प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिलांग में कहा कि पहले की सरकारों ने सीमावर्ती क्षेत्रों का विकास नहीं किया। उनका कहना था कि इससे दुश्मन को लाभ होगा। आज डंके की चोट पर सीमावर्ती इलाकों में काम हो रहा है।
शिलांग। मेघालय की राजधानी शिलांग में आयोजित पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) के स्वर्ण जयंती समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए। उन्होंने नाम लिए बिना चीन को दो टूक जवाब दिया। पीएम ने कहा कि पहले की सरकारों ने सीमावर्ती क्षेत्रों का विकास नहीं किया। उनका कहना था कि इससे दुश्मन को लाभ होगा। मुझे इस सोच पर आश्चर्य होता है। आज डंके की चोट पर सीमावर्ती इलाकों में काम हो रहा है। हम सीमा पर बसे गांवों को वाइब्रेंट बनाएंगे।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेघालय प्रकृति और संस्कृति से समृद्ध प्रदेश है। मेघालय के विकास के उत्सव में सहभागी होने का हमें अवसर मिला है। आज जब कतर में फुटबॉल वर्ल्ड कप का फाइनल मैच हो रहा है तब मैं फुटबॉल के मैदान में फुटबॉल प्रेमियों के बीच हूं। उस तरफ फुटबॉल की स्पर्धा चल रही है। यहां हम फुटबॉल के मैदान में विकास की स्पर्धा कर रहे हैं। मुझे अहसास है कि मैच कतर में हो रहा है और उत्साह और उमंग यहां भी कम नहीं है।
नॉर्थ ईस्ट के विकास की बाधाओं को हमने रेड कार्ड दिखाया
पीएम ने कहा, "जब फुटबॉल के मैदान में हूं तो क्यों ने फुटबॉल की परिभाषा में ही बात करें। फुटबॉल में अगर कोई खेल भावना के खिलाफ व्यवहार करता है तो उसे रेड कार्ड दिखाकर बाहर कर दिया जाता है। इसी तरह पिछले 8 वर्षों में हमने नॉर्थ ईस्ट के विकास से जुड़ी रुकावटों को रेड कार्ड दिखा दिया है। भ्रष्टाचार, भेदभाव, भाई-भतीजाबाद, हिंसा, प्रोजेक्ट्स को लटकाना-भटकाना और वोट बैंक की राजनीति जैसी बुराइयों को बाहर करने के लिए हम ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं। इन बुराइयों की जड़ें बहुत गहरी हैं। इसलिए हम सबको मिलकर उसे हटाकर ही रहना है।"
एक दिन तिरंगे के लिए करेंगे
प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि एक वक्त ऐसा आएगा जब भारत फुटबॉल विश्वकप खेलेगा और भारत में इस इवेंट का आयोजन होगा। उन्होंने कहा, "हमें विकास कार्यों को रफ्तार देने का परिणाम नजर आ रहा है। स्पोर्ट्स को लेकर इन्फ्रास्ट्रक्चर तक आज केंद्र सरकार हर क्षेत्र में नई एप्रोच के साथ आगे बढ़ रही है। इसका लाभ नॉर्थ ईस्ट को हुआ है। देश की पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी नॉर्थ ईस्ट में है। यहां 90 से अधिक खेल से जुड़ी परियोजनाओं पर काम चल रहा है। शिलांग से मैं यह कह सकता हूं कि आज भले ही हमारी नजर कतर में चल रहे खेल पर है, लेकिन मुझे मेरे देश की युवा शक्ति पर भरोसा है। इस लिए विश्वास से कह सकता हूं कि वो दिन दूर नहीं जब हम भारत में ऐसा ही उत्सव मनाएंगे और तिरंगे के लिए चियर करेंगे।"
पहले की सरकारों ने नॉर्थ ईस्ट को बांटा
मोदी ने कहा, "लंबे समय तक जिन दलों की सरकारें रहीं, उनकी नॉर्थ ईस्ट को लिए बांटने की सोच थी। हम DevIne का इरादा लेकर आए हैं। अलग-अलग समुदाय हो, या फिर अलग-अलग क्षेत्र, हम हर प्रकार के डिविजन को दूर कर रहे हैं। आज नॉर्थ ईस्ट में हम विवादों के बॉर्डर नहीं बल्कि विकास के कॉरिडोर बनाने पर बल दे रहे हैं। बीते 8 वर्षों में अनेक संगठनों ने हिंसा का रास्ता छोड़ा है, स्थाई शांति की राह पकड़ी है।"
सुरक्षा और समृद्धि के गेटवे हैं बॉर्डर एरिया
प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारे लिए नॉर्थ ईस्ट हमारे बॉर्डर एरिया और आखिरी छोर नहीं, बल्कि सुरक्षा और समृद्धि के गेटवे हैं। राष्ट्र की सुरक्षा भी यहीं से सुनिश्चित होती है और दूसरे देशों से व्यापार-कारोबार भी यहीं से होता है। इसलिए एक और महत्वपूर्ण योजना है, जिसका लाभ नॉर्थ ईस्ट के राज्यों को होने वाला है। ये योजना है वाइब्रेंट बॉर्डर विलेज योजना। इसके तहत सीमावर्ती गांवों में बेहतर सुविधाएं विकसित की जाएंगी।"
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नरेंद्र मोदी ने कहा, "लंबे समय तक देश में ये सोच रही है कि बॉर्डर एरिया में विकास होगा, कनेक्टिविटी बढ़ेगी तो दुश्मन को फायदा होगा। पहले की सरकार की इसी सोच के कारण नॉर्थ ईस्ट समेत देश के सभी सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बेहतर नहीं हो पाई। लेकिन आज डंके की चोट पर बॉर्डर पर नई सड़कें, नई टनल, नए पुल, नई रेल लाइन और नए एयर स्ट्रिप बनाने का काम तेजी से चल रहा है। जो सीमावर्ती गांव कभी वीरान हुआ करते थे, हम उन्हें वाइब्रेंट बनाने में जुटे हैं।"
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