देश में CAA लागू होने के बाद राजनीतिक दलों का क्या है स्टैंड? ममता बनर्जी से लेकर असदुद्दीन ओवैसी तक ने क्या कहा?

चुनावी मौसम में नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद राजनैतिक सरगर्मी भी बढ़ गई है।

Dheerendra Gopal | Published : Mar 11, 2024 2:26 PM IST / Updated: Mar 11 2024, 11:15 PM IST

Citizen Amendment Act implementation: केंद्र सरकार ने देश में सबसे विवादित कानून सीएए को लागू कर दिया है। केंद्र सरकार ने सोमवार 11 मार्च 2024 को इसका नोटिफिकेशन जारी किया। 2020 में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को पारित कराया गया था। चुनावी मौसम में नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद राजनैतिक सरगर्मी भी बढ़ गई है। देश में एनआरसी और सीएए पारित किए जाने के बाद 2020 में देश की राजधानी दिल्ली सहित विभिन्न जगहों पर हुए दंगों में कई दर्जन जानें गई थी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहले ही कहा था कि लोकसभा चुनाव के पहले सीएए लागू किया जाएगा।

यह मोदी की गारंटी है: बीजेपी

नागरिकता संशोधन एक्ट लागू होने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि जो कहा सो किया। मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून की अधिसूचना जारी कर पूरी की अपनी गारंटी।

मुझे पता है रमजान के पहले क्यों लागू किया गया सीएए: ममता

पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि आपको छह महीने पहले नियम अधिसूचित कर देने चाहिए थे। अगर कोई अच्छी चीजें होती हैं तो हम हमेशा समर्थन और सराहना करते हैं लेकिन अगर कुछ भी किया जाता है जो देश के लिए अच्छा नहीं है तो टीएमसी हमेशा अपनी आवाज उठाएगी और उसका विरोध करेगी। मुझे पता है कि रमज़ान से पहले आज की तारीख़ क्यों चुनी गई? मैं लोगों से शांत रहने और किसी भी अफवाह से बचने की अपील करता हूं।

पीड़ित मानवता का होगा कल्याण: योगी आदित्यनाथ

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पीड़ित मानवता के कल्याणार्थ नागरिकता (संशोधन) अधिनियम लागू करने का निर्णय ऐतिहासिक है। इससे पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान में मजहबी बर्बरता से पीड़ित अल्पसंख्यक समुदाय के सम्मानजनक जीवन का मार्ग प्रशस्त हुआ है। मनुष्यता को आह्लादित करने वाले इस मानवीय निर्णय हेतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार एवं गृह मंत्री अमित शाह का धन्यवाद। इस अधिनियम के अंतर्गत भारत की नागरिकता प्राप्त करने जा रहे सभी भाइयों-बहनों का हार्दिक अभिनन्दन।

इलेक्टोरल बॉन्ड का हिसाब देना होगा, जनता नहीं भटकेगी

पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि जब देश के नागरिक रोज़ी-रोटी के लिए बाहर जाने पर मजबूर हैं तो दूसरों के लिए ‘नागरिकता क़ानून’ लाने से क्या होगा? जनता अब भटकावे की राजनीति का भाजपाई खेल समझ चुकी है। भाजपा सरकार ये बताए कि उनके 10 सालों के राज में लाखों नागरिक देश की नागरिकता छोड़ कर क्यों चले गये। चाहे कुछ हो जाए कल ‘इलेक्टोरल बांड’ का हिसाब तो देना ही पड़ेगा और फिर ‘केयर फ़ंड’ का भी।

सीएए संविधान के खिलाफ: डीएमके

डीएमके प्रवक्ता टीकेएस एलंगोवन ने कहा कि यह इस देश को हिंदुत्व देश में बदलने का पहला कदम है जो संविधान के खिलाफ है। यह सरकार संविधान के सभी वर्गों के उल्लंघन के लिए जानी जाती है।

असदुद्दीन औवेसी ने समझाया सीएए का क्रोनोलॉजी

सीएए लागू होने के बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि आप क्रोनोलॉजी समझिए, पहले चुनाव का मौसम आएगा, फिर सीएए के नियम आएंगे। सीएए पर हमारी आपत्तियां जस की तस हैं। सीएए विभाजनकारी है और गोडसे की सोच पर आधारित है जो मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाना चाहता था। सताए गए किसी भी व्यक्ति को शरण दें लेकिन नागरिकता धर्म या राष्ट्रीयता पर आधारित नहीं होनी चाहिए। सरकार को बताना चाहिए कि उसने इन नियमों को पांच साल तक क्यों लंबित रखा और अब इसे क्यों लागू कर रही है। एनपीआर-एनआरसी के साथ, सीएए का उद्देश्य केवल मुसलमानों को लक्षित करना है, इसका कोई अन्य उद्देश्य नहीं है। सीएए एनपीआर एनआरसी का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतरे भारतीयों के पास फिर से इसका विरोध करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।

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