तो क्या कैप्टन ने 45 मिनट तक शाह से सिर्फ कृषि कानूनों और किसानों पर ही की बात या पंजाब को लेकर बनाई गई रणनीति

कैप्टन दो दिवसीय दौरे पर कल दिल्ली पहुंचे है। सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन ने अपने पत्ते अभी तक नहीं खोले हैं।

Asianet News Hindi | Published : Sep 29, 2021 1:07 PM IST / Updated: Sep 29 2021, 09:12 PM IST

नई दिल्ली। पंजाब (Punjab) का सियासी पारा चढ़ता ही जा रहा है। पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) और सिद्धू (Navjot Singh SIdhu) के बीच तनातनी के बीच अचानक से बुधवार को दिग्गज नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain amarinder Singh) केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात करने पहुंच गए। दोनों नेताओं के बीच करीब 45 मिनट तक बातचीत हुई। बातचीत किस मसले पर हुई, क्या अमरिंदर सिंह बीजेपी ज्वाइन करेंगे? अभी इन सवालों का जवाब सामने नहीं आ सका है। हालांकि, पंजाब में सियासी समीकरण बदलते जरूर नजर आ रहे हैं। 

उधर, कैप्टन के मीडिया एडवाइजर ने दोनों नेताओं की मुलाकात के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि तीन कृषि कानूनों को खत्म करने को लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह अमित शाह से मिलने गए थे। उन्होंने ट्वीट किया कि दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिले। कृषि कानूनों के खिलाफ लंबे समय से चल रहे किसानों के आंदोलन पर चर्चा की और उनसे फसल विविधीकरण में पंजाब का समर्थन करने के अलावा, कानूनों को रद्द करने और एमएसपी की गारंटी के साथ संकट को तत्काल हल करने का आग्रह किया।

 

मंगलवार को कैप्टन ने दिल्ली एयरपोर्ट पर साफ कहा था कि वह किसी राजनीतिक व्यक्ति से मिलने नहीं जा रहे हैं। हालांकि, उनके बीजेपी में शामिल होने की अटकलों के बीच अमित शाह से मुलाकात के कयास पहले से ही लगाए जा रहे थे। 

कैप्टन दो दिवसीय दौरे पर कल दिल्ली पहुंचे है। सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन ने अपने पत्ते अभी तक नहीं खोले हैं। उनके भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने की अटकलें भी लगाई जा रही हैं।

दिल्ली दौरे पर पहुंचे ने कर दिया था मुलाकात को खारिज

मंगलवार को दिल्ली पहुंचे कैप्टन अमरिंदर ने मीडिया से कहा था कि दिल्ली में अपने कपूरथला आवास पर सामान लेने आए हैं और सीधे पंजाब जाएंगे। उन्होंने कहा कि यहां वह किसी भी राजनीतिज्ञ से मिलने नहीं आए हैं, यह बिल्कुल निजी यात्रा है। कैप्टन दो दिनी दिल्ली यात्रा पर दिल्ली पहुंचे थे।

बीजेपी में कैप्टन के शामिल होने की आई थी सूचना

दरअसल, मीडिया सूत्रों के हवाले से खबर सामने आई है कि मंगलवार को शाम करीब 6 बजे मंगलवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह पहुंचेंगे और उनकी मीटिंग अमति शाह और नड्डा से होने वाली है। लेकिन कैप्टन ने दिल्ली पहुंचने के बाद मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए इसे सिरे से खारिज कर दिया था।

पहले भी कई बार बीजेपी जाने की हो चुकी हैं चर्चा

सियासी गलियारों में अक्सर चर्चा होती रही है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह पीएम मोदी के बेहद करीबी हैं और वह कभी भी भाजपा का दामन थाम सकते हैं। एक महीने पहले अगस्त में जब उनकी पीएम मोदी और अमित शाह से मुलाकात हुई थी तब भी यही कयास लगने लगे थे। इतना ही नहीं पिछले विधानसभा चुनावा यानि साल 2017 में जब प्रताप सिंह बाजवा को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनाया था तो कैप्टन को यह रास नहीं आया था। इतना ही चर्चा होने लगी थी कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं।

गृह मंत्री अनिल विज ने कैप्टन को दिया था न्योता

कुछ दिन पहले ही बीजेपी सीनियर नेता और हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को राष्ट्रवादी बताया था। इतना ही नहीं उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए भी कहा था। साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा था कि कैप्टन साहब राष्ट्रवादी  नेता हैं इसलिए पंजाब में कांग्रेस उन्हें आगे नहीं बढ़ना देना चाहती है। इसलिए जो लोग पंजाब में सभी राष्ट्रवादी ताकतों को आपस में एक  होना चाहिए।

अब मैं लडूंगा..चुप नहीं बैठूंगा

कैप्टन ने इस्तीफे देने के बाद कहा था कि मुझे बिना बताए गुप्त तरीके से विधायकों की मीटिंग बुलाई गई, इससे मैं बहुत ही दुखी और अपने आप को अपमानित महसूस कर रहा हूं। मैंने तो पहले ही सोनिया गांधी से कह दिया था कि पंजाब में कांग्रेस को जीत दिलाने के बाद अपना पद छोड़ दूंगा। जिसे चाहे आप पंजाब की कमान सौंप देना। लेकिन ऐसा नहीं इसलि अब में लडूंगा। 

राहुल-प्रियंका के खिलाफ भी बोले कैप्टन

कुछ दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिद्धू को घेरने के अलावा पहली बार राहुल गांधी और प्रियंका गांधी बारे में भी खुलकर बोले। उन्होंने कहा था कि गांधी भाई-बहन अनुभवहीन हैं उन्हें उनके सहालकार गुमराह करने में लगे हुए हैं। 

सिद्धू को किसी भी कीमत पर नहीं बनने दूंगा सीएम

पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने कहा था कि वह किसी भी हाल में नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब का मुख्यमंत्री नहीं बनने देंगे। अगर मुझे लगा तो मैं सिद्धू के खिलाफ मजबूत उम्मीदवार को चुनाव लड़ाऊंगा।

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