संविधान पर मोदी का तीखा हमला, गांधी परिवार पर उठे सवाल, 10 बड़ी बातें

पीएम मोदी ने संविधान पर चर्चा के दौरान गांधी परिवार और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने परिवारवाद, आरक्षण, आपातकाल और CAA जैसे मुद्दों पर कांग्रेस की नीतियों की आलोचना की।

PM Modi in Constitution debate: पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संविधान चर्चा पर लोकसभा में अपना वक्तव्य दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधी परिवार के राज और कांग्रेस की नीतियों की जमकर आलोचना की। पीएम मोदी ने गांधी परिवार पर हमला बोलते हुए संविधान का इस्तेमाल राजनीति करने के लिए किया। पढ़िए पीएम मोदी के 10 बड़ी बातें...

  1. एक लाख ऐसे नौजवानों को राजनीति में लाना है जिनका पारिवारिक बैकग्राउंड राजनीतिक नहीं है। देश को नई ऊर्जा, नए सपनों को लेकर आने वाले युवाओं की जरूरत है। सभी दलों से पूछता हूं कि देश में योग्य नेतृत्व को अवसर मिलना चाहिए कि नहीं। जिनके घर में राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं है, उसे मौका मिलना चाहिए कि नहीं। परिवारवाद से मुक्ति के लिए अभियान चलाना हमारी जिम्मेदारी है कि नहीं।
  2. नेहरूजी से राजीव गांधी तक कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों ने आरक्षण का विरोध किया। लंबी-लंबी चिट्ठियां नेहरूजी ने लिखीं।
  3. कांग्रेस के एक परिवार ने संविधान को चोट पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। 75 साल में से 55 साल एक ही परिवार ने राज किया है। देश को क्या-क्या हुआ है, ये जानने का अधिकार है। हर स्तर पर इस परिवार ने संविधान को चुनौती दी है।
  4. संविधान निर्माण में नारी शक्ति ने संविधान को सशक्त करने की भूमिका निभाई है। सक्रिय सदस्य थे। मौलिक चिंतन के आधार पर उन्होंने संविधान सभा की डिबेट को समृद्ध किया था। वे अलग-अलग बैकग्राउंड की थीं। उनके सुझावों का संविधान निर्माण में बहुत प्रभाव रहा था। दुनिया के कई देश आजाद हुए, संविधान बना, महिलाओं को अधिकार देने में दशकों बीत गए। हमारे यहां शुरुआत से ही महिलाओं को वोट का अधिकार दिया गया।
  5. संविधान यात्रा पर नजर डालें कि 25 साल पूरे हो रहे थे, उसी वक्त हमारे देश में संविधान को नोच दिया गया। इमरजेंसी आई, संवैधानिक व्यवस्थाओं को खत्म कर दिया। देश को जेलखाना बना दिया, अधिकारों को लूट लिया, प्रेस की स्वतंत्रता को ताले लगा दिए। कांग्रेस के माथे पर ये जो पाप है, वो कभी भी धुलने वाला नहीं है। जब लोकतंत्र की चर्चा होगी, ये पाप धुलने वाला नहीं है।
  6. जब अटलजी की सरकार थी, तब अंबेडकरजी का महापरिनिर्माण पर मेमोरियल का निर्माण होना था, इन्होंने नहीं बनने दिया। हमने बनवाया। दिल्ली में अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर का फैसला 1992 में लिया गया। 2015 में हमने इसे पूरा किया।
  7. अंबेडकर ने धार्मिक आधार पर बने पर्सनल लॉ को खत्म करने की वकालत की थी। उस समय एएम मुंशी ने कहा था कि समान नागरिक संहिता को राष्ट्रीय एकता और आधुनिकता के लिए अनिवार्य है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कई बार कहा कि देश में UCC लाना चाहिए। सरकारों को आदेश दिए हैं। उसे ध्यान में रखते हुए हम पूरी ताकत से लगे हैं- सेकुलर सिविल कोड के लिए।
  8. कांग्रेस के रगों में सत्ता और परिवारवाद घुसा है। 12 प्रदेश कांग्रेस कमेटियों ने सरदार पटेल के नाम पर सहमति दी थी। नेहरूजी के साथ एक भी कमेटी नहीं थी। सरदार साहब ही प्रधानमंत्री बनते, लेकिन लोकतंत्र में श्रद्धा नहीं, संविधान में आस्था नहीं, ये बैठ गए। जो अपनी पार्टी के संविधान को नहीं मानते, वो कैसे देश के संविधान को मान सकते हैं।
  9. जब विभाजन हुआ गांधी समेत वरिष्ठ नेताओं ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि पड़ोस के देशों में अल्पसंख्यक संकट में आएंगे तो भारत चिंता करेगा। गांधीजी का वचन था। जो उनके नाम पर सत्ता में चढ़ जाते थे, उन्होंने नहीं किया। हमने CAA लाकर उस वचन को पूरा किया, मुंह नहीं छिपाते हम।
  10. कांग्रेस के साथियों को एक शब्द प्रिय है। वो शब्द है जुमला, हमारे कांग्रेस के साथी को दिन-रात जुमला याद रहता है। देश को पता है कि हिंदुस्तान में अगर सबसे बड़ा जुमला कोई था और वो 4-4 पीढ़ी ने चलाया, वो था गरीबी हटाए। ये ऐसा जुमला था कि उनकी राजनीति की रोटी सिंकती थी, लेकिन गरीब का हाल ठीक नहीं होता था।

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