राहुल गांधी हेलीकॉप्टर से पहुंचे चूराचांदपुर रिलीफ कैंप: हिंसा भड़कने की वजह से पुलिस ने सड़क से जाने से रोका

पुलिस ने रास्ते में हिंसा का हवाला देते हुए सुरक्षा कारणों से उनको सड़क मार्ग के बजाय हवाई मार्ग से जाने का सुझाव दिया। इसके बाद राहुल गांधी हेलीकॉप्टर से रिलीफ कैंप गए।

Rahul Gandhi in Manipur violence affected area: कांग्रेस नेता राहुल गांधी गुरुवार को मणिपुर के चूराचांदपुर हेलीकॉप्टर से पहुंचे। यहां उन्होंने रिलीफ कैंप में पीड़ितों से मुलाकात की और हिंसा के बारे में जानकारी हासिल की। गुरुवार को राहुल गांधी दो दिन की मणिपुर यात्रा के लिए इंफाल पहुंचे। एयरपोर्ट से उनका काफिला निकला था कि विष्णुपुर में उनके काफिले को रोक दिया गया। पुलिस ने रास्ते में हिंसा का हवाला देते हुए सुरक्षा कारणों से उनको सड़क मार्ग के बजाय हवाई मार्ग से जाने का सुझाव दिया। इसके बाद राहुल गांधी हेलीकॉप्टर से रिलीफ कैंप गए। मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद पहुंचने वाले पहले विपक्षी नेता राहुल गांधी हैं। उनके पहले गृहमंत्री अमित शाह और उनके सहयोगी मंत्री ही राज्य में पहुंचे हैं।

पत्थर फेंकने और टायर जलाने की घटना के बाद उनको पुलिस ने लौटाया

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विष्णुपुर में राहुल गांधी के काफिले को वापस कर दिया गया था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि विष्णुपुर जिले में हाइवे पर टायर जलाए जाने, काफिले पर पत्थर फेंके जाने की वजह से राहुल गांधी के काफिले को रोका गया था और उनको सुरक्षा कारणों से वापस कर दिया गया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि राहुल गांधी को रिलीफ कैंप जाने के लिए हेलीकॉप्टर से जाने का सुझाव दिया गया था। अधिकारियों को आशंका थी कि हिंसा कहीं भी कहीं भड़क सकती थी जिससे सुरक्षा में दिक्कतें आ जाती। इसके बाद राहुल गांधी वापस इंफाल लौट आए थे।

राहुल को लौटाए जाने पर समर्थक गुस्साएं, पुलिस का करना पड़ा बल प्रयोग

राहुल गांधी को वापस लौटाए जाने से गुस्साएं उनके समर्थकों ने उग्र प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनके स्वागत के लिए काफी लोग सड़कों के किनारे खड़े थे। हालांकि, प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया और आंसू गैस छोड़े। 

पुलिस ने दावा किया कि जिस रूट से राहुल गांधी जा रहे थे उसपर महिला प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ थी। किसी भी घटना की आशंका में राहुल गांधी के काफिले को रोक कर लौटा दिया गया। हालांकि, कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि महिलाएं गांधी को रोकने के लिए पुलिस का विरोध कर रही थीं और नहीं चाहती थीं कि वह वापस जाएं। उन्होंने कहा कि महिलाएं चाहती थीं कि वह चुराचांदपुर के साथ-साथ उनके गांव भी आएं। प्रदर्शनकारी महिलाओं में से एक ने कहा कि उन्होंने यह जानने के लिए मणिपुर का दौरा किया कि राज्य के लोग किस दौर से गुजर रहे हैं। वह यहां राजनीति करने नहीं आए हैं। पुलिसवाले उनका रास्ता क्यों रोक रहे हैं।

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