पोस्ट बजट वेबिनार में PM मोदी-कृषि से जुड़ी चुनौतियों को पार किए बिना संपूर्ण विकास का लक्ष्य हासिल नहीं कर सकते

पोस्ट बजट वेबिनार के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज(24 फरवरी) कृषि और सहकारिता पर अपने विचार रखेंगे। केंद्रीय बजट में केंद्र सरकार द्वारा की गईं घोषणाओं के सटीक कार्यान्वयन और विभिन्न मंत्रालयों के बीच बेहतर तालमेल के मकसद से वेबिनार हो रहे हैं।

नई दिल्ली. पोस्ट बजट वेबिनार के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज(24 फरवरी) कृषि और सहकारिता (agriculture and co-operation) पर अपने विचार रखे। केंद्रीय बजट में केंद्र सरकार द्वारा की गईं घोषणाओं के सटीक कार्यान्वयन और विभिन्न मंत्रालयों के बीच बेहतर तालमेल के मकसद से पोस्ट-बजट वेबिनार आयोजित किए जा रहे हैं। ये 23 फरवरी से 11 मार्च तक चलेंगे। मोदी इनमें संबोधन दे रहे हैं।

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पिछले 8-9 वर्षों की तरह इस बार भी बजट में कृषि को बहुत अधिक महत्व दिया गया है। वर्ष 2014 में कृषि बजट 25 हजार करोड़ रुपये से भी कम था, लेकिन आज देश का कृषि बजट 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा हो गया है। 2014 में, कृषि बजट 25,000 करोड़ रुपये से कम था। आज यह बढ़कर 1.25 लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा हो गया है।

आज देश विभिन्न प्रकार की कृषि उपज का आयात कर रहा है। हमने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में किसानों की पहुंच आसान की। हालांकि, हमें यह ध्यान रखना होगा कि आयात का हमारा लक्ष्य केवल गेहूं और चावल तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए। हमने घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक किसानों की पहुंच को आसान बनाया है। हमने घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक किसानों की पहुंच को आसान बनाया है। जब तक हम कृषि से जुड़ी चुनौतियों को पार नहीं करेंगे, तब तक हम संपूर्ण विकास का लक्ष्य हासिल नहीं कर सकते।

साथियों, जब तक हम कृषि क्षेत्र से जुड़ी चुनौतियों को दूर नहीं कर लेते, संपूर्ण विकास का लक्ष्य हासिल नहीं हो सकता। हमने MSP में बढ़ोतरी की, दलहन उत्पादन को बढ़ावा दिया, फूड प्रोसेसिंग करने वाले फूड पार्कों की संख्या बढ़ाई गई। साथ ही खाद्य तेल के मामले में पूरी तरह से आत्मनिर्भर होने के लिए मिशन मोड में काम चल रहा है।

हमने एमएसपी में अटका की, दलहन उत्पादन को बढ़ावा दिया, खाद्य संभावित करने वाले खाद्य पार्कों की संख्या बढ़ाई गई। साथ ही खाद्य तेल के मामले में पूरी तरह से आत्मनिर्भर होने के लिए मिशन मोड में काम चल रहा है।

अपनी सक्रिय भागीदारी से ना केवल वो किसानों की मदद करेंगे बल्कि उन्हें भी आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। इस बार के बजट में एक और महत्वपूर्ण घोषणा हुई है, एग्री टेक स्टार्टअप्स के लिए एक्सेलरेटर फंड की व्यवस्था की गई है। Agri Tech Domain में आज Innovation और Investment की अपर संभावनाएं बन रही हैं। हमारे युवाओं के लिए इस सेक्टर में करने के लिए बहुत कुछ है। इस बजट में हमने एग्री-टेक स्टार्टअप्स को लेकर एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उनके लिए एक्सलरेटर फंड उपलब्ध कराया गया है और इसलिए हम आपके लिए फंडिंग के रास्ते तैयार कर रहे हैं।

इस बार के बजट में सहकारिता क्षेत्र को टैक्स संबंधित राहतें दी गई हैं जोकि काफी महत्वपूर्ण हैं। 9 वर्ष पहले देश में एग्री स्टार्टअप्स ना के बराबर थे लेकिन आज इनकी संख्या 3 हजार से ज्यादा है, लेकिन हमें और तेजी से आगे बढ़ना होगा। साथियों, भारत के सहकारिता सेक्टर में भी एक नया revolution हो रहा है। भारत के सहकारी क्षेत्र में एक क्रांति हो रही है। पहले यह कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित था। हालांकि, इसका विस्तार पूरे देश में किया जा रहा है। 

पिछले 8-9 वर्षों में हमारा मत्स्य उत्पादन करीब 70 लाख मीट्रिक टन बढ़ा है जबकि 2014 से पहले इतना ही उत्पादन बढ़ाने में तीन दशक लग गए थे। इसके अतिरिक्त हम प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और केमिकल आधारित खेती को कम करने की दिशा में भी तेजी से काम कर रहे हैं।

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वेबिनार सीरिज के पहले दिन 23 फरवरी को ग्रीन ग्रोथ पर चर्चा में मोदी ने अपनी बात रखी थी। पीएम ने कहा था कि हरित विकास और ऊर्जा परिवर्तन के लिए, भारत की रणनीति के तीन स्तंभ हैं-नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन,जीवाश्म ईंधन का उपयोग कम करें और गैस आधारित अर्थव्यवस्था की ओर तेज गति से बढ़ना।

इस साल के बजट में भी इंडस्ट्री के लिए 'ग्रीन क्रेडिट' हैं तो किसानों के लिए पीएम-प्रणाम योजना है। ग्रीन ग्रोथ को लेकर इस साल के बजट में जो प्रावधान किए गए हैं वो एक तरह से हमारी भावी पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्य का शिलान्यास है। वर्ष 2014 के बाद से भारत में जितने भी आम बजट आए हैं उनमें एक पैटर्न रहा है। पैटर्न यह है कि हमारी सरकार का हर बजट वर्तमान चुनौतियों के समाधान के साथ ही New Age Reforms को आगे बढ़ाता रहा है। ग्रीन ग्रोथ के लिए इस वर्ष के बजट में किए गए प्रावधान आने वाली पीढ़ियों के उज्जवल भविष्य की नींव हैं। क्लिक करके पढ़ें विस्तार से

1. ग्रीन ग्रोथ (23 फरवरी)

2. कृषि और सहकारिता (24 फरवरी)

3. युवा शक्ति का दोहन-कौशल और शिक्षा (25 फरवरी)

4. अंतिम मील तक पहुंचना/किसी नागरिक को पीछे नहीं छोड़ना (27 फरवरी)

5. क्षमता को उजागर करना: टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर जीवन को आसान बनाना (28 फरवरी)

6. योजना पर फोकस के साथ शहरी विकास (1 मार्च)

7. पर्यटन को मिशन मोड में विकसित करना (3 मार्च)

8. इंफ्रास्ट्रक्चर और निवेश: पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान के साथ लॉजिस्टिक इफिसिएन्सी में सुधार (4 मार्च)

9. स्वास्थ्य और चिकित्सा अनुसंधान (6 मार्च)

10. वित्तीय क्षेत्र (7 मार्च)

11. महिला सशक्तिकरण (10 मार्च)

12. पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान (11 मार्च) 

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