Prophet remark row: नूपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, दिल्ली पुलिस को ट्रांस्फर हुए सभी केस

सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) को बड़ी राहत दी। कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज सभी केस दिल्ली ट्रांस्फर कर दिया है। उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम राहत मिली है। भविष्य में भी अगर कोई केस दर्ज होता है तो वह दिल्ली ट्रांस्फर होगा। 
 

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) को बड़ी राहत दी। पैगंबर पर की गई टिप्पणी के बाद हुए विवाद के चलते उनके खिलाफ देश में कई जगह केस दर्ज हुए हैं। कोर्ट ने सभी केस दिल्ली पुलिस को ट्रांस्फर कर दिया है। मोहम्मद जुबैर के मामले में शीर्ष अदालत ने यह विचार रखा है।

जज सूर्यकांत और जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा, "मोहम्मद जुबैर मामले और कुछ अन्य मामलों में तीन न्यायाधीशों की पीठ के रूप में हमने जो भी विचार किया है, हम उसका पालन करेंगे।" कोर्ट ने आदेश दिया कि शर्मा के खिलाफ भविष्य की प्राथमिकी भी दिल्ली पुलिस को ट्रांस्फर की जाएगी।

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शर्मा को मिली गिरफ्तारी से सुरक्षा
दरअसल, तीन जजों की पीठ ने 20 जुलाई को ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक जुबैर को उनके खिलाफ उत्तर प्रदेश में कथित अभद्र भाषा के लिए दर्ज सभी प्राथमिकी में अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। इसके साथ ही कोर्ट ने जुबैर के खिलाफ दर्ज सभी केस को दिल्ली ट्रांस्फर कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि गिरफ्तारी की शक्ति का प्रयोग बहुत ही संयम से किया जाना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली पुलिस के इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) द्वारा जांच पूरी होने तक शर्मा को किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की। कोर्ट ने कहा कि आईएफएसओ मामले को तार्किक अंत तक ले जाने के लिए अन्य पुलिस बलों से सहायता लेने के लिए स्वतंत्र होगा।

भविष्य के FIR भी दिल्ली होंगे ट्रांस्फर    
कोर्ट ने कहा कि उसने पहले ही याचिकाकर्ता (शर्मा) के जीवन और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे का संज्ञान लिया है। हम निर्देश देते हैं कि नूपुर शर्मा के खिलाफ सभी प्राथमिकी को स्थानांतरित किया जाए और दिल्ली पुलिस को जांच के लिए जोड़ा जाए। कोर्ट ने शर्मा को एक टीवी डिबेट शो के दौरान पैगंबर पर उनकी टिप्पणी पर दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट जाने की अनुमति दी और कहा कि भविष्य की सभी प्राथमिकी भी जांच के लिए दिल्ली पुलिस को हस्तांतरित की जाएंगी।

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पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मेनका गुरुस्वामी की प्रार्थना को कोर्ट ने खारिज कर दिया, बंगाल सरकार ने कोर्ट द्वारा नियुक्त एसआईटी द्वारा जांच की मांग की थी। शर्मा की ओर से वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि शो के प्रसारण के बाद शर्मा को धमकियां मिल रहीं हैं। इसके चलते शीर्ष अदालत के हस्तक्षेप की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद शर्मा को पश्चिम बंगाल पुलिस से समन मिल रहा है।

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