एक ट्रैक पर दो ट्रेनें आईं तो खुद रुक जाएंगी...जानें कैसी होगी बिना ड्राइवर वाली ट्रेन, पीएम ने किया उद्घाटन
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दिल्ली मेट्रो की मजेंटा लाइन पर देश की पहली ड्राइवरलेस मेट्रो को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस कार्यक्रम में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल हुए। पीएम ने दिल्ली मेट्रो की एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर सफर के लिए नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड(NCMC) सेवा की भी शुरूआत की।
Asianet News Hindi | Published : Dec 28, 2020 2:03 AM IST / Updated: Dec 28 2020, 11:48 AM IST
नई दिल्ली. नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दिल्ली मेट्रो की मजेंटा लाइन पर देश की पहली ड्राइवरलेस मेट्रो को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस कार्यक्रम में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल हुए। पीएम ने दिल्ली मेट्रो की एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर सफर के लिए नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड(NCMC) सेवा की भी शुरूआत की। इस दौरान पीएम मोदी ने देश में मेट्रों सेवाओं सहित तमाम प्रोजेक्ट्स की जानकारी दी।
सरकार ने बताया, किस फॉर्मूले पर किया काम?
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"इस सोच से अलग आधुनिक सोच ये कहती है शहरीकरण को चुनौती ना मानकर एक अवसर की तरह इस्तेमाल किया जाए। एक ऐसा अवसर जिसमें हम देश में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर बना सकते हैं। एक ऐसा अवसर जिससे हम ईज ऑफ लीविंग बढ़ा सकते हैं। सोच का ये अंतर शहरीकरण के हर आयाम में दिखता है।"
"भविष्य की जरूरतों के लिए देश को आज तैयार करना गवर्नेंस का अहम दायित्व है। लेकिन कुछ दशक पहले जब शहरीकरण का असर और प्रभाव बिल्कुल साफ था उस समय अलग ही रवैया देश ने देखा। देश की जरूरतों को लेकर उतना ध्यान नहीं था, आधे-अधूरे मन से काम होता था, भ्रम की स्थिति बनी रहती थी।"
"ये सिर्फ आंकड़े नहीं हैं ये करोड़ों भारतीयों के जीवन में आ रही ईज ऑफ लीविंग के प्रमाण हैं। ये सिर्फ ईंट पत्थर, कंक्रीट और लोहे से बने इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं हैं बल्कि देश के नागरिकों, देश के मिडिल क्लास की आकांक्षा पूरा होने के साक्ष्य हैं।"
सरकार ने बताया, आगे क्या करने वाली है?
"2014 में सिर्फ 5 शहरों में मेट्रो रेल थी। आज 18 शहरों में मेट्रो रेल की सेवा है। वर्ष 2025 तक हम इसे 25 से ज्यादा शहरों तक विस्तार देने वाले हैं।"
"RRTS- दिल्ली मेरठ RRTS का शानदार मॉडल दिल्ली और मेरठ की दूरी को घटाकर एक घंटे से भी कम कर देगा। मेट्रोलाइट, उन शहरों में जहां यात्री संख्या कम है वहां मेट्रोलाइट वर्जन पर काम हो रहा है। ये सामान्य मेट्रो की 40 प्रतिशत लागत से ही तैयार हो जाती है।
मेट्रो सर्विसेस के विस्तार के लिए, मेक इन इंडिया महत्वपूर्ण है। मेक इन इंडिया से लागत कम होती है, विदेशी मुद्रा बचती है, और देश में ही लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिलता है। रोलिंग स्टॉक के मानकीकरण से हर कोच की लागत अब 12 करोड़ से घटकर 8 करोड़ पहुंच गयी है।"
"वन नेशन, वन फास्टैग से देशभर के हाइवे पर ट्रैवल सीमलेस हुआ है। वन नेशन, वन टैक्स यानि GST से देशभर में टैक्स का जाल समाप्त हुआ है। वन नेशन, वन पावर ग्रिड, से देश के हर हिस्से में पर्याप्त और निरंतर बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित हो रही है। बिजली का नुकसान कम हुआ है।"
"वन नेशन, वन गैस ग्रिड से, उन हिस्सों की सीमलेस गैस कनेक्टिविटी सुनिश्चित हो रही है, जहां गैस आधारित जीवन और अर्थव्यवस्था पहले सपना हुआ करता था। वन नेशन, वन हेल्थ एश्योरेंस स्कीम यानि आयुष्मान भारत से देश के करोड़ों लोग पूरे देश में कहीं भी इसका लाभ ले रहे हैं।"
"हमारी सरकार ने मेट्रो पॉलिसी बनाई और उसे चौतरफा रणनीति के साथ लागू भी किया। हमने जोर दिया स्थानीय मांग के हिसाब से काम करने पर, हमने जोर दिया स्थानीय मानकों को बढ़ावा देने पर, हमने जोर दिया मेक इन इंडिया विस्तार पर, हमने जोर दिया आधुनिक टेक्नोलॉजी के उपयोग पर। हमने ध्यान दिया कि मेट्रो का विस्तार, ट्रांसपोर्ट के आधुनिक तौर-तरीकों का इस्तेमाल शहर के लोगों की जरुरतों और वहां की प्रोफेशनल लाइफस्टाइल के हिसाब से ही होना चाहिए। यही वजह है कि अलग अलग शहरो में अलग अलग तरह की मेट्रो रेल पर काम हो रहा है।"
सरकार ने आउट ऑफ द बॉक्स क्या काम किया?
