पंजाब एकमात्र राज्य था जिसने केंद्र को ऑक्सीजन की कमी के कारण संदिग्ध मौतों के बारे में सूचित किया है।
नई दिल्ली. केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि पंजाब एकमात्र राज्य था जिसने केंद्र को ऑक्सीजन की कमी के कारण संदिग्ध मौतों के बारे में सूचित किया है। जबकि अन्य सभी राज्य जिन्होंने अब तक केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट भेजी है, वे विशेष रूप से COVID-19 की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से जुड़ी मौतों का उल्लेख नहीं किए हैं।
उन्होंने कहा कि राज्यों से ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों के बारे में पूछा गया था। अब तक की रिपोर्टों के अनुसार, एक राज्य ने हमें संदिग्ध मामलों के बारे में सूचित किया है। सभी तक जिन राज्यों ने रिपोर्ट भेजी है उसमें उसमें विशेष रूप से ऑक्सीजन के कारण मौत की सूचना नहीं दी गई है।
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हाल ही में, केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से देश में COVID-19 लहर की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण होने वाली मौतों से संबंधित डेटा जमा करने को कहा था। 13 अगस्त को मानसून सत्र समाप्त होने से पहले यह जानकारी संसद में पेश की जानी थी।
नहीं मांगी गई रिपोर्ट
वहीं, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों के आंकड़ों को लेकर केंद्र सरकार झूठ और भ्रम फैला रही हैं। ऑक्सीजन से हुई मौतों को लेकर केंद्र ने दिल्ली सरकार से कोई रिपोर्ट नहीं मांगी है।
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सदन में क्या कहा
वहीं, पिछले महीने राज्यसभा में केंद्र सरकार ने कहा था कि देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान, किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेशों में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई है।