PM ने किया स्वच्छ भारत और अटल मिशन का शुभारंभ, सफाई मित्र हमारे महानायक हैं, ये मिशन देश की महत्वाकांक्षा हैं

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने एक ऐतिहासिक पहल के तहत आज स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 और इसके साथ ही कायाकल्प एवं शहरी सुधार के लिए अटल मिशन 2.0 का शुभारंभ किया।

Asianet News Hindi | Published : Oct 1, 2021 3:49 AM IST / Updated: Oct 01 2021, 12:56 PM IST

नई दिल्ली.प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) ने एक ऐतिहासिक पहल के तहत आज डॉ. नई दिल्ली स्थित अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 (SBM) और इसके साथ ही कायाकल्प एवं शहरी सुधार के लिए अटल मिशन 2.0 का शुभारंभ किया। इस मौके पर आवास एवं शहरी मामलों के केन्‍द्रीय मंत्री एवं राज्य मंत्री तथा राज्यों एवं केन्‍द्रशासित प्रदेशों के शहरी विकास मंत्री भी इस अवसर पर उपस्थित थे। 

10 करोड़ से अधिक शौचालय बनाए गए
मोदी ने कहा-2014 में देशवासियों ने भारत को खुले में शौच से मुक्त करने का संकल्प लिया था। 10 करोड़ से ज्यादा शौचालयों के निर्माण के साथ देशवासियों ने ये संकल्प पूरा किया।अब ‘स्वच्छ भारत मिशन-अर्बन 2.0’ का लक्ष्य है Garbage-Free शहर, कचरे के ढेर से पूरी तरह मुक्त शहर बनाना।

सफाई कर्मचारी हमारे महानायक हैं
मोदी ने कहा-हमारे सफाई मित्र, हर रोज झाड़ू उठाकर सड़कों को साफ करने वाले हमारे भाई-बहन, कूड़े की दुर्गंध को बर्दास्त करते हुए कचरा साफ करने वाले हमारे साथी, सच्चे अर्थों में इस अभियान के महानायक हैं। कोरोना के कठिन समय में उनके योगदान को देश ने करीब से देखा है। ये उन पर एक तरह से दोहरी मार की तरह होता है। एक तो घर से दूर, और ऊपर से ऐसी स्थिति में रहना।

बाबा साहेब का सपना पूरा हो रहा
मोदी ने कहा-इस हालात को बदलने पर, इस असमानता को दूर करने पर बाबा साहेब का बड़ा जोर था। स्वच्छ भारत मिशन और मिशन अमृत का अगला चरण, बाबा साहेब के सपनों को पूरा करने की दिशा में भी एक अहम कदम है। बाबा साहेब, असमानता दूर करने का बहुत बड़ा माध्यम शहरी विकास को मानते थे।

देशवासियों के लिए गर्व
मोदी ने कहा- बेहतर जीवन की आकांक्षा में गांवों से बहुत से लोग शहरों की तरफ आते हैं। हम जानते हैं कि उन्हें रोजगार तो मिल जाता है लेकिन उनका जीवन स्तर गांवों से भी मुश्किल स्थिति में रहता है। स्वच्छ भारत अभियान और अमृत मिशन की अब तक की यात्रा वाकई हर देशवासी को गर्व से भर देने वाली है। इसमें मिशन भी है, मान भी है, मर्यादा भी है, एक देश की महत्वाकांक्षा भी है और मातृभूमि के लिए अप्रतिम प्रेम भी है।

मिशन अमृत के अगले चरण में देश का लक्ष्य है-
‘सीवेज और सेप्टिक मैनेजमेंट बढ़ाना, अपने शहरों को Water secure cities’ बनाना और ये सुनिश्चित करना कि हमारी नदियों में कहीं पर भी कोई गंदा नाला न गिरे।

स्वच्छता एक दिन नहीं, हमेशा चलने वाला अभियान है
मोदी ने कहा-आज भारत हर दिन करीब एक लाख टन Waste, Process कर रहा है। 2014 में जब देश ने अभियान शुरू किया था तब देश में हर दिन पैदा होने वाले वेस्ट का 20 प्रतिशत से भी कम process होता था। आज हम करीब 70 प्रतिशत डेली वेस्ट process कर रहे हैं। अब हमें इसे 100 प्रतिशत तक लेकर जाना है। हमें ये याद रखना है कि स्वच्छता, एक दिन का, एक पखवाड़े का, एक साल का या कुछ लोगों का ही काम है, ऐसा नहीं है। स्वच्छता हर किसी का, हर दिन, हर पखवाड़े, हर साल, पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाला महाअभियान है।

स्वच्छता जीवनशैली है, स्वच्छता जीवन मंत्र है
मोदी ने कहा-निर्मल गुजरात अभियान जब जन-आंदोलन बना था, तो उसके बहुत अच्छे परिणाम भी मिले। इससे गुजरात को नई पहचान तो मिली ही, राज्य में पर्यटन भी बढ़ा। जन-आंदोलन की ये भावना स्वच्छ भारत मिशन की सफलता का आधार है।

शहरी विकास मंत्रालय के लिए करीब 4 लाख करोड़ का बजट
मोदी ने कहा-ये पॉलिसी देश के शहरों से प्रदूषण कम करने में भी बड़ी भूमिका निभाएगी। इसका सिद्धांत है- Reuse, Recycle और Recovery. सरकार ने सड़कों के निर्माण में भी वेस्ट के उपयोग पर बहुत ज्यादा जोर दिया है। देश में शहरों के विकास के लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल भी लगातार बढ़ रहा है। अभी अगस्त के महीने में ही देश ने National Automobile Scrappage Policy लॉन्च की है। ये नई स्क्रैपिंग पॉलिसी, Waste to Wealth के अभियान को, सर्कुलर इकॉनॉमी को और मजबूती देती है 2014 के पहले के 7 वर्षों की बात करें, तो शहरी विकास मंत्रालय के लिए करीब सवा लाख करोड़ रुपये का ही बजट आवंटित था। हमारी सरकार के 7 वर्षों में शहरी विकास मंत्रालय के लिए करीब 4 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया।

