
PM Modi speaks Putin: पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से टेलीफोन पर बातचीत की है। दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने यूक्रेन से जुड़े ताजा हालात पर चर्चा की है। बातचीत में पीएम मोदी ने दोहराया कि भारत का रुख हमेशा से इस संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में रहा है। उधर, चीन ने पीएम मोदी के शंघाई शिखर सम्मेलन में शिरकत करने के निर्णय का स्वागत किया है। शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) शिखर सम्मेलन सम्मेलन 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन के तियानजिन (Tianjin) शहर में होगा।
पीएम नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत-रूस विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी (Special and Privileged Strategic Partnership) को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई। बातचीत के दौरान द्विपक्षीय एजेंडे में हुई प्रगति की भी समीक्षा की गई। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को इस वर्ष के अंत में भारत आने और 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन (India-Russia Annual Summit) में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।
आगामी शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) शिखर सम्मेलन मे पीएम मोदी भाग लेने चीन जाएंगे। यह सम्मेलन 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन के तियानजिन (Tianjin) शहर में होगा। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन (Guo Jiakun) ने कहा कि तियानजिन समिट SCO के गठन के बाद से सबसे बड़े पैमाने पर आयोजित होगी। उन्होंने भरोसा जताया कि यह सम्मेलन एकता, दोस्ती और ठोस नतीजों का प्रतीक बनेगा और SCO एक नए उच्च गुणवत्ता वाले विकास चरण में प्रवेश करेगा।
SCO की स्थापना 2001 में क्षेत्रीय स्थिरता और सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हुई थी। वर्तमान में इसके 10 सदस्य देश हैं – बेलारूस, चीन, भारत, ईरान, कज़ाख़स्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान। इस बार सभी सदस्य देशों के प्रमुखों के साथ-साथ 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख भी शामिल होंगे।
भारत-चीन के रिश्तों में 2020 में खटास और आ गई थी जब गलवान घाटी की झड़प हुई थी। 2019 में पीएम मोदी ने चीन की यात्रा की थी। मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) की आखिरी मुलाकात अक्टूबर 2024 में कज़ान में BRICS समिट के दौरान हुई थी जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव कम करने की कोशिशें तेज़ हुईं। हालांकि, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने जब ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया तो चीन पूरी तरह से पाकिस्तान के साथ खड़ा हुआ नजर आया। पाकिस्तान को अत्याधुनिक हथियारों से लैस कर चीन ने उसके साथ एकजुटता दिखायी। अब एक बार फिर भारत और चीन के बीच तनाव कम करने की कोशिशें तेज हो गई हैं। पीएम मोदी की शंघाई सम्मेलन में शिरकत करना इसी कड़ी में एक पहल है।
समिट के दौरान पीएम मोदी की मुलाकात रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) और शी जिनपिंग से भी होने की संभावना है। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से कच्चा तेल खरीदने को लेकर भारत पर भारी टैरिफ लगाए हैं। हालांकि, SCO रक्षा मंत्रियों की पिछली बैठक में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था क्योंकि उसमें बलूचिस्तान का ज़िक्र था लेकिन पहलगाम हमले का जिक्र नहीं किया गया था, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी।