अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव :पीएम मोदी ने कहा, डिजिटल तकनीक के जरिए गरीबों को भी सरकार से जोड़ा जा रहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, त्योहार, उत्सव भारत की संस्कृति भी है और परंपरा भी है। आज हम विज्ञान को सेलिब्रेट कर रहे हैं। हम उस ह्यूमन स्प्रिट को भी सेलिब्रेट कर रहे हैं जो हमें लगातार इनोवेशन के लिए प्रेरित करती है।   

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, त्योहार, उत्सव भारत की संस्कृति भी है और परंपरा भी है। आज हम विज्ञान को सेलिब्रेट कर रहे हैं। हम उस ह्यूमन स्प्रिट को भी सेलिब्रेट कर रहे हैं जो हमें लगातार इनोवेशन के लिए प्रेरित करती है।   

प्रधानमंत्री ने कहा, शिक्षा क्षेत्र में किए जा रहे बदलावों को कॉम्प्लिमेंट करने के लिए अटल इनोवेशन मिशन भी शुरु किया गया है। ये मिशन एक प्रकार से इंक्वायरी को, इंटरप्राइज को, इनोवेशन को सेलिब्रेट करता है।

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वैभव समिट में 23 हजार लोगों ने लिया हिस्सा
हाल में ही भारत ने वैभव समिट भी होस्ट की थी। महीने भर चली इस समिट में पूरी दुनिया से भारतीय मूल के वैज्ञानिकों और रिसर्चर को एक मंच पर इकट्ठा किया गया। इसमें करीब 23 हजार साथियों ने हिस्सा लिया, 700 घंटों से ज्यादा की चर्चा हुई।

 पीएम ने कहा, बीते 6 साल में युवाओं को अवसरों से जोड़ने के लिए देश में साइंस और तकनीक के उपयोग का विस्तार किया गया है। साइंस और तकनीक भारत में अभाव और प्रभाव के गैप को भरने का बहुत बड़ा ब्रिज बन रही है।

डिजिटल तकनीक के जरिए गरीबों को सरकार से जोड़ा जा रहा
पीएम ने कहा, डिजिटल तकनीक के माध्यम से गरीब से गरीब को भी सरकार के साथ सीधे जोड़ा गया है। डिजिटल तकनीक से सामान्य भारतीयों को ताकत भी दी है और सरकारी सहायता की सीधी तेज डिलिवरी का भरोसा दिया है।

पीएम ने कहा, आज गांव में इंटरनेट यूजर की संख्या शहरों से ज्यादा है। गांव का गरीब किसान भी डिजिटल पेमेंट कर रहा है। आज भारत की बड़ी आबादी स्मार्ट फोन आधारित ऐप से जुड़ चुकी है। आज भारत ग्लोबल हाईटेक पावर के इवोल्यूशन और रिवॉल्यूशन दोनों का सेंटर बन रहा है।

'आत्मनिर्भर भारत और विश्व कल्याण के लिए विज्ञान' है विषय
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि इस बार आईआईएसएफ-2020 का विषय ‘आत्मनिर्भर भारत और विश्व कल्याण के लिए विज्ञान’ रखा गया है। इस महोत्सव का आयोजन वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबंधित विजनाना भारती, बायोटेक्नोलॉजी विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा किया गया है।

अब तक हो चुका है 1 लाख लोगों का पंजीकरण 
केंद्रीय मंत्री ने कहा, इस आयोजन के लिए अभी तक एक लाख लोगों का पंजीकरण हो चुका है। वर्ष 2015 में शुरू हुआ आईआईएसएफ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहन देने का एक उत्सव है। इसका उद्देश्य जनता को विज्ञान से जोड़ना, विज्ञान की खुशी को मनाना और यह दिखाना कि किस तरह विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) जीवन में सुधार के लिए समाधान उपलब्ध करा सकते हैं।

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