"मेट्रो नियो - जिन शहरों में सवारियां और भी कम है वहां पर मेट्रो नियो पर काम हो रहा है। ये सामान्य मेट्रो की 25 प्रतिशत लागत से ही तैयार हो जाती है। इसी तरह है वॉटर मेट्रो, ये भी आउट ऑफ द बॉक्स सोच का उदाहरण है।"
"आज चार बड़ी कंपनियां देश में ही मेट्रो कोच का निर्माण कर रही हैं। दर्जनों कंपनिया मेट्रो कंपोनेंट्स के निर्माण में जुटी हैं। इससे मेक इन इंडिया के साथ ही आत्मनिर्भर भारत के अभियान को मदद मिल रही है।"
"अभी मुझे बिना ड्राइवर के चलनी वाले मेट्रो रेल का उद्घाटन करने का अवसर मिला है। आज इस उपलब्धि के साथ ही हमारा देश दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है जहां इस तरह की सुविधा हैं।"
सरकार किस तकनीक पर काम कर रही है?
"हम ऐसे ब्रेकिंग सिस्टम का भी प्रयोग कर रहे हैं जिनमें ब्रेक लगाने पर 50 प्रतिशत उर्जा वापस ग्रिड में चली जाती है। आज मेट्रो रेल में 130 मेगावाट सोलर पावर का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसे बढ़ाकर 600 मेगावाट तक ले जाया जाएगा।"
"आधुनिकीकरण के लिए एक ही तरह के मानक और सुविधाएं उपलब्ध कराना बहुत जरूरी है। राष्ट्रीय स्तर पर कॉमन मोबिलिटी कार्ड इसी दिशा में एक बड़ा कदम है। आप जहां कहीं से भी यात्रा करें, आप जिस भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट से यात्रा करें, ये एक कार्ड आपको इन्ट्रीग्रेटेड एक्सेस देगा।"
"आज तमाम व्यवस्थाओं को एकीकृत करके देश की ताकत को बढ़ाया जा रहा है, एक भारत-श्रेष्ठ भारत को मजबूत किया जा रहा है। वन नेशन, वन मोबिलिटी कार्ड की तरह ही बीते वर्षों में हमारी सरकार ने देश की व्यवस्थाओं का एकीकरण करने के लिए अनेक काम किए हैं।"
"वन नेशन, वन राशनकार्ड, से एक स्थान से दूसरे स्थान जाने वाले नागरिकों को नया राशनकार्ड बनाने के चक्करों से मुक्ति मिली है। इसी तरह नए कृषि सुधारों और e-NAM जैसी व्यवस्थाओं से वन नेशन, वन एग्रीकल्चर मार्केट की दिशा में देश आगे बढ़ रहा है।"
ड्राइवरलेस ट्रेन का सफर 37 किमी. का होगा देश की पहली ड्राइवरलेस ट्रेन का सफर 37 किलोमीटर का होगा। यह दिल्ली मेट्रो के मजेंटा लाइन और पिंक लाइन पर चलाई जाएगी। पहले चरण में ट्रेन जनकपुरी पश्चिम से नोएडा के बॉटनिकल गार्डन स्टेशन के बीच दौड़ेगी। उसके बाद साल 2021 में पिंक लाइन में 57 किमी. तक चलाई जाएगी। यह मजलिस पार्क से शिव विहार तक चलाई जाएगी।
ड्राइवरलेस ट्रेन में होंगे 6 कोच ड्राइवरलेस ट्रेन में 6 कोच होंगे। करीब 3 साल पहले ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन का ट्रायल कर रहा था। पहली बार सितंबर 2017 को इसका ट्रायल शुरू हुआ था।
ट्रेन की रफ्तार 95 किमी. प्रति घंटा ड्राइवरलेस ट्रेन की रफ्तार अधिकतम 95 किमी. प्रति घंटा होगा। ट्रेन के हर कोच में 380 यात्री सवार हो सकते हैं। इतना ही नहीं, इस ट्रेन में केबिन नहीं होगा। कोच की डिजाइन नई होगी। सबसे खास फीचर ट्रेन के अंदर और बाहर लगे अत्याधुनिक कैमरे होंगे। सेंसर आधारित ब्रेक किसी भी हादसे के वक्त तुरंत लग जाएंगे।