नेचुरल फार्मिंग कॉन्क्लेव में बोले PM मोदी- खुशहाली का रास्ता खोलेगी प्राकृतिक खेती, लागत में आएगी कमी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने गुजरात के सूरत में आयोजित नेचुरल फार्मिंग कॉन्क्लेव को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती खुशहाली का रास्ता खोलेगी। इससे खेती पर होने वाले खर्च में कमी आएगी। प्राकृतिक खेती से उपजा अन्न लोगों को कीटनाशकों से होने वाली गंभीर बीमारियों से भी बचाएगा।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नेचुरल फार्मिंग कॉन्क्लेव को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले ही गुजरात में प्राकृतिक खेत के विषय पर नेशनल कॉन्क्लेव का आयोजन हुआ था। इसमें पूरे देश से किसान जुटे थे। प्राकृतिक खेत को लेकर देश में कितना बड़ा अभियान चल रहा है इसकी झलक दिखी थी। आज एक बार फिर सूरत में यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम इस बात का प्रतीक है कि गुजरात किस तरह से देश के अमृत संकल्पों को गति दे रहा है। 

पीएम ने कहा कि हर गांव में 75 किसानों को प्राकृतिक खेत से जोड़ने में सूरत की सफलता पूरे देश के लिए उदाहरण बनने जा रही है। इसके लिए मैं सूरत के लोगों का अभिनंदन करता हूं। आजादी के 75 साल पूरे होने पर देश ने अनेक ऐसे लक्ष्यों पर काम शुरू किया है जो आने वाले समय में बड़ बदलावों का आधार बनेंगी। गांव, गरीब और किसान के लिए जो काम हो रहे हैं, उसका नेतृत्व ग्राम पंचायतों को दिया गया है। 

Latest Videos

गुजरात में प्राकृतिक खेती के इस मिशन को मैं लगातार करीब से देख रहा हूं। सूरत में हर ग्राम पंचायत में 75 किसानों का चयन करने के लिए टीमें बनाई गईं। इस दौरान लगातार ट्रेनिंग दी गई। इतने कम समय में 500 से ज्यादा पंचायतों में 40 हजार से ज्यादा किसान प्राकृतिक खेती से जुड़ गए हैं। 

आर्थिक सफलता का जरिया है प्राकृतिक खेती 
मोदी ने कहा कि प्राकृतिक खेती को लेकर देश का जनआंदोलन आने वाले दिनों में सफल होगा। जो किसान इस बदलाव से जितनी जल्दी जुड़ेंगे वे उतनी जल्द सफलता के शिखर पर पहुंचेंगे। भारत स्वभाव और संस्कृति से कृषि आधारित देश रहा है। जैसे-जैसे किसान आगे बढ़ेगा, कृषि उन्नत और समृद्ध होगी, देश आगे बढ़ेगा। प्राकृतिक खेती आर्थिक सफलता का जरिया है। 

यह भी पढ़ें- जन्म शताब्दी पर नरेंद्र मोदी ने किया स्वामी आत्मस्थानंद को याद, कहा- गरीबों की सेवा को पूजा समझते थे वह

यह हमारी धरती मां की सेवा भी है। आप जब प्राकृतिक खेती करते हैं तो खेती के लिए जरूरी संसाधन, उससे जुड़े उत्पादों से जुटाते हैं। गाय और पशुधन के जरिए आप जिवामृत तैयार करते हैं। इससे खेती पर होने वाली खर्च में कमी आती है। इसके साथ ही पशुधन से अतिरिक्त आय के श्रोत मिलते हैं। जब आप प्राकृतिक खेती करते हैं तो मिट्टी की सेहत और उसकी उर्बर क्षमता की रक्षा करते हैं। प्राकृतिक खेती से उपजा अन्न लोगों को कीटनाशकों से होने वाली गंभीर बीमारियों से भी बचाएगा। इससे करोड़ों लोगों की सेहत में सुधार होगा।

यह भी पढ़ें-  राजनाथ सिंह की राजनीतिक कहानी: डिग्री कॉलेज के प्रोफेसर का बीजेपी में बढ़ता गया कद, ऐसा है पांच दशक का सफर

व्यक्तिगत खुशहाली का रास्ता खोलेगी प्राकृतिक खेती 
पीएम मोदी ने कहा कि प्राकृतिक खेती व्यक्तिगत खुशहाली का रास्ता खोलेगी। यह सभी लोगों के सुखी और स्वस्थ्य रहने की भावना को भी साकार करेगी। आज पूरी दुनिया शुद्ध खान-पान की बात कर रही है। यह ऐसा क्षेत्र हैं जिसमें भारत के पास हजारों सालों का ज्ञान और अनुभव है। हमने सदियों तक इस दिशा में विश्व का नेतृत्व किया है। इसलिए आज हमारे पास अवसर है कि हम प्राकृतिक खेती जैसे अभियानों में जुड़कर कृषि से जुड़ी वैश्विक संभावनाओं का लाभ सभी तक पहुंचाएं। देश इस दिशा में पिछले पांच साल से गंभीरता से काम कर रहा हैं। किसानों को संसाधन, सुविधा और सहयोग दिया जा रहा है।

Share this article
click me!

Latest Videos

UP bypoll Election 2024: 3 सीटें जहां BJP के अपनों ने बढ़ाई टेंशन, होने जा रहा बड़ा नुकसान!
Congress LIVE: राहुल गांधी द्वारा कांग्रेस पार्टी की ब्रीफिंग
अडानी पर लगा रिश्वतखोरी का आरोप, बॉन्ड पेशकश रद्द! जानें क्या है पूरा मामला?
महज चंद घंटे में Gautam Adani की संपत्ति से 1 लाख Cr रुपए हुए स्वाहा, लगा एक और झटका
Maharashtra Jharkhand Exit Poll से क्यों बढ़ेगी नीतीश और मोदी के हनुमान की बेचैनी, नहीं डोलेगा मन!