7वें अंतरराष्ट्रीय दिवस पर भारत सहित दुनिया के 190 देशों में लोग मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए योग करते देखे जा रहे हैं। यह दूसरा साल है, कोरोना संकट के बीच योग दिवस आया है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महामारी के इस भीषण दौर में खुद को फिट रखने और संक्रमण से बचने की टिप्स काफी महत्वपूर्ण साबित होंगी। मोदी ने मुख्य कार्यक्रम को संबोधित किया।
नई दिल्ली. आज 7वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। यह दूसरा साल है, जब योग दिवस कोरोना महामारी के बीच आया है। महामारी ने सिर्फ शारीरिक नहीं, मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डाला है। इसलिए इस बार की थीम योग फॉर वेलनेस रखी गई है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उद्धबोधन काफी महत्वपूर्ण साबित होगा। मोदी ने मुख्य कार्यक्रम को संबोधित किया। उनका संबोधन समग्र मानव कल्याण पर केंद्रित रखा गया। इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण टीवी के जरिये देखा गया।
योग एक उम्मीद की किरण
मोदी ने कहा-आज जब पूरा विश्व कोरोना महामारी का मुकाबला कर रहा है तो योग उम्मीद की एक किरण बना हुआ है। 2 वर्ष से दुनियाभर के देशों में और भारत में भले ही बड़ा सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित न हुआ हो, लेकिन योग दिवस के प्रति उत्साह जरा भी कम नहीं हुआ है।
हर समाज और हर देश स्वस्थ्य हो
मोदी ने कहा-कोरोना के बावजूद इस बार की योग दिवस की थीम 'योग फॉर वेलनेस' ने करोड़ो लोगों में योग के प्रति उत्साह को और बढ़ाया। मैं आज योग दिवस पर ये कामना करता हूं कि हर देश हर समाज और हर व्यक्ति स्वस्थ हो। सब एकसाथ मिलकर एक दूसरे की ताकत बनें।
लोगों में योग का उत्साह बढ़ा है
कोरोना के डेढ़ वर्षों में भारत समेत कितने ही देशों ने बड़े संकट का सामना किया। दुनिया के अधिकांश देशों के लिए योग दिवस उनका सदियों पुराना सांस्कृतिक पर्व नहीं है। इस मुश्किल समय में इतनी परेशानी में लोग इसे आसानी से भूल सकते थे। लेकिन लोगों में योग का उत्साह और बढ़ा है।
योग कठिन समय में आत्मबल का माध्यम बना
कोरोना के अदृश्य वायरस ने जब दुनिया में दस्तक दी थी तब कोई भी देश साधनों से सामर्थ्य से और मानसिक अवस्था से इसके लिए तैयार नहीं था। ऐसे कठिन समय में योग आत्मबल का एक बड़ा माध्यम बना। योग ने लोगों में ये भरोसा बढ़ाया कि हम इस बीमारी से लड़ सकते हैं।
मेडिकल साइंस में योग हीलिंग
आज मेडिकल साइंस भी उपचार से साथ-साथ हीलिंग पर भी उतना ही बल देता है और योग हीलिंग प्रोसेस में उपकारक है। मुझे संतोष है कि आज योग के इस पहलू पर दुनियाभर के विशेषज्ञ अनेक प्रकार के साइंटिफिक रिसर्च भी कर रहे हैं।
योग नेगेटिविटी से क्रिएटिविटी का रास्ता दिखाता है
योग से हमें अनुभव होता है कि हमारी विचार शक्ति, आंतरिक सामर्थ्य इतनी ज्यादा है कि कोई परेशानी,नकारात्मकता हमें तोड़ नहीं सकती।योग हमें स्ट्रेस से स्ट्रेंथ की ओर और नेगेटिविटी से क्रिएटिविटी का रास्ता दिखाता है। योग हमें अवसाद से उमंग और प्रमाद(नशा) से प्रसाद(ऊर्जा) तक ले जाता है।
वन वर्ल्ड वन हेल्थ
मोदी ने कहा-मुझे पूरा विश्वास है M-Yoga ऐप योग का विस्तार दुनियाभर में करने और 'वन वर्ड वन हेल्थ' के प्रयासों को सफल बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगा। जब भारत ने संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव रखा था, तो उसके पीछे ये ही भावना थी कि योग विज्ञान पूरे विश्व के लिए सुलभ हो। इस दिशा में भारत ने संयुक्त राष्ट्र, WHO के साथ मिलकर एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है।अब विश्व को M-Yoga एप की शक्ति मिलने जा रही है। इस ऐप में कॉमन योगा प्रोटोकॉल के आधार पर योग प्रशिक्षण के कई वीडियो दुनिया की अलग-अलग भाषाओं में उपलब्ध होंगे। ये आधुनिक तकनीकी और प्राचीन विज्ञान के फ्यूजन का भी एक बेहतरीन उदाहरण है।
75 कल्चर हेरिटेज साइट्स पर आयोजन
संस्कृति विभाग ने योग दिवस पर 75 कल्चरल हेरिटेज साइट्स पर 'योग एन इंडियन हेरिटेज' नाम से आयोजन किया। यह ड्राइव आजादी का अमृत महोत्सव अभियान का हिस्सा था। इसमें 45 मिनट योगासन और इसके बाद 30 मिनट के कल्चरल प्रोग्राम किए गए। इन्हें संगीत नाटक अकादमी या जोनल कल्चरल सेंटर्स के युवा पुरस्कार विजेताओं ने प्रस्तुति दी। इसके लिए चुनिंदा 30 साइटों पर होने वाले कार्यक्रम की लाइव स्ट्रीमिंग संस्कृति मंत्रालय के सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म और पेजों पर देखी जा सकी।
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