संयुक्त राष्ट्र संघ के वार्षिक अधिवेशन में पीएम मोदी ने कहा, पिछले 8 से 9 महीनों में पूरी दुनिया कोरोनावायरस की महामारी से जूझ रही है। महामारी के खिलाफ संयुक्त लड़ाई में संयुक्त राष्ट्र कहां है? इसकी प्रभावी प्रतिक्रिया कहां है? अपने संबोधन में पीएम मोदी ने मानव जाति के दुश्मनों को भी करारा जवाब दिया।
नई दिल्ली. संयुक्त राष्ट्र संघ के वार्षिक अधिवेशन में पीएम मोदी ने 22 मिनट तक संबोधित किया। उन्होंने कहा, पिछले 8 से 9 महीनों में पूरी दुनिया कोरोनावायरस की महामारी से जूझ रही है। महामारी के खिलाफ संयुक्त लड़ाई में संयुक्त राष्ट्र कहां है? इसकी प्रभावी प्रतिक्रिया कहां है? अपने संबोधन में पीएम मोदी ने मानव जाति के दुश्मनों को भी करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा, भारत की आवाज मानवता, मानव जाति और मानवीय मूल्यों के दुश्मन, आतंकवाद, अवैध हथियारों की तस्करी, ड्रग्स, मनी लॉन्डरिंग के खिलाफ उठेगी।
आतंकवाद के खिलाफ पीएम मोदी ने क्या कहा?
अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा, भारत ने हमेशा पूरी मानव जाति के हित के बारे में सोचा है। न कि अपने निहित स्वार्थों के बारे में। भारत की नीतियां हमेशा से इसी दर्शन से प्रेरित रही हैं। उन्होंने कहा, भारत की आवाज मानवता, मानव जाति और मानवीय मूल्यों के दुश्मन, आतंकवाद, अवैध हथियारों की तस्करी, ड्रग्स, मनी लॉन्डरिंग के खिलाफ उठेगी।
पीएम मोदी ने भारत के दुश्मनों को भी एक नसीहत दी
पीएम मोदी ने कहा, भारत जब किसी से दोस्ती का हाथ बढ़ाता है, तो वो किसी तीसरे देश के खिलाफ नहीं होती। भारत जब विकास की साझेदारी मजबूत करता है, तो उसके पीछे किसी साथी देश को मजबूर करने की सोच नहीं होती। हम अपनी विकास यात्रा से मिले अनुभव साझा करने में कभी पीछे नहीं रहते।
कोरोना वैक्सीन पर पीएम मोदी ने दुनिया से क्या कहा?
पीएम मोदी ने कहा, महामारी के इस मुश्किल समय में भी भारत की फार्मा इंडस्ट्री ने 150 से अधिक देशों को जरूरी दवाइयां भेजीं हैं। विश्व के सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक देश के तौर पर आज मैं वैश्विक समुदाय को एक और आश्वासन देना चाहता हूं। भारत की वैक्सीन का उत्पादन और वैक्सीन वितरण क्षमता पूरी मानवता को इस संकट से बाहर निकालने के लिए काम आएगी।
मोदी ने आंतक के आकाओं को पढ़ाया इंसानियत का पाठ
पीएम मोदी ने कहा, ये बात सही है कि कहने को तो तीसरा विश्व युद्ध नहीं हुआ, लेकिन इस बात को नकार नहीं सकते कि अनेकों युद्ध हुए, अनेकों गृहयुद्ध भी हुए। कितने ही आतंकी हमले हुए। इन युद्धों में, इन हमलों में, जो मारे गए, वो हमारी-आपकी तरह इंसान ही थे।
यूएन में स्थायी सीट के लिए पीएम मोदी ने ठोकी ताल
मोदी ने कहा, भारत के लोग संयुक्त राष्ट्र के सुधारों को लेकर जो प्रक्रिया चल रही है, उसके पूरा होने का लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं। भारत के लोग चिंतित हैं कि क्या ये प्रक्रिया तार्किक अंत तक पहुंच पाएगी। आखिर कब तक भारत को संयुक्त राष्ट्र के डिसीजन मेकिंग स्ट्रक्चर से अलग रखा जाएगा। भारत के लोग संयुक्त राष्ट्र के सुधारों की प्रक्रिया पूरी होने का लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं।
"जब मजबूत थे तो सताया नहीं, मजबूर थे तो बोझ नहीं बने"
पीएम मोदी ने किसी देश का नाम लिए बैगर कहा, भारत दुनिया का सबसे बड़े लोकतंत्र है। विश्व की 18% से ज्यादा जनसंख्या, सैकड़ों भाषाओं-बोलियों, अनेकों पंथ, अनेकों विचारधारा वाली है। जो देश वैश्विक अर्थव्यवस्था का नेतृत्व सैकड़ों वर्षों तक करता रहा और सैकड़ों साल तक गुलाम रहा। जब हम मजबूत थे तो सताया नहीं, जब मजबूर थे तो बोझ नहीं बने।
मोदी ने बताया, कोरोना से कैसे दृढ़ता से लड़ा भारत
पीएम मोदी ने कहा, महामारी के बाद बनी परिस्थितियों के बाद हम आत्मनिर्भर भारत के विजन को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। भारत में ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी योजनाओं का लाभ, बिना किसी भेदभाव, प्रत्येक नागरिक तक पहुंचे। भारत अपने गांवों के 150 मिलियन घरों में पाइप से पीने का पानी पहुंचाने का अभियान चला रहा है। कुछ दिन पहले ही भारत ने अपने 6 लाख गांवों को ब्रॉडबैंड ऑप्टिकल फाइबर से कनेक्ट करने की बहुत बड़ी योजना की शुरुआत की है।
मोदी ने बताया, कैसे बदली दुनिया, कैसे बदली चुनौतियां
पीएम मोदी ने कहा, 1945 की दुनिया आज की दुनिया से एकदम अलग थी। साधन, संसाधन अलग थे। ऐसे में विश्व कल्याण की भावना के साथ जिस संस्था का गठन हुआ, वो भी उस समय के हिसाब से ही थी। आज हम बिल्कुल अलग दौर में हैं। 21वीं सदी में हमारे वर्तमान की, भविष्य की आवश्यकताएं और चुनौतियां अलग हैं। आज पूरे विश्व समुदाय के सामने एक बहुत बड़ा सवाल है कि जिस संस्था का गठन तबकी परिस्थतियों में हुआ था, वह आज भी प्रासंगिक है। सब बदल जाए और हम ना बदलें तो बदलाव लाने की ताकत भी कमजोर हो जाती है।
मोदी ने पूछा सवाल, वैश्विक महामारी में संयुक्त राष्ट्र कहां है
उन्होंने कहा, संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ पर भारत के 130 करोड़ से ज्यादा लोगों की तरफ से प्रत्येक सदस्य देश को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। भारत को इस बात का बहुत गर्व है कि वो संयुक्त राष्ट्र के संस्थापक देशों में से एक है। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 8-9 महीने से पूरा विश्व कोरोना वैश्विक महामारी से संघर्ष कर रहा है। इस वैश्विक महामारी से निपटने के प्रयासों में संयुक्त राष्ट्र कहां है? एक प्रभावशाली रिस्पॉन्स कहां है? मोदी ने कहा है कि आज विश्व अलग दौर से गुजर रहा है। पूरा विश्व कोरोना महामारी से निपट रहा है।