देश की राजधानी नई दिल्ली में पिछले दो दिनों से हवा में हो रहा सुधार शुक्रवार को थम गया। हवा की दिशा में बदलाव और रफ्तार में कमी होने की वजह से औसतन वायु गुणवत्ता सूचकांक 339 दर्ज किया गया। जबकि एक दिन पहले 314 और गुरुवार को यह 344 दर्ज किया गया था। वहीं, दिल्ली- एनसीआर में शामिल गाजियाबाद में 382 वायु गुणवत्ता सूचकांक के साथ लोगों ने सबसे खराब हवा में सांस ली।
नई दिल्ली. देश की राजधानी नई दिल्ली में पिछले दो दिनों से हवा में हो रहा सुधार शुक्रवार को थम गया। हवा की दिशा में बदलाव और रफ्तार में कमी होने की वजह से औसतन वायु गुणवत्ता सूचकांक 339 दर्ज किया गया। जबकि एक दिन पहले 314 और गुरुवार को यह 344 दर्ज किया गया था। वहीं, दिल्ली- एनसीआर में शामिल गाजियाबाद में 382 वायु गुणवत्ता सूचकांक के साथ लोगों ने सबसे खराब हवा में सांस ली।
'दिल्ली में कोरोना और प्रदूषण दोनों का कहर'
दरअसल, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल राजधानी में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर दिवाली के दिन पटाखों को ना जलाने का ऐलान कर चुके हैं। हाल ही में उन्होंने कहा था कि दिल्ली में इस बार कोरोना और प्रदूषण दोनों का कहर है। दिल्ली के लोग और सरकार पूरा प्रयास कर रही है कि इस स्थिति से निपटा जा सके। प्रदूषण की वजह से कोरोना की स्थिति ज्यादा खराब हो रही है। हर साल प्रदूषण इन दिनों में होता है, क्योंकि पराली जलने के बाद धुंआ दिल्ली की तरफ आता है। दुख की बात ये है कि हर साल यह होता है, लेकिन उन सरकारों ने कोई कदम नहीं उठाया।
रोजाना कोरोना के 7 हजार से ज्यादा मामले आ रहे
राजधानी में कई दिनों से कोरोना के सात हजार से ज्यादा मामले आ रहे हैं। शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग ने 7802 मरीजों में संक्रमण की पुष्टि की और 91 मरीजों की मौत हो गई। लगातार दूसरे दिन 90 से ज्यादा मौतें हुई हैं। 6462 मरीज स्वस्थ भी हुए। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, कुल 4,74,830 संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 4,23,077 ठीक हो गए हैं। कुल 7423 लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमण दर बढ़कर 8.83 फीसदी हो गई है। फिलहाल 44,329 सक्रिय मरीज हैं। इनमें से 26,741 मरीजों का घर पर इलाज किया जा रहा है। अस्पतालों में 8664 मरीज भर्ती हैं।