पीएम मोदी बोले- नेताजी ने जिस सशक्त भारत की कल्पना की थी, आज दुनिया LAC से LoC तक वही अवतार देख रही

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल में हैं। पीएम ने सबसे पहले कोलकाता में नेताजी भवन का दौरा किया। करीब 15 मिनट तक नेताजी भवन में बिताने के बाद पीएम मोदी विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित ‘पराक्रम दिवस’ समारोह को संबोधित करेंगे।

Asianet News Hindi | Published : Jan 23, 2021 1:54 AM IST / Updated: Jan 23 2021, 06:27 PM IST

कोलकाता. नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल पहुंचे। पीएम ने सबसे पहले कोलकाता में नेताजी भवन का दौरा किया। करीब 15 मिनट तक नेताजी भवन में बिताने के बाद पीएम मोदी ने विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित ‘पराक्रम दिवस’ समारोह को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, आज कोलकाता में आना मेरे लिए बहुत भावुक कर देने वाला क्षण है। बचपन से जब भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी का नाम सुना, मैं किसी भी स्थिति-परिस्थिति में रहा, इस नाम से एक नई ऊर्जा से भर गया।

पीएम मोदी ने कहा, आज के ही दिन मां भारती की गोद में उस वीर सपूत ने जन्म लिया था, जिसने आजाद भारत के सपने को नई दिशा दी थी। आज के ही दिन गुलामी के अंधेरे में वो चेतना फूटी थी, जिसने दुनिया की सबसे बड़ी सत्ता के सामने खड़े होकर कहा था, मैं तुमसे आजादी मांगूंगा नहीं, छीन लूंगा।

इशारों में चीन-पाकिस्तान पर साधा निशाना
पीएम मोदी ने कहा, जिस सशक्त भारत की नेताजी ने कल्पना की, आज एलएसी से एलओसी तक यही अवतार दुनिया देख रही। जहां कहीं से भारत की संप्रभुता को चुनौती देने की कोशिश की गई। भारत आज मुंहतोड़ जवाब दे रहा है। 

पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें

- पीएम मोदी ने कहा, मैं नेता जी की 125वीं जयंती पर कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से उन्हें नमन करता हूं। मैं आज बालक सुभाष को नेताजी बनाने वाली, उनके जीवन को तप, त्याग और तितिक्षा से गढ़ने वाली बंगाल की इस पुण्यभूमि को भी नमन करता हूं। 
- मैंने अनुभव किया है कि नेताजी का नाम सुनते ही हर कोई कितनी ऊर्जा से भर जाता है। नेताजी के जीवन की ऊर्जा जैसे उनके अंतर्मन से जुड़ गई है। उनकी ऊर्जा, आदर्श, तपस्या, त्याग देश के हर युवा के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है।
- आज जब भारत नेताजी की प्रेरणा से आगे बढ़ रहा है तो हम सभी का कर्तव्य है कि उनके योगदान को पीढ़ी दर पीढ़ी याद किया जाए। इसलिए देश ने ये तय किया है कि अब हर वर्ष हम नेताजी की जयंती, यानी 23 जनवरी को 'पराक्रम दिवस' के रूप में मनाया करेंगे।
- आज जब इस वर्ष देश अपनी आजादी के 75 वर्ष में प्रवेश करने वाला है, जब देश आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, तब नेताजी का जीवन, उनका हर कार्य, उनका हर फैसला, हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है।
- उनके जैसे फौलादी इरादों वाले व्यक्तित्व के लिए असंभव कुछ नहीं था। उन्होंने विदेश में जाकर देश से बाहर रहने वाले भारतीयों की चेतना को झकझोरा। उन्होंने पूरे देश से हर जाति, पंथ, हर क्षेत्र के लोगों को देश का सैनिक बनाया।
- नेताजी ने संकल्प था भारत की जमीन पर आजाद भारत की आजाद सरकार की नींव रखेंगे। नेताजी ने अपना ये वादा भी पूरा करके दिखाया। उन्होंने अंडमान में अपने सैनिकों के साथ आकर तिरंगा फहराया।
- पीएम मोदी ने कहा, क्या मेरा एक काम कर सकते हो? ये काम, ये काज, ये लक्ष्य आज भारत को आत्मनिर्भर बनाने का है। देश का जन-जन, देश का हर क्षेत्र, देश का हर व्यक्ति इससे जुड़ा है। 
- उन्होंने कहा, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, गरीबी को, अशिक्षा को, बीमारी को, देश की सबसे बड़ी समस्याओं में गिनते थे। हमारी सबसे बड़ी समस्या गरीबी, अशिक्षा, बीमारी और वैज्ञानिक उत्पादन की कमी है। इन समस्याओं के समाधान के लिए समाज को मिलकर जुटना होगा, मिलकर प्रयास करना होगा।
- पीएम मोदी ने कहा, नेताजी सुभाष, आत्मनिर्भर भारत के सपने के साथ ही सोनार बांग्ला की भी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं। जो भूमिका नेताजी ने देश की आज़ादी में निभाई थी, वही भूमिका पश्चिम बंगाल को आत्मनिर्भर भारत में निभानी है। आत्मनिर्भर भारत का नेतृत्व आत्मनिर्भर बंगाल और सोनार बांग्ला को भी करना है।

