दिल्ली: हिंसा में तोड़े गए स्कूल देखने पहुंचे राहुल गांधी, कहा, इससे भारत माता को फायदा नहीं होगा

राहुल गांधी ने बुधवार को दिल्ली में हिंसा प्रभावित कुछ इलाकों का दौरा किया। वे हिंसा से प्रभावित बृजपुरी के एक स्कूल में पहुंचे। उन्होंने कहा, यह स्कूल दिल्ली का भविष्य है। उपद्रवियों ने इसे नष्ट कर दिया।  

Asianet News Hindi | Published : Mar 4, 2020 1:07 PM IST / Updated: Mar 04 2020, 06:38 PM IST

नई दिल्ली. राहुल गांधी ने बुधवार को दिल्ली में हिंसा प्रभावित कुछ इलाकों का दौरा किया। वे हिंसा से प्रभावित बृजपुरी के एक स्कूल में पहुंचे। उन्होंने कहा, यह स्कूल दिल्ली का भविष्य है। उपद्रवियों ने इसे नष्ट कर दिया। इस हिंसा से भारत माता का फायदा नहीं होने वाला है। भारत को आगे ले जाने के लिए सभी को एक साथ मिलकर काम करना होगा।

"दुनिया में इंडिया की प्रतिष्ठा पर चोट पहुंचती है"
राहुल गांधी ने कहा, जब राजधानी में हिंसा होती है तो दुनिया में इंडिया की प्रतिष्ठा पर चोट पहुंचती है। इस प्रकार की राजनीति से सिर्फ स्कूल को नुकसान नहीं पहुंचता बल्कि पूरे देश का नुकसान होता है। यह दुख का समय है।

हिंसा के 10 दिन बाद पहुंचा प्रतिनिधिमंडल
राहुल गांधी की अगुआई में कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल हिंसा के 10 दिन बाद उत्तर-पूर्वी दिल्ली के इलाकों में पहुंचा। राहुल गांधी के साथ लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, केसी वेणुगोपाल, कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला समेत कई नेता शामिल थे। 

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सबसे पहले चांदबाग पहुंचे राहुल गांधी
कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल सबसे पहले चांदबाग पहुंचा। वहां दंगा पीड़ितों से उनके हाल के बारे में पूछा। राहुल गांधी ने यहां अरुण पब्लिक स्कूल में तबाही का मंजर देखा। 

कब शुरू हुई थी दिल्ली हिंसा?
दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में 23 फरवरी (रविवार) की शाम से हिंसा की शुरुआत हुई। इसके बाद 24 फरवरी पूरे दिन और 25 फरवरी की शाम तक आगजनी, पत्थरबाजी और हत्या की खबरें आती रहीं। हिंसा में 47 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में एक हेड कॉन्स्टेबल और एक आईबी का कर्मचारी भी शामिल है।
- सीएए के विरोध में शाहीन बाग में करीब 2 महीने से महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं। 23 फरवरी (रविवार) की सुबह कुछ महिलाएं जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन करने लगीं। दोपहर होते-होते मौजपुर में भी कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। शाम को भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि दिल्ली में दूसरा शाहीन बाग नहीं बनने देंगे। कपिल मिश्रा भी अपने समर्थकों के साथ सड़क पर उतर आए, जिसके बाद मौजपुर चौराहे पर दोनों तरफ से ट्रैफिक जाम हो गया। इसी दौरान सीएए का समर्थन और विरोध करने वालों के बीच पत्थरबाजी शुरू हो गई। यहीं से विवाद ऐसा बढ़ा कि तीन दिन तक जारी रहा।

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