Video: अमूल के स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल हुए पीएम मोदी, देखी अनोखी प्रदर्शनी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ के स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने अमूल की अनोखी प्रदर्शनी देखी।

Vivek Kumar | Published : Feb 22, 2024 7:17 AM IST / Updated: Feb 22 2024, 12:59 PM IST

अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को अहमदाबाद पहुंचे। वह नरेंद्र मोदी स्टेडियम में गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ के स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल हुए। इसके 'अमूल' ब्रांड द्वारा दूध और इससे बने प्रोडक्ट बेचे जाते हैं।

'अमूल' ब्रांड अपने अनोखे विज्ञापन के लिए चर्चा में रहता है। प्रधानमंत्री ने अमूल द्वारा लगाई गई अनोखी प्रदर्शनी देखी। गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ से गुजरात के 1.25 लाख से अधिक डेयरी किसान जुड़े हुए हैं। ये किसान करीब 18,600 गांवों में रहते हैं।

 

 

पीएम मोदी ने गुरुवार को पांच नई डेयरी परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इसमें साबर डेयरी का आधुनिक पनीर प्लांट शामिल है। इसे तैयार करने में 600 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इसके साथ ही आनंद में अमूल डेयरी का लंबे समय तक चलने वाला टेट्रा पैक मिल्क प्लांट और इसके चॉकलेट प्लांट का विस्तार किया गया है। नरेंद्र मोदी ने गुजरात के कच्छ में सरहद डेयरी के 50,000 लीटर के आइसक्रीम प्लांट का भी उद्घाटन किया।

यह भी पढ़ें- PM Modi Visit Gujarat: 'डबल इंजन सरकार का फायदा उठाते हुए गुजरात दुग्ध उत्पादन में आगे', PM मोदी ने अहमदाबाद में भरा हुंकार

भारत में बहुत से ब्रांड बने, लेकिन अमूल जैसा कोई नहीं
अमूल ब्रांड के बारे में पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा, “भारत की आजादी के बाद देश में बहुत से ब्रांड बने, लेकिन अमूल जैसा कोई नहीं है। आज अमूल भारत के पशुपालकों के सामर्थ्य की पहचान बन चुका है। अमूल यानी विश्वास, अमूल यानी विकास, अमूल यानी जन भागीदारी, अमूल यानी किसानों का सशक्तिकरण। अमूल यानी समय के साथ आधुनिकता का समावेश, अमूल यानी भारत के आत्मनिर्भरता की प्रेरणा। अमूल यानी बड़े सपने, बड़े संकल्प और उससे भी बड़ी सिद्धियां। आज दुनिया के 50 से ज्यादा देशों में अमूल के प्रोडक्ट को निर्यात किया जाता है। 18 हजार से ज्यादा दूग्ध सहकारी मंडली, 36 लाख किसानों का नेटवर्स, हर दिन 3.5 करोड़ लीटर से ज्यादा दूध जमा करना और रोज पशुपालकों को 200 करोड़ रुपए से अधिक का ऑनलाइन पेमेंट, ये आसान नहीं है। छोटे-छोटे पशुपालकों की यह संस्था आज जिस बड़े पैमाने पर काम कर रही है। वही तो संगठन की शक्ति है।”

Share this article
click me!