अल्लूरी सीताराम की 125वीं जयंती पर बोले PM मोदी-आज देशवासी चुनौतियों से कह रहे हैं-दम है तो रोक लो हमें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) 4 जुलाई को आंध्र प्रदेश के दौरे पर थे। मोदी ने भीमावरम में महान स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती समारोह का शुभारंभ किया। यह समारोह सालभर चलेगा। बता दें कि अल्लूरी सीताराम राजू की 30 फीट ऊंची कांस्य(bronze) की प्रतिमा बनाई गई है।

Amitabh Budholiya | Published : Jul 4, 2022 1:36 AM IST / Updated: Jul 04 2022, 02:51 PM IST

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) 4 जुलाई को आंध्र प्रदेश के भीमावरम के दौरे पर थे। मोदी ने भीमावरम में महान स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती समारोह का शुभारंभ किया। यह समारोह सालभर चलेगा। बता दें कि अल्लूरी सीताराम राजू की 30 फीट ऊंची कांस्य(bronze) की प्रतिमा बनाई गई है। अल्लूरी सीताराम राजू का जन्म 4 जुलाई 1897 को हुआ था। उन्हें पूर्वी घाट क्षेत्र में जनजातीय समुदायों के हितों में अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष के लिए जाना जाता है। उन्होंने रम्पा विद्रोह का नेतृत्व किया था। यह 1922 में शुरू किया गया था। अल्लूरी को स्थानीय जनजातीय समुदाय में मन्यम वीरुडु यानी जंगलों का नायक कहा जाता है। 

रम्पा क्रांति को 100 साल पूरे हुए
मोदी ने कहा-आज एक और देश आजादी के 75 वर्ष का अमृत महोत्सव मना रहा है, तो साथ ही अल्लूरी सीताराम राजू जी की 125वीं जयंती के अवसर भी है। संयोग से इसी समय देश की आजादी के लिए हुए रम्पा क्रांति के 100 साल भी पूरे हो रहे हैं। मैं आंध्र की इस धरती की महान आदिवासी परंपरा को, इस परंपरा से जन्में सभी महान क्रांतिकारियों और बलिदानियों को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं। अल्लूरी सीताराम राजू गारू की 125वीं जन्मजयंती और रम्पा क्रांति की 100वीं वर्षगांठ को पूरे वर्ष सेलिब्रेट किया जाएगा। पंडरंगी में उनके जन्मस्थान का जीर्णोद्धार, चिंतापल्ली थाने का जीर्णोद्धार, मोगल्लू में अल्लूरी ध्यान मंदिर का निर्माण, ये कार्य हमारी अमृत भावना के प्रतीक हैं।

Latest Videos

स्वतंत्रता आंदोलन का इतिहास हमारी विविधता की शक्ति प्रतीक
आजादी का संग्राम केवल कुछ वर्षों का, कुछ इलाकों का, या कुछ लोगों का इतिहास नहीं है। ये इतिहास, भारत के कोने-कोने और कण-कण के त्याग, तप और बलिदानों का इतिहास है। हमारे स्वतंत्रता आंदोलन का इतिहास हमारी विविधता की शक्ति का, हमारी सांस्कृतिक शक्ति का, एक राष्ट्र के रूप में हमारी एकजुटता का प्रतीक है। अल्लुरी सीताराम राजू गारू भारत की सांस्कृतिक और आदिवासी पहचान, भारत के शौर्य, आदर्शों और मूल्यों के प्रतीक हैं। सीताराम राजू गारू के जन्म से लेकर उनके बलिदान तक, उनकी जीवन यात्रा हम सभी के लिए प्रेरणा है। उन्होंने अपना जीवन आदिवासी समाज के अधिकारों के लिए, उनके सुख-दुःख के लिए और देश की आज़ादी के लिए अर्पित कर दिया।

स्वतंत्रता आंदोलन में युवा
भारत के आध्यात्म ने सीताराम राजू गारू को करुणा और सत्य का बौद्ध दिया। आदिवासी समाज के लिए समभाव और मम्भाव दिया, त्याग और साहस दिया।स्वतंत्रता आंदोलन में देश की आजादी के लिए युवाओं ने आगे आकर नेतृत्व किया था। आज नए भारत के सपने को पूरा करने के लिए आज के युवाओं को आगे आने का ये सबसे उत्तम अवसर है। आज देश मे नए अवसर हैं, नए नए आयाम खुल रहे हैं, नई सोच है, नई संभावनाएं जन्म ले रही हैं। इन संभावनाओं को साकार करने के लिए बड़ी संख्या में हमारे युवा ही इन जिम्मेदारियों को आने कंधों पर उठाकर देश को आगे बढ़ा रहे हैं। आंध्र प्रदेश वीरों और देशभक्तों की धरती है। यहां पिंगली वेंकैया जैसे स्वाधीनता नायक हुये, जिन्होंने देश का झंडा तैयार किया। ये कन्नेगंटी हनुमंतु, कन्दुकूरी वीरेसलिंगम पंतुलु और पोट्टी श्रीरामूलु जैसे नायकों की धरती है। आज अमृतकाल में इन सेनानियों के सपनों को पूरा करने की जिम्मेदारी हम सभी देशवासियों की है।  हमारा नया भारत इनके सपनों का भारत होना चाहिए। एक ऐसा भारत- जिसमें गरीब, किसान, मजदूर, पिछड़ा, आदिवासी सबके लिए समान अवसर हों।

