पंजाब में कैप्टन और सिद्धू के बीच जारी राजनीति लड़ाई पर फिलहाल कोई विराम लगता नजर नहीं आ रहा है। इसी बीच हरीश रावत ने चंडीगढ़ पहुंचकर कैप्टन से मुलाकात की।
चंडीगढ़. पंजाब कांग्रेस में पड़ीं दरारें भरने की कोशिशें विफल साबित हो रही हैं। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच जारी राजनीति लड़ाई और भड़क उठी है। हाईकमान ने एक टीम बनाकर मामला सुलटाने की कोशिशें कीं, लेकिन नतीजा सिफर रहा है। हाईकमान ने जब सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने के संकेत दिए, तो कैप्टन ने चेतावनी दे डाली। इसी बीच हरीश रावत चंडीगढ़ पहुंचे। उन्होंने कैप्टन से मुलाकात की। रावत ने कहा कि अमरिंदर सिंह अपने पुराने बयान पर कायम है कि कांग्रेस अध्यक्ष जो फैसला लेंगी, वे उसे मानेंगे।
सिद्धू के घर पर बंटी मिठाइयां
अटकलें हैं सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जा रहा है। हालांकि पार्टी ने अभी ऐसा कुछ भी स्पष्ट नहीं किया है, लेकिन लुधियाना में सिद्धू के घर पर मिठाइयां बंट गईं। कई जगह सिद्धू को बधाई देते हुए पोस्टर लगा दिए गए। चंडीगढ़ में भी कांग्रेस दफ्तर के बाहर सिद्धू समर्थकों ने जश्न मनाया।
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कैप्टन के तेवर देखकर पीछे हटे रावत
इस मामले को सुलटाने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने हरीश रावत के नेतृत्व में एक कमेटी गठित की थी। हरीश रावत ने पहले सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने के संकेत दिए थे, लेकिन कैप्टन के तेवर देखकर वे चुप हो गए।
कैप्टन ने सोनिया को लिख चिट्टी
कैप्टन किसी भी कीमत पर नवजोत सिंह सिद्धू को झेलने के फेवर में नहीं दिखते। उन्होंने कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी को एक चिट्टी लिखकर चेतावनी दे डाली। इसमें कहा गया कि अगर सिद्धू को अध्यक्ष बनाया जाता है, तो परिणाम अच्छे नहीं होंगे। उनका इशारा अगले साल पंजाब में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन को लेकर था। कांग्रेस के सीनियर नेता मनीष तिवारी भी सिद्धू के पक्ष में नहीं हैं।
दो फाड़ हुई कांग्रेस
कैप्टन और सिद्धू की लड़ाई में पंजाब में कांग्रेस के दो टुकड़े होते नजर आ रहे हैं। जो लोग कैप्टन से नाराज हैं, वे सिद्धू के पाले में चले गए हैं। हाल में चंडीगढ़ में पंजाब के कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के घर बैठक हुई। इसमें सिद्धू के अलावा 5 मंत्री और 10 विधायक शामिल हुए।
शुक्रवार को सोनिया गांधी ने मिले थे सिद्धू
सिद्धू शुक्रवार को ही दिल्ली आकर सोनिया गांधी ने मिले थे। बता दें कि पांच राज्यों के साथ अगले साल पंजाब में भी विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले सिद्धू और कैप्टन के बीच चल रहे विवाद ने पार्टी के लिए तनाव की स्थिति पैदा कर दी थी। सिद्धू पंजाब में एक बड़ा चेहरा हैं। बता दें पंजाब में 57.67% सिख, जबकि 38.49% हिंदू हैं। इन दोनों में अनुसूचित जाति की संख्या 31.94% है।
बुधवार को आलकमान ने की थी बैठक
बता दें कि बुधवार को आलकमान ने मीटिंग रखी थी। जिसमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर चर्चा की थी। जिसके बाद सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने का फैसला किया गया। वहीं हरीश रावत ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि जल्द ही पंजाब कांग्रेस के लिए अच्छी खबर आएगी।
'ठोको ताली..छा गए गरु'
पंजाब में कांग्रेस के सीनियर नेता सिद्धू को राजनीति के साथ-साथ कॉमेडी में भी किंग कहा जाता है। 'द कपिल शर्मा शो' में उनका ठोको ताली वाला डॉयलाग जमकर हिट हुआ था। वह शो में गरू के नाम से फेमश थे। सिद्धू ने साल 2019 तक शो की जज की कुर्सी संभाली थी। हालांकि पुलवामा अटैक पर दिए एक विवादित बयान के बाद सिद्धू पाजी को शो से निकाला गया था।
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