क्रिकेटर विकास टोकस की पिटाई मामले में पुलिस की सफाई, लगाया दुर्व्यवहार का आरोप

विकास टोकस द्वारा शिकायत करने और आरोपी पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग किए जाने के बाद दक्षिण-पश्चिमी जिला डीसीपी गौरव शर्मा ने कहा कि विकास ने पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया था। 

नई दिल्ली। आईपीएल में खेलने वाले क्रिकेटर विकास टोकस (Vikas Tokas) की पिटाई मामले में पुलिस द्वारा सफाई दी गई है। विकास टोकस द्वारा शिकायत करने और आरोपी पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग किए जाने के बाद दक्षिण-पश्चिमी जिला डीसीपी गौरव शर्मा (DCP South West Gaurav Sharma) ने कहा कि विकास ने पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया था। इसी दौरान दुर्घटनावश खिलाड़ी को आंख के पास चोट लगी। 

बता दें कि विकास टोकस ने पुलिस मुख्यालय को एक मेल कर आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि 26 जनवरी को एक पुलिस अधिकारी ने उन्हें मुक्का मारा, जिससे उनकी आंख की रोशनी जाते-जाते बची। खिलाड़ी ने शिकायत के साथ आंख के नीचे लगी चोट की फोटो भी भेजी है। 

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इस संबंध में विकास ने कहा कि 26 जनवरी को कुछ पुलिसकर्मियों ने मेरी कार रोक दी और यह आरोप लगाते हुए कि मैंने मास्क नहीं पहना हुआ है 2000 रुपए मांगे। जब मैंने उनका विरोध किया तो वे मेरी कार के अंदर बैठ गए। मेरे साथ गाली-गलौज की। उनमें से एक पूरन मीणा थे, जिन्होंने मुझे मुक्का मारा। वे मुझे थाने ले गए और आरोप लगाया कि मैं उनकी राइफल लेकर भाग रहा था। उन्होंने मेरा फोन छीन लिया। बाद में पुलिस स्टेशन के एक कर्मचारी ने मुझसे समझौता करने के लिए कहा। उन्होंने गलती की है, वे मुझपर कोई कार्रवाई न करने का दबाव बना रहे थे। मैंने डीसीपी और सीपी को एक ईमेल भेजकर पूरन मीणा और एक अन्य को निलंबित करने की मांग की है। 

विकास ने किया दुर्व्यवहार 
डीसीपी साउथ वेस्ट गौरव शर्मा ने कहा कि 26 जनवरी को विकास टोकस को सार्वजनिक स्थान पर मास्क नहीं पहनने और चेक करने के लिए रोका गया था। सहयोग करने के बजाय उन्होंने अहंकारपूर्वक दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि एक कॉन्स्टेबल रैंक के अधिकारी ने राष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट खिलाड़ी को रोकने की हिम्मत कैसे की। थाने आने के लिए कहा गया तो भगाने का प्रयास किया। पुलिस ने कार रोकी और हाथापाई में गलती से उनकी आंख के पास चोट लग गई। उन्हें थाना ले जाया गया। जहां उन्होंने और उनके ससुर ने लिखित में माफी मांगी, जिसके बाद उन्हें मुक्त किया गया था। अब वह झूठी शिकायत कर रहे हैं।

पुलिस मुख्यालय ने दिया जांच का आदेश
विकास टोकस ने 15 पहले दर्जे और 7 टी-20 क्रिकेट मैच खेले हैं। हालांकि वह कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। वह वर्ष 2016 में बैंगलुरू टीम का हिस्सा जरूर थे, मगर उन्हें मैच खेलने का मौका नहीं मिला। इसके बाद किसी भी टीम ने विकास को आईपीएल में खेलने का मौका नहीं दिया। इस मामले में पुलिस मुख्यालय ने विजिलेंस जांच के आदेश दे दिए हैं। विजिलेंस टीम ने शुक्रवार को विकास टोकस के बयान दर्ज किए। पुलिस मुख्यालय ने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है।

 

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