राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री हमेशा ही उनके शब्दों को तोड़-मरोड़कर उनका अर्थ बदलने की कोशिश में लगे रहते हैं।
PM Modi Shakti Vs Rahul Gandhi Shakti: देश के दो प्रमुख नेताओं के बीच शक्ति शब्द को लेकर वार-पलटवार शुरू हो चुका है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को शक्ति शब्द पर किए गए पीएम मोदी के पलटवार पर जवाब दिया। राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री हमेशा ही उनके शब्दों को तोड़-मरोड़कर उनका अर्थ बदलने की कोशिश में लगे रहते हैं। उन्होंने मोदी के उन शक्तियों की बात की थी जो भारत की संपूर्ण संवैधानिक संरचना, संस्थानों, मीडिया और उद्योगों पर कब्जा कर लिए हैं लेकिन प्रधानमंत्री उनका अर्थ दूसरा समझाकर लोगों को बरगला रहे हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि वह (पीएम मोदी) जानते हैं कि मैंने एक गहरा सच बोला है। जिस शक्ति का मैंने उल्लेख किया, जिस शक्ति से हम लड़ रहे हैं, उस शक्ति का मुखौटा मोदीजी हैं। यह एक ऐसी शक्ति है जिसने संस्थानों केंद्रीय जांच ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग, चुनाव आयोग, मीडिया और भारत की संपूर्ण संवैधानिक संरचना पर कब्जा कर लिया है।
पहले जानते हैं पीएम मोदी ने क्या कहा?
पीएम ने कहा कि कल मुंबई में इंडी अलायंस की रैली थी। चुनाव घोषित होने के बाद इंडी अलायंस की ये पहली और उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण रैली थी। उस रैली में उन्होंने अपना घोषणा पत्र जारी किया और उनके घोषणा पत्र का ऐलान है कि मेरी (इंडी अलायंस) लड़ाई शक्ति के खिलाफ है। इंडी अलाएंस ने कहा है कि उनकी लड़ाई शक्ति के खिलाफ है। मेरे लिए हर मां, बेटी, शक्ति का रूप है। मैं माताओं-बहनों को शक्ति का रूप मानता हूं। उनकी पूजा करता हूं। मैं माताओं-बहनों की रक्षा के लिए जान की बाजी लगा दूंगा, जीवन खपा दूंगा। यहां भारत की धरती पर कोई शक्ति के खिलाफ भी बात कर सकता है क्या? क्या शक्ति का विनाश हमें मंजूर है? पूरा देश शक्ति की अराधना करता है। हमने चंद्रयान की सफलता को भी शिव-शक्ति नाम देकर शिव-शक्ति को समर्पित किया है। ये लोग शक्ति के विनाश का बिगुल फूंक रहे हैं। इंडी अलाएंस ने घोषणा पत्र जारी कर दिया है। लड़ाई शक्ति का विनाश करने वालों और शक्ति की पूजा करने वालों के बीच है। 4 जून को फैसला हो जाएगा कि कौन शक्ति का विनाश कर सकता है और कौन शक्ति का आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है।
अब जानिए राहुल गांधी ने मुंबई रैली में क्या कहा?
मुंबई में शिवाजी पार्क में आयोजित रैली में राहुल गांधी ने कहा था कि लोग सोचते हैं कि हम सब एक राजनैतिक दल के खिलाफ लड़ रहे हैं। देश भी सोचता है कि ये जो नेता स्टेज पर जुटे हैं अलग-अलग पार्टी से हैं ये एक राजनीतिक पार्टी से लड़ रहे हैं। ये सच नहीं है। ये गलत है। हम राजनैतिक पार्टी से नहीं लड़ रहे हैं। ये समझने की जरूरत है। हिन्दुस्तान के युवाओं को ये बात समझनी होगी। कोई और कहता है ये सब लोग एक व्यक्ति के खिलाफ लड़ रहे हैं। नरेंद्र मोदी के खिलाफ लड़ रहे हैं। नहीं। हम एक व्यक्ति के खिलाफ भी नहीं लड़ रहे हैं। ना हम बीजेपी के खिलाफ लड़ रहे हैं। ना हम एक व्यक्ति के खिलाफ लड़ रहे हैं। एक व्यक्ति को चेहरा बनाकर ऊपर डाल रखा है। हिंदू धर्म में शक्ति शब्द होता है। हम शक्ति से लड़ रहे हैं। एक शक्ति से लड़ रहे हैं। अब सवाल उठता है वह शक्ति क्या है। जैसे किसी ने यहां कहा, राजा की आत्मा ईवीएम में है। सही है। राजा की आत्मा ईवीएम में है। हिंदुस्तान की हर संस्था में है। ईडी में है, सीबीआई में है, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में है। जिस शक्ति की मैं बात कर रहा हूं उन्होंने विपक्ष के नेताओं का गला पकड़कर उनको बीजेपी की ओर किया। हम शक्ति से लड़ रहे हैं, एक शक्ति से लड़ रहे हैं। मैं उस शक्ति को पहचानता हूं, मोदीजी भी उस शक्ति को पहचानते हैं। यह धार्मिक शक्ति नहीं है। यह भ्रष्टाचार और झूठ की शक्ति है। और यही कारण है कि, जब भी मैं उनके खिलाफ आवाज उठाता हूं, मोदीजी परेशान और क्रोधित हो जाते हैं।
यह भी पढ़ें: