भारत जोड़ो यात्रा के बाद अब राहुल गांधी देश के पूरब से पश्चिमी हिस्से तक करेंगे मार्च, कांग्रेस के 85वें अधिवेशन में तय हुई रूपरेखा

राहुल गांधी ने कहा कि चार महीनों के लिए हमने भारत जोड़ो यात्रा की, खराब मौसम के बावजूद लाखों लोगों ने भाग लिया और हम सभी ने बहुत कुछ सीखा।

Congress plenary session: भारत जोड़ो यात्रा की सफलता के बाद अब कांग्रेस ने पूरब से पश्चिम तक यात्रा करने का मन बनाया है। लोकसभा 2024 चुनावों को देखते हुए कांग्रेस ने पूरे देश में पहुंचने का ऐलान किया है। कांग्रेस के 85वें अधिवेशन में राहुल गांधी ने फिर से पैदल चलने का संकेत दे दिया है। राहुल गांधी ने कहा कि चार महीनों के लिए हमने भारत जोड़ो यात्रा की, खराब मौसम के बावजूद लाखों लोगों ने भाग लिया और हम सभी ने बहुत कुछ सीखा। एक बार फिर लोगों के बीच में पहुंचने के लिए निकलूंगा।

पासीघाट से पोरबंदर तक अब राहुल गांधी करेंगे यात्रा

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महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस पासीघाट से पोरबंदर यात्रा पर विचार कर रही है। इस यात्रा के माध्यम से राहुल गांधी द्वारा भारत जोड़ो यात्रा की तपस्या को आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा। रमेश ने कहा कि लगभग 4,000 किलोमीटर की कन्याकुमारी-से-कश्मीर यात्रा के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं में एक और यात्रा के लिए बहुत उत्साह और ऊर्जा भर दी है। रमेश ने बताया कि पूर्व से पश्चिम यात्रा, संभवत: अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट से गुजरात के पोरबंदर तक, पर विचार किया जा रहा। लेकिन इसका स्वरूप भारत जोड़ो यात्रा से थोड़ा अलग हो सकता है।

राहुल गांधी ने दिया फिर से यात्रा का संकेत

दरअसल, भारत जोड़ो यात्रा के दौरान ही पूर्व से पश्चिम तक पैदल मार्च की बात चल रही थी लेकिन यह अंतिम रूप से तय नहीं हो सका था। लेकिन राहुल गांधी ने जब संकेत दे दिया कि वह यात्रा जारी रखना चाहते हैं तो कांग्रेस ने पूरब से पश्चिम तक की रणनीति तैयार करने का फैसला किया है।

राहुल बोले-यात्रा ने मुझे काफी कुछ सीखने का मौका दिया

राहुल गांधी ने बताया कि भारत जोड़ो यात्रा से उनको काफी कुछ सीखने को मिला। उनकी जिम्मेदारियों का विषय 1,760 किलोमीटर के लंबे, कठिन मार्च के दौरान उनके दिमाग में था। उन्होंने कहा कि जिस दिन से हमने यात्रा करना शुरू किया, सब कुछ बदल गया। हम राजनीति की बात नहीं करते थे ... संबंध (लोगों के साथ) बदल गए थे ... भारत माता ने मुझे सभी अहंकार छोड़ने का संदेश दिया था ... मैं लोगों से मिलता था और दंभ वगैरह सब मिट गया।जम्मू-कश्मीर में पहुंचा तो चुप हो गया...मेरे पास घर नहीं है। कोई भी आए, अमीर-गरीब, बूढ़ा-जवान, कोई भी धर्म हो, वह जान ले कि मैं उसके घर आया हूं।

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