पिता को साइकिल पर बैठाकर बेटी ने तय किया था 1200 KM की दूरी, इवांका बोलीं- पता चलती हैं लोगों की भावनाएं

ट्रम्प की बेटी इवांका ट्रम्प ने बिहार की 15 साल की बेटी ज्योति के हिम्मत की तारीफ की है। इवांका ने कहा है कि इससे भारत के लोगों की भावनाएं पता चलती हैं। पिछले दिनों ज्योति ने अपने जख्मी पिता को साइकिल पर बिठाकर 1200 किलोमीटर की दूरी तय की थी।
 

Asianet News Hindi | Published : May 23, 2020 7:54 AM IST / Updated: May 23 2020, 01:27 PM IST

नई दिल्ली. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की बेटी इवांका ट्रम्प ने बिहार की 15 साल की बेटी ज्योति के हिम्मत की तारीफ की है। इवांका ने कहा है कि ज्योति ने जो किया, वह सहनशीलता और अपनों के लिए प्यार का एक खूबसूरत उदाहरण है। इससे भारत के लोगों की भावनाएं पता चलती हैं। गौरतलब है कि ज्योति ने अपने जख्मी पिता को साइकिल पर बिठाकर 1200 किलोमीटर की दूरी तय की थी। वो 7 दिन साइकिल चलाकर अपने घर पहुंची थी।

Bihar Girl Cycles 1,200 Km Home With Injured Father As Pillion

साइक्लिंग के ट्रायल का मिला न्यौता 

ज्योति के हिम्मत और हौसले को देख साइक्लिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने ट्रायल के लिए बुलाया है। ट्रायल सफल रहती है तो ज्योति को दिल्ली में नेशनल साइक्लिंग एकेडमी में फेडरेशन के खर्च पर ट्रेनिंग दी जाएगी। ज्योति का कहना है कि इस ऑफर से बहुत खुश हूं, अगले महीने ट्रायल देने जाऊंगी।

लॉकडाउन से पहले पिता के पास गई थी ज्योति 

ज्योति के पिता मोहन पासवान गुड़गांव में रिक्शा चलाते थे। ज्योति मार्च में पिता के पास गई थी। इसके बाद देशभर में लॉकडाउन लागू कर दिया गया। जिसके बाद पिता और पुत्री दोनों ही गुड़गांव में फंस गए थे। इसी बीच उसके पिता एक्सीडेंट में घायल हो गए। 

दाने-दाने के लिए मोहताज हो गए थे बाप-बेटी 

मोहन का काम-धंधा बंद हो गया, पैसे थे नहीं, ऊपर से मकान मालिक घर से निकालने की धमकी देने लगा। बाप-बेटी खाने तक के लिए मोहताज हो गए थे। इसलिए, ज्योति ने पिता को साथ लेकर अपने घर जाने की ठान ली। ज्योति का घर बिहार राज्य के दरभंगा जिले के सिरहुल्ली गांव में है।

लॉकडाउन: बीमार पिता को साइकिल पर ...

पिता ने दिया भारी वजन का बहाना, लेकिन नहीं मानी बेटी 

लॉकडाउन में पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद है, इसलिए ज्योति ने पैसे उधार लेकर साइकिल खरीदी और घर लौटने को तैयार हो गई। जख्म होने की वजह से मोहन खुद साइकिल नहीं चला सकते थे, इसलिए उन्होंने बेटी को ये कहकर रोकना चाहा कि मेरा वजन खींचना आसान नहीं होगा। लेकिन, ज्योति ठान चुकी थी और उसने कर दिखाया।

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