‘आत्मनिर्भर नारी-शक्ति से संवाद’ में बोले PM-सभी बहनें गांवों में विकास लाने नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ें

PM नरेंद्र मोदी आज 'आत्मनिर्भर नारी शक्ति से संवाद' कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने आत्मनिर्भर महिलाओं से उनकी सफलता की कहानियां जानीं। PM ने 1625 करोड़ की सहायता राशि भी जारी की।

Asianet News Hindi | Published : Aug 12, 2021 3:19 AM IST / Updated: Aug 12 2021, 01:46 PM IST

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 'आत्मनिर्भर नारी शक्ति से संवाद'(Atmanirbhar Narishakti se Samvad) में शामिल हुए। उन्होंने दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) के तहत पदोन्नत महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) के सदस्यों के साथ बातचीत भी की। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं की सफलता की कहानी का संक्षिप्त विवरण तथा कम व छोटी जोत वाली खेती से पैदा होने वाली आजीविका पर एक पुस्तिका भी जारी की।

6-7 साल में स्व सहायता समूहों में तीन गुना बढ़ोतरी
मोदी ने कहा-आज देशभर में लगभग 70 लाख स्वयं सहायता समूह हैं, जिनसे लगभग 8 करोड़ बहनें जुड़ी हैं। पिछले 6-7 सालों के दौरान स्वयं सहायता समूहों में तीन गुना से अधिक की बढ़ोतरी हुई है, तीन गुना बहनों की भागीदारी सुनिश्चित हुई है।

सिंगल यूज प्लास्टिक पर जोर
मोदी ने कहा-आज देश को सिंगल यूज़ प्लास्टिक से मुक्त करने का अभी अभियान चल रहा है। इसमें सेल्फ हेल्प ग्रुप्स की दोहरी भूमिका है। आपको सिंगल यूज़ प्लास्टिक को लेकर जागारुकता भी बढ़ानी है और इसके विकल्प के लिए भी काम करना है।

भारत में बने खिलौनों को प्रोत्साहन
मोदी ने कहा-भारत में बने खिलौनों को भी सरकार बहुत प्रोत्साहित कर रही है, इसके लिए हर संभव मदद भी दे रही है। विशेष रूप से हमारे आदिवासी क्षेत्रों की बहनें तो पारंपरिक रूप से इससे जुड़ी हैं।

नई ऊर्जा के साथ जुड़ना है
मोदी ने कहा-आजादी के 75 वर्ष का ये समय नए लक्ष्य तय करने और नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने का है। सरकार लगातार वो माहौल, वो स्थितियां बना रही है जहां से आप सभी बहनें हमारे गांवों को समृद्धि और संपन्नता से जोड़ सकती हैं।

फूड प्रोसेसिंग पर जोर
मोदी बोले-फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्यम हो, महिला किसान उत्पादक संघ हो या फिर दूसरे स्वयं सहायता समूह, बहनों के ऐसे लाखों समूहों के लिए 1,600 करोड़ रुपये से अधिक राशि भेजी गई है।

भारत में बहनों-बेटियों के बढ़ने के अवसर
प्रधानमंत्री ने कहा-आज बदलते हुए भारत में देश की बहनों-बेटियों के पास भी आगे बढ़ने के अवसर बढ़ रहे हैं। घर, शौचालय, बिजली, पानी, जैसी सुविधाओं से सभी बहनों को जोड़ा जा रहा है। बहनों-बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, टीकाकरण और दूसरी ज़रूरतों पर भी सरकार पूरी संवेदनशीलता से काम कर रही है।

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1625 करोड़ रुपए की सहायता राशि जारी 
प्रधानमंत्री चार लाख स्व-सहायता समूहों को 1,625 करोड़ रुपये की नई सहायता राशि भी जारी की। इसके अलावा पीएमएफएमई (पीएम फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइसेज) के तहत आने वाले 7,500 स्व-सहायता समूहों को 25 करोड़ रुपये की आरंभिक धनराशि भी जारी की। यह खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय(Ministry of Food Processing Industries) की योजना है। इसी तरह मिशन के तहत आने वाले 75 एफपीओ (किसान उत्पादक संगठनों) को 4.13 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान की गई।

कार्यक्रम में ये भी रहे मौजूद
इस अवसर पर ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री गिरिराज सिंह, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस, ग्रामीण विकास राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और फग्गन सिंह कुलस्ते, पंचायत राज राज्यमंत्री कपिल मोरेश्वर पाटिल और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल भी उपस्थित रहे। 

जानिए क्या है दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन 
इस मिशन का उद्देश्य है कि ग्रामीण इलाकों के गरीब ग्रामीण परिवारों को स्व-सहायता समूहों से जोड़ना। यह क्रमबद्ध तरीके से किया जाता है और गांव के गरीबों को लंबे समय तक सहायता दी जाती है, ताकि वे अन्य तरह से भी अपनी आजीविका प्राप्त कर सकें, अपनी आय और जीवन के स्तर में सुधार ला सकें। मिशन की कई पहलों को कार्यान्वित किया जा रहा है। स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं प्रशिक्षित होकर अपने समुदाय की अगुआ बन गई हैं, जैसे कृषि सखी, पशु सखी, बैंक सखी, बीमा सखी, बैंक संवाद सखी, आदि। मिशन स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को शक्तिसम्पन्न भी बना रहा है। मिशन घरेलू हिंसा, महिला शिक्षा और लैंगिक मुद्दों, पोषण, स्वच्छता, स्वास्थ्य आदि से जुड़े मुद्दों के प्रति जागरूक बना रहा है और उनकी समझ व व्यवहार को विकसित कर रहा है।

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