पंजाब के मुख्य सचिव ने पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक के कारणों का तथ्यों के साथ जवाब भेजा है। जांच टीम ने फिरोजपुर में पीएम सुरक्षा में लगे सीनियर अफसरों से बात करने के बाद ये रिपोर्ट तैयार की है। सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट में बताया गया कि पूरे पंजाब में पीएम के दौरे का विरोध हो रहा था।
चंडीगढ़। पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे में सुरक्षा चूक मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई। यहां सीजेआई एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने सुनवाई की। केंद्र सरकार और पंजाब सरकार की तरफ से जमकर बहस की गई। दोनों सरकारें एक-दूसरे की जांच कमेटी से संतुष्ट नहीं हैं। कोर्ट ने दोनों सरकारों से कहा है कि वे अपनी जांच रोक दें। अब अगली सुनवाई 10 जनवरी को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान उनके यात्रा रिकॉर्ड को सुरक्षित और संरक्षित करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के पुलिस अधिकारियों, एसपीजी और अन्य केंद्रीय और राज्य एजेंसियों को सहयोग करने और पूरे रिकॉर्ड को सील करने के लिए जरूरी मदद करने का निर्देश दिया।
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि ये मामला सिर्फ किसी एक पर नहीं छोड़ा जा सकता है। ये सीमा पार आतंकवाद का मामला है, इसलिए एनआईए अधिकारी जांच में सहायता कर सकते हैं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का कहना है कि इस घटना से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी उठानी पड़ी है। पंजाब के वरिष्ठ अधिवक्ता डीएस पटवालिया ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पंजाब इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से ले रहा है। घटना के दिन ही राज्य सरकार ने एक जांच कमेटी का गठन किया था। बता दें कि इस मामले में एक याचिका दायर की गई थी, इसमें पीएम की सुरक्षा में लापरवाही बरते जाने पर कार्रवाई की मांग की गई है। याचिका में ये भी कहा गया है कि बठिंडा के जिला और सेशन जज के जरिए सारे सबूत इकट्ठा करवाकर इसकी जांच करवाई जाए।
सुप्रीम कोर्ट में पीएम की सुरक्षा चूक पर सुनवाई-
इधर, घटना के 48 घंटे बाद पंजाब की चन्नी सरकार ने गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी है। बताया जा रहा है कि पंजाब के मुख्य सचिव ने पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक के कारणों का तथ्यों के साथ जवाब भेजा है। जांच टीम ने फिरोजपुर में पीएम सुरक्षा में लगे सीनियर अफसरों से बात करने के बाद ये रिपोर्ट तैयार की है। सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट में बताया गया कि पूरे पंजाब में पीएम के दौरे का विरोध हो रहा था। इसी को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैयार किया गया था। बता दें कि 5 जनवरी को पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक के बाद गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से जवाब मांगा था। पंजाब सरकार ने जांच कमेटी में सेवामुक्त जस्टिस मेहताब सिंह गिल और पंजाब के गृह सचिव अनुराग वर्मा को शामिल किया था। इस कमेटी को 3 दिन में रिपोर्ट देना था।
केंद्र सरकार ने भी बनाई है जांच समिति
पीएम की सुरक्षा चूक के मामले में केंद्र सरकार ने भी जांच कमेटी बनाई है। इसमें इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के जॉइंट डायरेक्टर बलबीर सिंह, सिक्योरिटी सचिव सुधीर कुमार सक्सेना और स्प्रेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) के IG एस. सुरेश शामिल हैं। घटना की जांच के लिए शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जांच कमेटी मौके पर पहुंच गई है। ये टीम आज घटना से जुड़ी जानकारी जुटाएगी और रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को सौंपेगी।
पंजाब के सीएम ने ये कहा था...
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक से इनकार किया था। उन्होंने कहा था कि मुझे खेद है कि पीएम मोदी फिरोजपुर रैली में नहीं जा सके और उन्हें वापस लौटना पड़ा। हम अपने पीएम का सम्मान करते हैं। अगर प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कोई चूक हुई है तो हम इसकी जांच कराएंगे। पीएम का मिनट-टू-मिनट प्रोग्राम हमारे पास था। रास्ता रोकने वाले प्रदर्शनकारी अचानक सड़क पर आकर बैठ गए। हालांकि, शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने वाले किसानों से पीएम की सुरक्षा का कोई खतरा नहीं था। हमें उनके (प्रधानमंत्री) अचानक मार्ग परिवर्तन की कोई सूचना नहीं थी।
ये है पूरा मामला
दरअसल, 5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पंजाब के फिरोजपुर में जनसभा को संबोधित करने जाना था। इसके लिए वे सुबह बठिंडा एयरबेस पर पहुंचे। यहां से उन्हें हेलिकॉप्टर से हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक में भगत सिंह की समाधि पर जाकर पुष्प अर्पित करना था, लेकिन खराब मौसम और बारिश की वजह से पीएम मोदी 20 मिनट तक इंतजार करते रहे। बाद में उन्होंने सड़क के रास्ते राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाने का फैसला किया। इस रास्ते से 2 घंटे का समय लगना था। पंजाब डीजीपी से सुरक्षा प्रबंधों की पुष्टि के बाद पीएम मोदी सड़क के रास्ते आगे बढ़े। करीब 30 किमी पहले पीएम मोदी का काफिला जब फ्लाईओवर पर पहुंचा तो यहां कुछ प्रदर्शनकारियों ने रास्ता रोक रखा था। इसके चलते पीएम मोदी के काफिले को 20 मिनट तक फ्लाईओवर पर रुकना पड़ा। इसे पीएम की सुरक्षा में बड़ी चूक माना जा रहा है।
PM Security Breach: गोवा में राज्यपाल से मिले भाजपा नेता, बोले- बर्खास्त की जाए पंजाब की चन्नी सरकार
PM Modi को सुरक्षा देने में फेल हुई कांग्रेस सरकार, CM चरणजीत चन्नी हैं जिम्मेदार: प्रकाश सिंह बादल
PM Modi Security Breach: जनता का आक्रोश देख जागी सोनिया गांधी की आत्मा: स्मृति ईरानी