सार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी( Prime Minister Narendra Modi) 5 जनवरी, 2022 को पंजाब के दौरे पर थे। यह मामला पंजाब विधानसभा चुनाव के पहले का है। तब उनके काफिले को रोक लिया गया था। इसे एक गंभीर मामला माना गया था।
नई दिल्ली. 5 जनवरी, 2022 के पंजाब दौरे के वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी( Prime Minister Narendra Modi) की सुरक्षा में चूक के मामले में आज(25 अगस्त) सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। अदालत ने सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जस्टिस इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति द्वारा सम्मिट की गई रिपोर्ट को पढ़ा। इसमें कहा गया कि फिरोजपुर एसएसपी कानून और व्यवस्था( law and orde) बनाए रखने के अपने कर्तव्य का निर्वहन करने में विफल रहे। रिपोर्ट में कहा गया कि पर्याप्त बल उपलब्ध होने के बावजूद वह (फिरोजपुर एसएसपी) ऐसा करने में विफल रहे, भले ही उन्हें 2 घंटे पहले सूचित किया गया था कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी उस मार्ग से निकलेंगे। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति प्रधानमंत्री की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए उपचारात्मक उपायों का सुझाव देती है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वह सरकार को रिपोर्ट भेजेगा, ताकि उचित कदम उठाए जा सकें।
इधर, भाजपा के पंजाब राज्य सचिव तजिंदर सिंह सरन ने कहा कि चन्नी के नेतृत्व वाली सरकार(तब कांग्रेस की सरकार थी) ने अहंकार से पीएम सुरक्षा प्रोटोकॉल का मजाक उड़ाया। दोषी एसएसपी नहीं, बल्कि तत्कालीन साजिशकर्ता सीएम हैं। मामला पंजाब विधानसभा चुनाव के पहले का है। तब उनके काफिले को रोक लिया गया था। इसे एक गंभीर मामला माना गया था। मोदी को बगैर कार्यक्रम किए दिल्ली लौटना पड़ा था।इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए रिटायर्ड जस्टिस इंदु मल्होत्रा की अगुआई में जांच कमेटी बनाई थी। हालांकि जांच को सार्वजनिक नहीं किया गया। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पीएम की सुरक्षा में चूक पर जांच की बात कही थी। उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा था कि पीएम की सुरक्षा हर राज्य की जिम्मेदारी है। बता दें कि तब पंजाब में कांग्रेस की सरकार थी।
जानिए आखिर 5 जनवरी को क्या हुआ था?
बात 5 जनवरी,2022 की है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पंजाब के फिरोजपुर में जनसभा को संबोधित करने जाना था। इसके लिए वे सुबह बठिंडा एयरबेस पर पहुंचे थे। यहां से उन्हें हेलिकॉप्टर से हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक में भगत सिंह की समाधि पर जाकर पुष्प अर्पित करना था। उस समय मौसम बेहद खराब था। धुंध और बारिश की वजह से पीएम मोदी 20 मिनट तक इंतजार करते रहे। बाद में उन्होंने सड़क के रास्ते राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाने का फैसला किया। इस रास्ते से 2 घंटे का समय लगना था। पंजाब डीजीपी से सुरक्षा प्रबंधों की पुष्टि के बाद पीएम मोदी सड़क के रास्ते आगे बढ़े। करीब 30 किमी पहले पीएम मोदी का काफिला जब फ्लाईओवर पर पहुंचा, तो यहां कुछ प्रदर्शनकारियों ने रास्ता रोक रखा था। इसके चलते पीएम मोदी के काफिले को 20 मिनट तक फ्लाईओवर पर रुकना पड़ा। इसे पीएम की सुरक्षा में बड़ी चूक माना गया।
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सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल ने सुझाव दिया कि केंद्र सरकार की कमेटी जांच करे और कोर्ट को अपनी रिपोर्ट दे। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार को फटकार लगी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जब आप तय ही नहीं कर पा रहे हैं कि चूक हुई है या नहीं तो कोर्ट क्यों आए हैं?
डीजीपी द्वारा आवश्यक सुरक्षा प्रबंधों की पुष्टि के बाद प्रधानमंत्री सड़क मार्ग से यात्रा करने के लिए आगे बढ़े। हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक से लगभग 30 किलोमीटर पहले, जब पीएम का काफिला एक फ्लाईओवर पर पहुंचा, तो वहां कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर जाम लगा रखा था। इसके बाद मोदी वापस दिल्ली के लिए लौट आए। पीएम मोदी ने वहां के अधिकारियों से कहा था-अपने सीएम को धन्यवाद कहना, की में बटिंडा हवाई अड्डे तक जिंदा लौट पाया।
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