मप्र और उत्तर प्रदेश की तारीफ
प्रधानमंत्री ने कहा-आज शहरी विकास से जुड़े इस कार्यक्रम में, मैं किसी भी शहर के सबसे अहम साथियों में से एक की चर्चा अवश्य करना चाहता हूं। ये साथी हैं हमारे रेहड़ी-पटरी वाले, ठेला चलाने वाले- स्ट्रीट वेंडर्स। इन लोगों के लिए पीएम स्वनिधि योजना, आशा की एक नई किरण बनकर आई है। मुझे खुशी है कि देश के दो बड़े राज्य उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में सबसे ज़्यादा स्ट्रीट वेंडर्स को बैंकों से लोन दिया गया है। 

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इस मौके पर केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा-1916 में जब महात्मा गांधी बनारस हिन्दू कॉलेज में अपने एक संबोधन में स्वच्छता पर जो कहा था और जो जन आंदोलन वो चाहते थे, वो कुछ अधूरा रह गया। इस महीने PM मोदी द्वारा मुख्यमंत्री और PM के रूप में देश का नेतृत्व देते हुए 20 साल पूरे हो रहे हैं। ये प्रधानमंत्री का विजन है कि जिन विषयों को पहले देश की नीतियों में स्थान नहीं मिलता था वो आज देश के समग्र विकास का माध्यम बन रहे हैं।

एसबीएम-यू 2.0 और अमृत 2.0 को हमारे सभी शहरों को 'कचरा मुक्त' और 'जल सुरक्षित' बनाने की आकांक्षा को साकार करने के लिए तैयार किया गया है। ये प्रमुख मिशन भारत में तेजी से शहरीकरण की चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ने का संकेत देने के साथ-साथ सतत विकास लक्ष्य 2030 की उपलब्धि में योगदान करने में भी मददगार होंगे।

स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 के बारे में
एसबीएम-यू 2.0 सभी शहरों को 'कचरा मुक्त' बनाने और अमृत के अंतर्गत आने वाले शहरों के अलावा अन्य सभी शहरों में मिट्टी मिले और काले पानी के प्रबंधन को सुनिश्चित करने, सभी शहरी स्थानीय निकायों को ओडीएफ+ और 1 लाख से कम जनसंख्‍या वाले को ओडीएफ++ के रूप में तैयार करने की परिकल्पना करता है, जिससे शहरी क्षेत्रों में सुरक्षित स्वच्छता के लक्ष्‍य को पूरा किया जा सके। मिशन के तहत ठोस अपशिष्ट के स्रोत पृथक्करण, 3-आर,  रिड्यूस (कम करें) रियूज (पुन: उपयोग), रिसाइकल (पुर्नचक्रण) के सिद्धांतों का उपयोग करने, सभी प्रकार के शहरी ठोस कचरे के वैज्ञानिक प्रसंस्करण और प्रभावी ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए डंपसाइट के सुधार पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। एसबीएम-यू 2.0 का परिव्यय लगभग 1.41 लाख करोड़ रुपए है।

अमृत ​​2.0 के बारे में
अमृत 2.0 का लक्ष्य लगभग 2.64 करोड़ सीवर/सेप्टेज कनेक्शन प्रदान करके लगभग 2.68 करोड़ नल कनेक्शन और 500 अमृत शहरों में सीवरेज और सेप्टेज का शत-प्रतिशत कवरेज करते हुए, लगभग 4,700 शहरी स्थानीय निकायों में सभी घरों में पेयजल की आपूर्ति का शत-प्रतिशत कवरेज प्रदान करना है, जिससे शहरी क्षेत्रों में 10.5 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ होगा। अमृत 2.0 सर्कुलर इकोनॉमी के सिद्धांतों को अपनाएगा और सतह एवं भूजल निकायों के संरक्षण और कायाकल्प को बढ़ावा देगा। मिशन नवीनतम वैश्विक प्रौद्योगिकियों और कौशल का लाभ उठाने के लिए जल प्रबंधन और प्रौद्योगिकी उप-मिशन में डेटा आधारित शासन को बढ़ावा देगा। शहरों के बीच प्रगतिशील प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए 'पेयजल सर्वेक्षण' आयोजित किया जाएगा। अमृत ​​2.0 का परिव्यय लगभग 2.87 लाख करोड़ रुपए है।

एसबीएम-यू और अमृत का प्रभाव
एसबीएम-यू और अमृत ने पिछले सात वर्षों के दौरान शहरी परिदृश्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इन दोनों प्रमुख मिशनों ने नागरिकों को जल आपूर्ति और स्वच्छता की बुनियादी सेवाएं प्रदान करने की क्षमता में वृद्धि की है। स्वच्छता आज जन आंदोलन बन गया है। सभी शहरी स्थानीय निकायों को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित कर दिया गया है और 70 प्रतिशत ठोस कचरे को अब वैज्ञानिक रूप से संसाधित किया जा रहा है। अमृत ​​1.1 करोड़ घरेलू नल कनेक्शन और 85 लाख सीवर कनेक्शन जोड़कर जल सुरक्षा सुनिश्चित करने में जुटा है, जिससे 4 करोड़ से अधिक लोग लाभान्वित होंगे।

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