प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन का 100 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनकी तबीयत बीते कुछ दिन से खराब थी और अहमदाबाद के यूएन अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया था। प्रधानमंत्री मंगलवार को उन्हें देखने अस्पताल भी गए थे।
गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन का 100 साल की उम्र में निधन हो गया। बीते कुछ दिनों से उनकी तबीयत ठीक नहीं थी और उन्हें अहमदाबाद के यूएन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। प्रधानमंत्री बनने के बाद भी मोदी कुछ खास मौके पर समय निकालकर उनसे मिलने जाया करते और कुछ समय साथ बीताते। इन मुलाकातों की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल भी होतीं और लोग मां-बेटे के स्नेह तथा सम्मान की मिसालें देते।
बहरहाल, प्रधानमंत्री मोदी की मां हीराबेन, सोशल मीडिया पर पोस्ट में तो दिखाई देती रहीं, मगर सार्वजनिक कार्यक्रमों यानी पब्लिक इवेंट्स में उन्हें शायद ही कभी किसी ने देखा होगा। हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी ने बीते जून महीने में एक ब्लॉग लिखा था, जिसमें उन्होंने खुलासा किया था कि उनकी मां ने उनके साथ राजनीतिक जीवन में केवल दो बार मंच साझा किया था।
एकता यात्रा की सफलता के बाद माथे पर लगाया था तिलक
तब नरेंद्र मोदी ने यह भी बताया था कि यह दोनों कार्यक्रम उनके प्रधानमंत्री बनने से पहले आयोजित हुए थे। प्रधानमंत्री मोदी ने नरेंद्र मोदी डॉट इन (narendramodi.in) पर लिए ब्लॉग में खुलासा किया था कि उनकी मां हीराबेन भाजपा की एकता यात्रा (एकीकरण रैली) के पूरा होने पर पहली बार मंच पर आई और उन्हें माथे पर तिलक लगाया था। यह कार्यक्रम में अहमदाबाद में आयोजित हुआ था। बता दें कि यह यात्रा 1991 में शुरू हुई थी और श्रीनगर के लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ समाप्त हुई थी।
दूसरा आयोजन तब जब पहली बार गुजरात के सीएम के तौर पर शपथ ली
हीराबेन मोदी दूसरी बार मंच पर बेटे नरेंद्र मोदी के साथ तब नजर आईं, जब उनके बेटे ने 2001 में गुजरात में पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। प्रधानमंत्री ने जून महीने में लिखे ब्लॉग पोस्ट में बताया कि दो दशक पहले हुआ शपथ ग्रहण समारोह मां हीराबेन के लिए अंतिम सार्वजनिक कार्यक्रम था, जिसमें वे मेरे साथ शामिल हुई थीं। इस आयोजन के बाद वे कभी मेरे साथ सार्वजनिक आयोजनों या पब्लिक मीटिंग में नहीं गईं।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर दी थी जानकारी
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन का 100 वर्ष की आयु में 30 दिसंबर को अहमदाबाद में यूएन मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ कॉर्डियोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर में निधन हो गया। माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर उनके निधन की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी निस्वार्थता और मूल्यों के प्रति समर्पण के बारे में बात की। प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा, एक शानदार गौरवशाली शताब्दी का ईश्वर चरणों में विराम... मां में मैंने हमेशा उस त्रिमूर्ति की अनुभूति की है, जिसमें एक तपस्वी की यात्रा, निष्काम कर्मयोगी का प्रतीक और मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध जीवन समाहित रहा है।
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