
Rafale M: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam attack) में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। इस बीच भारत और फ्रांस ने 26 राफेल एम विमानों के लिए 63 हजार करोड़ रुपए के डील पर साइन किया है।
राफेल एम के आने से इंडियन नेवी की क्षमता बढ़ेगी। इस समय इंडियन एयरफोर्स 36 राफेल विमानों का इस्तेमाल कर रही है। राफेल एम के मिसाइल इतने ताकतवर हैं कि यह पाकिस्तान की सीमा के पास गए बिना ही उसकी नौसेना को तबाह कर सकता है।
राफेल एम को इंडियन नेवी के एयरक्राफ्ट कैरियर से ऑपरेट किया जाएगा। भारत के पास इस समय दो एयरक्राफ्ट कैरियर हैं। एक का नाम आईएनएस विक्रांत और दूसरे का नाम आईएनएस विक्रमादित्य है। पाकिस्तान की नौसेना का मुख्य बेस कराची में है। यह भारत से अधिक दूर नहीं है। गुजरात के जामनगर से कराची करीब 400 km और मुंबई से 880 km दूर है। कराची और इसके आसपास हमला करने के लिए इंडियन नेवी को अपने युद्धपोत पाकिस्तान के पास ले जाने की जरूरत नहीं होगी।
राफेल एम से हमला करने की स्थिति में इन्हें भारत के समुद्र तट के पास से भेजा जा सकेगा। राफेल के पास हार्पून एंटी-शिप मिसाइल है। यह 240km दूर तक मार करता है। इससे राफेल पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम के रेंज में आए बिना ही अपने मिसाइल फायर कर सकेगा। इसके पास दूर से ही पाकिस्तानी नौसेना को तबाह करने की क्षमता होगी।
राफेल एम डील पर अभी साइन होने वाला है। विमान मिलने में देर है। ऐसे में सवाल है कि क्या भारत के पास अभी लड़ाकू विमान की मदद से दूर से कराची पर हमला करने की क्षमता है? इसका जवाब है हां। इंडियन एयरफोर्स के मुख्य लड़ाकू विमान सुखोई Su 30MKI को हवा से जमीन पर मार करने वाले ब्रह्मोस मिसाइल को लॉन्च करने के लिए अपग्रेड किया गया है। यह मिसाइल करीब 300 किलोमीटर दूर तक मार करता है। यह सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल है। इससे युद्धपोत को भी नष्ट किया जा सकता है।