नेताजी के नाम पर मोदी-ममता साथ, नहीं हुई बात

विक्टोरिया मेमोरियल में नेताजी की जयंति पर कार्यक्रम है, जिसमें सीएम ममता बनर्जी को भी बुलाया गया था। पहले तो कयास लगाए जा रहे थे कि ममता बनर्जी कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगी, लेकिन बड़ा दिल दिखाते हुए ममता बनर्जी आईं। पीएम मोदी आगे-आगे चलते रहें और पीछे-पीछे ममता बनर्जी। दोनों की साथ चलने की तस्वीरें तो सामने आईं, लेकिन इस दौरान दोनों नेता एक बार भी बात नहीं की।

विक्टोरिया मेमोरियल में कार्यक्रम की प्रस्तुति

 

चुनाव से पहले मोदी और ममता ने साझा किया मंच

पीएम मोदी के दौरे से पहले ममता बनर्जी ने कोलकाता में 8 किमी लंबा रोड शो किया। इसके बाद पीएम मोदी करीब 3.30 बजे कोलकाता पहुंचे। सबसे पहले नेताजी भवन का दौरा किया। फिर विक्टोरिया मेमोरियल गए। यहीं पर एक डाक टिकट जारी किया जाएगा। जहां ममता बनर्जी को भी बुलाया गया था।  

सुबह असम में संबोधित किया, शाम को बंगाल पहुंचे 

पश्चिम बंगाल में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाला है उससे पहले यह दौरा बेहद अहम माना जा रहा है। बंगाल जाने से पहले पीएम मोदी असम भी गए थे। भारत सरकार ने पिछले दिनों हर साल 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को 'पराक्रम दिवस' के रूप में मनाने का फैसला किया है, ताकि देश के लोगों विशेषकर युवाओं को देशभक्ति के लिए प्रेरित किया जा सके।

 कोलकाता में स्थित नेताजी भवन का क्या महत्व है?

नेताजी भवन (नेताजी का निवास स्थान) एक इमारत है जो कोलकाता में  सुभाष चंद्र बोस के जीवन के स्मारक और अनुसंधान केंद्र के रूप में बनी हुई है। 1909 में बोस के पिता द्वारा बनाए इस घर का स्वामित्व और प्रबंधन नेताजी रिसर्च ब्यूरो द्वारा किया जाता है और इसमें एक संग्रहालय, अभिलेखागार और पुस्तकालय शामिल हैं। 1941 में नेताजी भवन में गिरफ्तारी से बच गए और बर्लिन भाग गए।

प. बंगाल विधानसभा चुनाव 2016 का रिपोर्ट कार्ड

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