PM बठिंडा के भिसियाना एयरबेस पर 11 बजे तक बारिश रुकने का इंतजार करते रहे। लेकिन जब बारिश नहीं रुकी तो इसके लिए ऑल्टरनेट रूट का इस्तेमाल करने का फैसला किया गया।  पंजाब पुलिस के DGP सिद्धार्थ चटोपाध्याय से इसकी मंजूरी मांगी गई। DGP की हरी झंडी मिलने के बाद PM मोदी का काफिला निकल पड़ा। ऐसे में सवाल ये भी है कि पंजाब पुलिस के सबसे बड़े अफसर ने पीएम के रूट का रास्ता क्लियर न होने के बावजूद गलत जानकारी दी।

पहले से तय था ऑल्टरनेट रूट?
SPG ब्लू बुक के मुताबिक प्रधानमंत्री कहीं भी यात्रा करते हैं, तो हवाई मार्ग के साथ ही एक ऑल्टरनेट सड़क मार्ग हमेशा तैयार रखा जाता है। सिक्योरिटी सोर्सेज के मुताबिक 29 दिसंबर, 2021 को ही SPG की एडवांस सिक्योरिटी लाइजन (ASL) टीम पंजाब गई थी। पंजाब पुलिस के साथ मिलकर ऑल्टरनेट रूट तैयार कर लिया गया था। यानी अगर किसी वजह से PM हेलिकॉप्टर से नहीं जा पाते, तो इसका ऑल्टरनेट रूट पहले से तय हो चुका था। तो फिर ऐसे में पंजाब पुलिस के अफसरों ने उस रूट को क्लियर क्यों नहीं करवाया?

PM के रूट पर कैसे पहुंचे प्रदर्शनकारी?
PM की रैली तय होने के बाद पंजाब के 8-10 किसान संगठनों ने बरनाला में एक मीटिंग की। इसमें तय हुआ कि जिस दिन PM आएंगे, किसान संगठन अपने क्षेत्र के कलेक्टर ऑफिस में PM का पुतला फूकेंगे। इसी तय प्लान के तहत 5 जनवरी को भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) का एक जत्था फिरोजपुर कलेक्टर के ऑफिस जा रहा था। 

कैसे PM के इतने नजदीक पहुंच गए लोग? 
जब ये जत्था प्यारेआना गांव के पास पहुंचा, तो पुलिस ने इसे रोक लिया। इससे जत्थे के लोग नाराज हो गए और हाईवे पर बने फ्लाईओवर को जाम कर दिया। इसकी वजह से PM की रैली में शामिल होने जा रही कई बसें और गाड़ियां भी फंस गईं। लेकिन पुलिस ने इन्हें हटाने के लिए बल प्रयोग नहीं किया। यहां तक कि वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने अपने सीनियर अफसरों को भी सही जानकारी नहीं दी। इसके चलते प्रदर्शनकारी PM के काफिले के बेहद नजदीक पहुंच गए। 

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