कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि हमारे देश में चीन एक कूटनीतिक पुल का निर्माण कर रहा है। पीएम की चुप्पी से PLA के हौसले बढ़ते जा रहे हैं। अब तो ये डर है कहीं PM इस पुल का भी उद्घाटन करने ना पहुंच जायें।
नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) आए दिन मोदी सरकार पर किसी न किसी मुद्दे को लेकर हमला बोलते रहते हैं. इस बार उन्होंने भारत और चीन की सीमा पर चीन की तरफ से किए जा रहे अवैध निर्माण को लेकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पीएम की चुप्पी की वजह से PLA के हौसले बढ़ते जा रहे हैं।
कूटनीतिक पुल का निर्माण कर रहा चीन
राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा।' हमारे देश में चीन एक कूटनीतिक पुल का निर्माण कर रहा है। पीएम की चुप्पी से PLA के हौसले बढ़ते जा रहे हैं। अब तो ये डर है कहीं PM इस पुल का भी उद्घाटन करने ना पहुंच जायें।
मनमोहन सिंह होते तो इस्तीफा दे देते
इससे पहले पिछले नेता राहुल गांधी ने भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था. उन्होंने दावा किया कि अगर इस स्थिति में देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह होते तो तो इस्तीफा दे देते. राहुल गांधी ने कहा था कि चीन ने पीएम मोदी के साथ भारतीय क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया। लेकिन प्रधानमंत्री अभी भी इस मुद्दे को लेकर बैठे हुए हैं.
सोशल मीडिया यूजर्स ने राहुल को लपेटा
राहुल गांधी के ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स जमकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं. एक सोशल मीडिया यूजर्स ने राहुल गांधी को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि वह कूटनीतिक पुल तो आप ही ने बना कर दिया था! 2008 में माता जी और शी जिनपिंग की छत्रछाया में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ MOU पर हस्ताक्षर करके कूटनीतिक पुल नहीं बनाया था तो और क्या किया था? वहीं अजय शुक्ला नामक एक ट्विटर यूजर ने मोदी सरकार पर हमला बोला और कहा जब बेशर्म मक्कार और ग़द्दार लोग सत्ता में होते हैं तब यही होता है। देश की आज़ादी में इनका कोई योगदान नहीं है। तभी इन्हें देश की ज़मीन से कोई मोहब्बत भी नहीं॥ वहीं एक अन्य ने लिखा कि चाय चीनी भाई-भाई।
16 जनवरी को आईं थीं सैटेलाइट तस्वीरें
दरअसल 16 जनवरी की सैटेलाइट के जरिए तस्वीरें सामने आईं थी। जिसको देखने पर पता चलता है कि चीन पैंगोंग त्सो झील (Pangong Tso Lake) के किनारे पर एक पुल का बना रहा है। तस्वीरों से मालूम पड़ता है कि चीनी मजदूर ब्रिज के खंभों को एक भारी क्रेन की सहायता से कंक्रीट स्लैब से जोड़ने का काम रहे हैं। जिस पर डामर बिछाया जाएगा। चीन ब्रिज बनाने का निर्माण कार्य तेजी से कर रहा। जिससे लग रहा है कि ब्रिज कुछ महीनों में बन कर तैयार हो जाएगा। हालांकि। इस क्षेत्र में चीन के मुख्य सैन्य हब रुतोग तक सड़क से पहुंच सुनिश्चित करने में अभी लंबा समय लगेगा।
भारत ब्रिज के निर्माण को मानता है अवैध
फोर्स एनालिसिस के चीफ मिलेट्री एनालिस्ट सिम टैक का कहना है कि नए ब्रिज का निर्माण उस क्षेत्र में किया गया है। जो 1958 से चीन के कब्जे में है। इससे यह साफ है कि भारत इस ब्रिज के निर्माण को पूरी तरह से अवैध मानता है। यह पुल "व्यावहारिक तौर पर उस जगह स्थित है। जहां भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा होने का दावा करता है।