पिछले 8 वर्षों में संकल्प
पिछले 8 वर्षों में देश ने इसी संकल्प को पूरा करने के लिए नीतियां भी बनाई और पूरी निष्ठा से काम भी किया है। विशेष रूप से देश ने श्री अल्लूरी और दूसरे सेनानियों के आदर्शों पर चलते हुए आदिवासी भाई बहनों के लिए, उनके कल्याण और विकास के लिए दिन-रात काम किया है। आजादी के बाद पहली बार, देश में आदिवासी गौरव और विरासत को प्रदर्शित करने के लिए आदिवासी संग्रहालय बनाए जा रहे हैं। आंध्र प्रदेश के लंबसिंगी में “अल्लूरी सीताराम राजू मेमोरियल जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय” भी बनाया जा रहा है।


पिछले साल ही देश ने 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा जयंती को राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत भी की है। स्किल इंडिया मिशन के जरिए आज आदिवासी कला-कौशल को नई पहचान मिल रही है। ‘वोकल फॉर लोकल’ आदिवासी कला कौशल को आय का साधन बना रहा है। दशकों पुराने कानून जो आदिवासी लोगों को बांस जैसी वन-उपज को काटने से रोकते थे, हमने उन्हें बदलकर वन-उपज पर अधिकार दिए। आज वन उत्पादों को प्रमोट करने के लिए सरकार अनेक नए प्रयास कर रही है। 8 साल पहले तक केवल 12 forest products की MSP पर खरीदी होती थी। लेकिन आज MSP की खरीदी लिस्ट में करीब 90 products वन उपज के रूप में शामिल किए गए हैं। देश ने वनधन योजना के जरिये वन संपदा को आधुनिक अवसरों से जोड़ने का काम भी शुरू किया है। देश में 3 हजार से अधिक वनधन विकास केंद्रों के साथ ही 50 हजार से ज्यादा वनधन सेल्फ हेल्प ग्रुप भी काम कर रहे हैं। आंध्र के ही विशाखापटनम में Trible Research Institute की स्थापना की गई है। अल्लूरी सीताराम राजू ने अंग्रेजों से अपने संघर्ष के दौरान दिखाया कि - ‘दम है तो मुझे रोक लो’। आज देश भी अपने सामने खड़ी चुनौतियों से, कठिनाइयों से इसी साहस के साथ, 130 करोड़ देशवासी, एकता के साथ, सामर्थ्य के साथ हर चुनौती को कह रहे हैं- ‘दम है तो हमें रोक लो।

pic.twitter.com/szQ4mW6Dix

यह भी जानें
स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती समारोह को सालभर उत्सव के रूप में चलाने की तैयारी की गई है। इसके तहत विभिन्न आयोजन होंगे। इसके तहत विजयनगरम जिले के पंडरंगी में, जो अल्लूरी सीताराम राजू की जन्मस्थली है, वहां विशेष आयोजन होंगे। ऐसे ही विशेष आयोजन चिंतापल्ली पुलिस स्टेशन पर होंगे। यह वो जगह है, जहां रम्पा विद्रोह हुआ था। इसे 100 साल पूरे हो गए हैं। इसी पुलिस स्टेशन पर अल्लूरी के नेतृत्व में हमला हुआ था। यानी रम्पा विद्रोह की शुरुआत हुई थी। इस स्थली को रीडेवलप किया जा रहा है। इसके साथ ही सरकार मोगल्लु में अल्लूरी ध्यान मंदिर के निर्माण को भी मंजूरी दे चुकी है। यहां अल्लूरी सीताराम राजू की ध्यान मुद्रा में मूर्ति स्थापित की जा रही है। यहां भित्ति चित्रों(murals) और एआई-सक्षम इंटरैक्टिव प्रणाली के जरिये अल्लूरी के स्वतंत्रता आंदोलन की कहानी बयां की जाएगी।

गुजरात के कार्यक्रम के बारे में जानिए
गुजरात के गांधीनगर में डिजिटल इंडिया वीक 2022 न्यू इंडिया को प्रमोट करेगा। इसकी थीम ही 'न्यू इंडिया के टेकेड को बढ़ावा देना' रखी गई। इस आयोजन का मकसद टेक्नोलॉजी की पहुंच को और अधिक बढ़ाने और स्टार्टअप को बढ़ावा देना है। यहां प्रधानमंत्री 'डिजिटल इंडिया भाषिनी' लॉन्च करेंगे। इसकी मदद से भारतीय भाषाओं में कंटेंट निर्माण में मदद मिलेगी।

यह भी पढ़ें
पीएम मोदी ने हैदराबाद को बताया भाग्यनगर, जानें उनके भाषण की 5 बड़ी बातें
खडंहर में तब्दील हुई महान मराठा रानियों की विरासत, ताराबाई-यशोबाई समाधि स्थलों को एनएमए अध्यक्ष ने किया दौरा

 

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

झारखंड में सिर्फ भाजपा ही कर सकती है ये काम #shorts
पितरों को करना है प्रसन्न, घर में ही कर सकते हैं ये 10 उपाय । Pitra Paksh
अमेरिका में किया वादा निभाने हरियाणा के करनाल पहुंचे राहुल गांधी | Haryana Election
घूंघट में महिला सरपंच ने अंग्रेजी में दिया जोरदार भाषण, IAS Tina Dabi ने बजाई तालियां
Odisha Case: Rahul Gandhi ने Army अधिकारी की मंगेतर से थाने में बर्बरता पर साधा निशाना