कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने विदेश मंत्रालय से मंजूरी लिए बिना लंदन की यात्रा की थी। भारत के सभी सांसदों के लिए विदेश यात्रा से पहले सरकारी मंजूरी लेना अनिवार्य है।
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पिछले दिनों ब्रिटेन की यात्रा की थी। वह लंदन स्थित कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि भारत में स्थिति ठीक नहीं है। बीजेपी ने देशभर में केरोसिन छिड़क रखा है।
अब इस मामले में जानकारी सामने आई है कि राहुल गांधी ने बिना सरकारी मंजूरी के लंदन की यात्रा की। दरअसल, सभी सांसदों को अपनी विदेश यात्राओं से पहले विदेश मंत्रालय से राजनीतिक मंजूरी लेनी होती है। सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी ने अपनी हालिया लंदन यात्रा से पहले विदेश मंत्रालय से राजनीतिक मंजूरी के लिए आवेदन नहीं किया था।
अनिवार्य है विदेश मंत्रालय से मंजूरी लेना
गौरतलब है कि सभी संसद सदस्यों को विदेश यात्रा करने से पहले विदेश मंत्रालय से राजनीतिक मंजूरी प्राप्त करना आवश्यक है। यात्रा से कम से कम तीन सप्ताह पहले वेबसाइट पर जानकारी डालकर विदेश मंत्रालय की मंजूरी लेनी होती है। इसके अलावा सभी सांसदों को विदेश मंत्रालय के माध्यम से विदेशी सरकारों, संस्थानों आदि से निमंत्रण प्राप्त करना होता है। यदि कोई सीधा निमंत्रण मिलता है तो इसकी जानकारी विदेश मंत्रालय को देनी होती है। इसके बाद उन्हें मंत्रालय से राजनीतिक मंजूरी पानी होती है। सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने विदेश यात्रा करने से पहले विदेश मंत्रालय की मंजूरी नहीं ली थी। विदेश मंत्रालय से मंजूरी लेना अनिवार्य होता है।
राहुल गांधी ने लंदन में कहा था-भारत अच्छी स्थिति में नहीं
बता दें कि राहुल गांधी ने कैम्ब्रिज में 'Ideas for India'कार्यक्रम में कहा था कि भारत अच्छी स्थिति में नहीं है। बीजेपी ने पूरे देश में मिट्टी का तेल फैला दिया है। आपको एक चिंगारी चाहिए और हम बड़ी मुसीबत में पड़ जाएंगे। मुझे लगता है कि इसे रोकना विपक्ष की जिम्मेदारी है। कांग्रेस लोगों, समुदायों, राज्यों और धर्मों को एक साथ लाती है। हमें इस तापमान को कम करने की जरूरत है क्योंकि अगर यह तापमान ठंडा नहीं हुआ तो चीजें गलत हो सकती हैं।
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राहुल गांधी ने कहा था कि भारत ऐसा देश नहीं बन सकता जिसे बोलने की अनुमति नहीं है। प्रधानमंत्री का रवैया होना चाहिए कि 'मैं सुनना चाहता हूं'। और वहां से सब कुछ नीचे बह जाता है। लेकिन हमारे प्रधानमंत्री नहीं सुनते। आपके पास ऐसा देश नहीं हो सकता जिसे बोलने की अनुमति नहीं है।
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