Exclusive: 2016 से हो रही थी सरकार गिराने की साजिश, मैं 5 साल तक बचाने में कामयाब रहा: नारायणसामी

पुडुचेरी में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने हैं। यहां सरकार गिरने के करीब 1 हफ्ते बाद पुडुचेरी के पूर्व मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने Asianet Newsable के याकूब से बात की। इस दौरान उन्होंने बताया कि उनकी सरकार को गिराने के लिए कैसे 2016 से साजिशें रची जा रही थीं और कैसे भाजपा और केंद्र ने कांग्रेस को अल्पमत में लाने के लिए विधायकों को तोड़ा।

नई दिल्ली. पुडुचेरी में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने हैं। यहां सरकार गिरने के करीब 1 हफ्ते बाद पुडुचेरी के पूर्व मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने Asianet Newsable के याकूब से बात की। इस दौरान उन्होंने बताया कि उनकी सरकार को गिराने के लिए कैसे 2016 से साजिशें रची जा रही थीं और कैसे भाजपा-केंद्र ने कांग्रेस को अल्पमत में लाने के लिए विधायकों को तोड़ा। 

सवाल- कांग्रेस में इस्तीफों की झड़ी क्यों लग गई?

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उन्होंने कहा, मैंने लगभग अपने 5 साल पूरे कर लिए थे, मुश्किल से 10 दिन का समय मेरे कार्यकाल में बचा था। जब नरेंद्र मोदी पुडुचेरी में चुनाव प्रचार के लिए आए थे, इससे पहले उन्होंने सरकार गिराने की साजिश रची। इससे पहले ही एक मंत्री (ए नमशिवायम) उनके (भाजपा) के टच में थे। उन्होंने पार्टी के कार्यक्रमों से खुद को अलग कर लिया था। वहीं, एक और अन्य विधायक, जिसके पास रियल स्टेट का बिजनेस है, उसे भी भाजपा ने ईडी और आईटी का इस्तेमाल कर अपने पाले में ले लिया। वहीं, एक अन्य विधायक जॉन कुमार से कहा गया कि वे भाजपा में शामिल होते हैं, तो उनके ऊपर लगा आईटी केस वापस ले लिया जाएगा। एक अन्य डीएमके विधायक ने भी इस्तीफा दिया, क्योंकि वह रियल स्टेट बिजनेस में है। भाजपा ने सरकार गिराने के लिए पैसे और केंद्र का इस्तेमाल किया। 

सवाल- जिन विधायकों ने इस्तीफा दिया, उन्होंने दावा किया कि उन्हें पार्टी से साइडलाइन कर दिया गया था?

उन्होंने कहा- नहीं, ऐसा नहीं है। अगर वे साइड लाइन किए गए थे तो उन्होंने सालों पहले इस्तीफा क्यों नहीं दिया। आखिर क्यों 5 साल पूरे होने के करीब यह फैसला किया। वे बाहर निकलने के पीछे कुछ भी वजह बता रहे हैं, लेकिन पुडुचेरी के लोग उनका बर्ताव और घमंड को जानते हैं। 

सवाल- एक महीने बाद चुनाव है, आप लोगों तक पहुंचने के लिए क्या योजना बना रहे हैं?

नारायणसामी ने कहा, हम पहले से लोगों के संपर्क में हैं। हमने कई अभियान शुरू किए हैं। हम मोदी सरकार के खिलाफ किसानों, प्राइवेटाइजेशन, बिजली, ईंधन की कीमतों और तमिल लोगों पर हिंदी थोपने जैसे मुद्दों पर अभियान चला रहे हैं। उन्होंने कहा, हमने तमिल संस्कृति की उपेक्षा करने के लिए खिलाफ विरोध किया।

सवाल-  पुडुचेरी में कांग्रेस और उसके गठबंधन की सरकार बनेगी, इस बात को लेकर आप कितने आश्वस्त हैं?

उन्होंने कहा, जहां तक की तमिलनाडु की बात है, मुझे विश्वास है वहां सरकार डीएमके प्रमुख स्टालिन के नेतृत्व में बनेगी। वहीं, पुडुचेरी में कांग्रेस के नेतृत्व में सरकार बनेगी। 

सवाल-   एक निर्दलीय विधायक रामचंद्रन ने आरोप लगाया था कि उन्हें सरकार गिराने के लिए पैसों का ऑफर मिला है और कांग्रेस को भी इसकी जानकारी है। इस पर आप क्या कहना चाहते हैं?

उन्होंने कहा, हमें यह नहीं पता था कि उसे पैसों का ऑफर मिला है। हमें इसकी जानकारी बाद में हुई। चार विधायक जो रियल स्टेट बिजनेस से जुड़े हैं, उन्हें धमकियां दी गईं और भाजपा के लोगों ने उन्हें पैसे देकर लुभाया। 

सवाल - वन्नियार समुदाय, जिसके करीब 30% वोट हैं, वह भाजपा की तरफ जा रहा है। क्या इससे आपकी सरकार की संभावनाएं कम नहीं होगी?

