
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को 'सशक्त नारी-सशक्त भारत' कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा, "यह कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण के लिहाज से ऐतिहासिक है। आज मुझे एक हजार नमो ड्रोन महिलाओं को सौंपने का अवसर मिला है। देश में एक करोड़ बहनें लखपति दीदी बन चुकी हैं। मुझे अब तीन करोड़ लखपति दीदी के आंकड़े को पार करना है।"
नरेंद्र मोदी ने कहा, "कोई भी देश या समाज नारी शक्ति की गरिमा बढ़ाते हुए, उनके लिए नए अवसर बनाते हुए ही आगे बढ़ सकता है। देश में पहले जो सरकारें रहीं उनके लिए आप सभी महिलाओं का जीवन, आपकी मुश्किलें, कभी प्राथमिकाएं नहीं रहीं। उन्होंने आपको अपने नसीब पर छोड़ दिया।"
उन्होंने कहा, "मेरा अनुभव है कि अगर माताओं-बहनों को थोड़ा अवसर मिल जाए तो उनको सहारे की जरूरत नहीं रहती। वो खुद लोगों का सहारा बन जाती हैं। जब लाल किले से मैंने महिला सशक्तिकरण के बारे में बात करना शुरू की। मैं पहला पीएम हूं, जिसने लाल किले से माताओं-बहनों को शौचालय न होने के चलते जो मुश्किलें होती हैं उसके विषय में बोला। सेनेटरी पैड का विषय उठाया। लकड़ी से खाना बनाती माताएं-बहनें 400 सिगरेट जितना धुंआ हर रोज अपने शरीर में ले जाती हैं। मैंने घर में नल से जल नहीं आने पर आप सभी को होने वाली परेशानी का जिक्र किया। इसके लिए जल जीवन मिशन का ऐलान किया। हर महिला के पास बैंक अकाउंट की जरूरत पर बात की। महिलाओं के खिलाफ बोले जाने वाले अपमानजनक बातों का विषय उठाया।"
परिवारवादी नेताओं को समझ नहीं आती महिलाओं की परेशानी
पीएम मोदी ने कहा, "जब-जब मैंने लाल किले से महिलाओं के सशक्तिकरण की बात की, कांग्रेस जैसे दल ने मेरा मजाक उड़ाया, मेरा अपमान किया। मेरी संवेदनाएं और पीड़ा, जमीन से जुड़े जीवन के अनुभव से निकली है। बचपन में जो अपने घर में देखा, अपने पड़ोस में देखा, देश में भ्रमण के दौरान जो अनुभव किया। वही आज मोदी की संवेदनाओं और योजनाओं में झलकता है। इसलिए ये योजनाएं माताओं-बहनों का जीवन आसान बनाती हैं। सिर्फ अपने परिवार के लिए सोचने वाले परिवारवादी नेताओं को ये बात समझ नहीं आ सकती है।"
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उन्होंने कहा, “आने वाले सालों में देश में ड्रोन टेक्नोलॉजी का बहुत विस्तार होने वाला है। दूध बाजार पहुंचाना हो या दवा लाना, ड्रोन कई तरह के काम करेगा। आज नमो ड्रोन योजना से जो बहनें ड्रोन पायलट बन रहीं हैं उनके लिए भविष्य में अनगिनत संभावनाओं के द्वार खुलने वाले हैं। बीते दस वर्षों में जिस तरह भारत में महिला स्वयं सहायता समूह का विस्तार हुआ है वो अपने आप में अध्ययन का विषय है। इन महिला स्वयं सहायता समूह ने नारी सशक्तिकरण का नया इतिहास लिख दिया है। हमारा तीसरा कार्यकाल नारी शक्ति के उत्कर्ष का नया अध्याय लिखेगा।”
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