सुरक्षा बलों पर पत्थर फेंकने में थे आगे लेकिन जब पुलिस लाई थाने तो सारी हेकड़ी गई भूल, कान पकड़कर...

जेकेएलएफ के नेता यासीन मलिक को बुधवार को यूएपीए कानून के तहत विशेष अदालत में सजा दी गई। उम्रकैद की सजा पाने वाले यासीन मलिक के समर्थन में सैकड़ों की भीड़ श्रीनगर की सड़कों पर आ गई। स्वत:स्फू्र्त ही शहर की आधी बाजार बंद हो गई। 
 

Dheerendra Gopal | Published : May 26, 2022 11:36 AM IST / Updated: May 26 2022, 05:10 PM IST

श्रीनगर। कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा होने के बाद कश्मीर में विरोध प्रदर्शन और बवाल बढ़ गया है। यासीन मलिक की सजा के विरोध में नारेबाजी करने और पथराव करने के आरोप में दस लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने कहा कि अभी और आरोपियों की पहचान की जा रही है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस द्वारा मध्यरात्रि में कई छापेमारी के दौरान गिरफ्तारियां की गईं। पुलिस ने कहा कि आरोपी कल सजा सुनाए जाने से पहले यासीन मलिक के घर के बाहर दंगा, राष्ट्र विरोधी/सांप्रदायिक नारेबाजी और गुंडागर्दी में शामिल थे।

मुख्य आरोप भी हुआ अरेस्ट

पुलिस ने कहा कि मध्यरात्रि में कई जगहों पर छापेमारी की गई, जिसमें उनकी गिरफ्तारी हुई। मुख्य आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। इस संबंध में मैसूमा थाने में दर्ज प्राथमिकी संख्या 10/2022 के तहत गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम की धारा 13, आईपीसी की धारा 120 बी, 147,148,149, 336 और आईपीसी की धारा 34 के तहत केस दर्ज की गई है।

जम्मू-कश्मीर के बाहर के जेलों में रखा जाएगा

एसएसपी ने कहा कि विरोध प्रदर्शन करने वालों पर भी जन सुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और उन्हें जम्मू-कश्मीर के बाहर की जेलों में रखा जाएगा। पुलिस ने चेताया है कि श्रीनगर में कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगाड़ने के किसी भी प्रयास को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, निहित स्वार्थों द्वारा कानून और व्यवस्था की स्थिति को भड़काने के सभी शरारती प्रयासों से भी कानून की पूरी ताकत से निपटा जाएगा।

बुधवार को यासीन मलिक को सजा मिलने के बाद बवाल

बुधवार को श्रीनगर के मैसूमा इलाके में जेकेएलएफ अध्यक्ष यासीन मलिक के समर्थकों और सुरक्षा बलों के बीच झड़पें हुईं। यासीन मलिक को सजा मिलने के बाद शहर के कई हिस्सों में स्वत:स्फूर्त बंदी कर दी गई थी। अधिकारियों ने बताया कि लाल चौक सिटी सेंटर से थोड़ी दूरी पर मलिक के मैसूमा स्थित आवास पर महिलाओं समेत सैकड़ों लोग जमा हो गए और अलगाववादी नेता के समर्थन में नारेबाजी की। अधिकारियों ने बताया कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों पर पथराव किया, जिन्होंने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। हालांकि, किसी के घायल होने की कोई खबर नहीं है।

यासीन मलिक को बुधवार को दिल्ली की एक विशेष अदालत ने दो आजीवन कारावास और 10 साल के कठोर कारावास की पांच सजा सुनाई। सजाएं साथ-साथ चलनी हैं। ₹ 10 लाख से अधिक का जुर्माना लगाया गया है। मलिक ने पहले आतंकी फंडिंग मामले में कड़े गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत सभी आरोपों के लिए दोषी ठहराया था। दिल्ली की एक विशेष एनआईए अदालत ने मामले में सजा की मात्रा पर अपना फैसला सुनाया।

सुनवाई के दौरान, मलिक ने तर्क दिया था कि अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली भारत सरकार उन्हें पासपोर्ट क्यों देगी और अगर वह अपराधी थे तो उन्हें दुनिया भर में यात्रा करने और बोलने की अनुमति क्यों दी गई।

मलिक ने यह भी कहा कि उन्होंने 1994 में हथियार छोड़ने के बाद से महात्मा गांधी के सिद्धांतों का पालन किया है। उन्होंने कहा कि मैं तब से कश्मीर में अहिंसक राजनीति कर रहा हूं। उन्होंने भारतीय खुफिया एजेंसियों को यह बताने की भी चुनौती दी कि क्या वे पिछले 28 वर्षों में किसी आतंकी गतिविधियों या हिंसा में शामिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा।

 

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