उन्होंने कहा, यह गलत धारणा है। वन्नियार समुदाय विभाजित है। जो व्यक्ति ए नमशिवायम से मिलने गया, वह वन्नियार नेता नहीं है। एन रंगासामी (पूर्व मुख्यमंत्री) का कुछ प्रभाव है। कुछ कांग्रेस के दिग्गज वन्नियार समुदाय से हैं। कई मंत्री और विधायक वन्नियार समुदाय के हैं। वन्नियार पर किसी भी राजनीतिक दल का एकाधिकार नहीं है।

सवाल- कांग्रेस के कई नेता और आप के विश्वासपात्र जॉन कुमार ने इस्तीफे से दो महीने पहले भाजपा नेता निर्मल सुराणा से मुलाकात की थी। कांग्रेस ने तब उनसे बात क्यों नहीं की और मतभेदों को सुलझाने की कोशिश क्यों नहीं की?

नारायणसामी ने कहा, वे आए थे और मुझे बताया था। 30 विधायकों में से कांग्रेस के 14 और 2 डीएमके के थे। इसके अलााव हमारे पास निर्दलीय का भी समर्थन था। गठबंधन के समर्थन से हम सरकार चला रहे थे। सरकार गिराने की कोशिश 2016 में हमारी सरकार बनाने के बाद से की जा रही थी। लेकिन मैं, कांग्रेस और गठबंधन के नेताओं की मदद से इसे बचाने में कामयाब रहा और हमने सरकार 5 साल तक चलाई। नहीं तो हमारी सरकार 2-3 साल पहले ही गिर जाती। 

सलाल - आपने राहुल गांधी के सामने महिला के बयान को गलत ट्रांसलेट कर दिया, इसे लेकर आपकी काफी आलोचना भी हो रही है? इस पर आप क्या कहना चाहते हैं?

नारायणसामी ने कहा, क्या आपने दूसरे वीडियो देखे हैं, जो सामने आए हैं। इसमें वह महिला खुद बता रही है कि वह सुनामी के बारे में बात कर रही थी नाकि बुरेवी तूफान के। उस समय रंगास्वामी की एनआर कांग्रेस सत्ता में थी। तूफान आने के कुछ समय बाद मैं मौके पर पहुंच गया था। स्थानीय विधायक भी मौके पर था। इसके वीडियो भी सामने आए थे। 

उन्होंने कहा, मैं थोड़ी दूरी पर खड़ा था। मैं सुन नहीं पाया था। मैंने सिर्फ बुरेवी साइक्लोन के बारे में सुना। मैं वहां गया था। मैंने गलत अनुवाद नहीं किया। भाजपा बहुत सारे झूठ परोसने की क्षमता रखती है। यह उन्हीं में से एक था। मैंने सदन में वीडियो फुटेज दिखाई थी। वह महिला कह रही थी कि उसने गलती से यह कह दिया था। उसने यह भी बताया था कि सीएम उस वक्त आए थे। 

सवाल: गुलाम नबी आजाद और अन्य नेता पार्टी के कामकाज पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने पार्टी में लोकतंत्र की बात की और कांग्रेस अध्यक्ष पद पर गैर गांधी होने की भी बात कही है ? आप इसे कैसे देखते हैं?

उन्होंने कहा, वे चुनाव चाहते हैं। वे गांधी परिवार की आलोचना नहीं कर रहे हैं। वे गांधी परिवार के भरोसेमंद हैं, हम भी हैं। हम भरोसेमंद कांग्रेस कार्यकर्ता हैं। यह विरोध नहीं है। यह सब मीडिया ने बनाया है। वे संगठनात्मक चुनाव चाहते हैं। जहां तक मेरा सवाल है, मैं कांग्रेस कार्यकर्ता हूं। जो भी सोनिया गांधी और राहुल गांधी फैसला करेंगे, मैं वहीं करूंगा। 

सवाल : क्या आपको लगता है कि यह सब राहुल गांधी के खिलाफ अभियान है और कांग्रेस इसका कैसे सामना कर रही है?

नारायणसामी ने कहा, यह भाजपा का व्यवस्थित अभियान है। भाजपा को पता है कि राहुल गांधी उभरते हुए नेता हैं और भारत के भावी प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं और इसलिए वे उनकी छवि को धूमिल करना चाहते हैं। हमें इस झूठे प्रचार को प्रभावी ढंग से संभालना होगा। 

इस खबर को English में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: Exclusive: 'I stalled my government's downfall for 5 years'

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