प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (7 अप्रैल) को कहा कि पूर्वोत्तर सभी क्षेत्रों में आगे बढ़कर नेतृत्व कर रहा है। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले द असम ट्रिब्यून को एक दिए एक इंटरव्यू में कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पूर्वोत्तर को एक बदल दिया है।
PM मोदी की पूर्वोत्तर राज्यों पर की बात। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (7 अप्रैल) को कहा कि पूर्वोत्तर सभी क्षेत्रों में आगे बढ़कर नेतृत्व कर रहा है। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले द असम ट्रिब्यून को एक दिए एक इंटरव्यू में कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पूर्वोत्तर को एक बदल दिया है। वो दिन दूर नहीं जब पूर्वोत्तर भी दिल्ली की तरह भारत का दिल कहलाएगा।
पीएम मोदी ने कहा।पिछले 10 वर्षों में यह दिखाई दे रहा है कि कैसे हमने पूर्वोत्तर के अलगाव को समाप्त किया है। इसे पूर्व में भारत के प्रवेश द्वार के रूप में विकसित किया है। मैंने लगभग 70 बार पूर्वोत्तर का दौरा किया है, जो शायद मुझसे पहले के सभी प्रधानमंत्रियों की कुल यात्राओं से भी अधिक है। 2015 के बाद से केंद्रीय मंत्री 680 से अधिक बार पूर्वोत्तर का दौरा कर चुके हैं। हमने शासन को लोगों के दरवाजे तक पहुंचाकर इस धारणा को बदल दिया है कि पूर्वोत्तर बहुत दूर है।
पिछली कांग्रेस सरकारों पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के बाद दशकों तक पूर्वोत्तर राज्यों को हाशिए पर रखा गया था। लगातार कांग्रेस सरकारों ने पूर्वोत्तर के लोगों के साथ सौतेला व्यवहार किया क्योंकि उनके लिए इस क्षेत्र में संभावित चुनावी लाभ बहुत कम था। उनके लिए पूर्वोत्तर बहुत दूर था और इसके विकास के लिए काम करना भी मुश्किल था।”
पीएम मोदी ने कई परियोजनाओं पर की बात
पीएम मोदी ने बोगीबील ब्रिज, भूपेन हजारिका सेतु और सेला सुरंग के उद्घाटन पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “हमने बोगीबील ब्रिज और भूपेन हजारिका सेतु जैसी लंबे समय से प्रतीक्षित महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी परियोजनाओं को पूरा किया, जिससे लोगों का जीवन आसान हो गया है। हाल ही में, मुझे सेला सुरंग का उद्घाटन करने का अवसर मिला, जो 13,000 फीट की ऊंचाई पर बनाई गई है।
यह सीमावर्ती क्षेत्रों को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, ”प्रधानमंत्री ने कहा। क्षेत्र में शिक्षा और खेल के क्षेत्र में प्रगति के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ''2014 के बाद से पूर्वोत्तर में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 14,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए हैं। देश का पहला खेल विश्वविद्यालय मणिपुर में खोला गया है। हम 8 राज्यों में 200 से अधिक खेलो इंडिया केंद्र बना रहे हैं। पिछले दशक में इस क्षेत्र से 4,000 से अधिक स्टार्टअप उभरे हैं।
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