
पिछले चार दिनों से जम्मू-कश्मीर पर बारिश का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। डोडा में बादल फटना, कटरा में भूस्खलन और नदियों के उफान ने राज्य में भय का माहौल पैदा कर दिया है। प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर रेस्क्यू ऑपरेशन तेज़ कर दिए हैं।
त्रिकुटा पहाड़ियों पर भूस्खलन के बाद वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पूरी तरह ठप हो गया है। 31 श्रद्धालुओं की मौत और कई घायल होने की खबर से इलाके में मातम है। मलबे के नीचे और लोगों के दबे होने की आशंका से सर्च ऑपरेशन जारी है।
डोडा जिले में बादल फटने के बाद आई बाढ़ ने पूरे इलाके का नक्शा बदल दिया। मकान, पुल और सड़कें बह गईं। चेनाब नदी उफान पर है और खतरे के सायरन लगातार बज रहे हैं।
जम्मू की तवी नदी पर बना पुल सैलाब में ढह गया। पुल पर चलती गाड़ियां भी फंस गईं। चारों ओर चीख-पुकार मच गई। किश्तवाड़ में भारी लोहे का पुल बह गया, जिससे इलाकों का संपर्क टूट गया।
उधमपुर में तेज हवाओं और बारिश से विशाल पेड़ उखड़कर कार पर गिर गए। सड़कों पर यातायात ठप हो गया है। राहत दल घटनास्थल पर काम कर रहे हैं।
भारी बारिश और बाढ़ ने बिजली और मोबाइल नेटवर्क ठप कर दिए हैं। लोग संपर्क से बाहर हैं। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हालात को 2014 की आपदा से भी खराब बताया है।
लगातार बारिश और बाढ़ के चलते 3,500 से ज्यादा लोग अस्थायी शेल्टर में रह रहे हैं। उन्हें खाने-पीने और दवाइयों की सप्लाई मिल रही है।
सिर्फ 6 घंटे में 22 सेंटीमीटर बारिश ने जम्मू का हाल बेहाल कर दिया। मौसम विभाग का कहना है कि खतरा अभी टला नहीं है।
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और बाढ़ का खतरा और बढ़ सकता है।
डोडा के भद्रवाह इलाके में गुप्त गंगा मंदिर भी बाढ़ की चपेट में आ गया। पुजारियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।
भारतीय सेना, NDRF और SDRF टीमें रात-दिन रेस्क्यू में जुटी हैं। हेलिकॉप्टर से बचाव और राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।
किश्तवाड़ का टनों वजनी लोहे का पुल सैलाब में बह गया। सड़क मार्ग टूटने से इलाके का संपर्क पूरी तरह कट गया है।
भूस्खलन और बाढ़ से डोडा और कटरा में मकान मलबे में तब्दील हो गए। लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है।
भारी बारिश से बिजली के तार टूट गए। कई गांव पूरी तरह अंधेरे में हैं। प्रशासन इमरजेंसी सप्लाई देने की कोशिश कर रहा है।
डोडा, कटरा और किश्तवाड़ में प्रशासन ने लाउडस्पीकर पर लोगों को ऊंचाई वाली जगहों पर जाने की चेतावनी दी।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया पर हालात की गंभीरता बताई। उन्होंने कहा, "इतनी कनेक्टिविटी की समस्या पहले कभी महसूस नहीं हुई।"
जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग समेत कई बड़ी सड़कें बंद कर दी गई हैं। पहाड़ी सड़कों पर भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है, जिससे यात्रियों को परेशानी हो रही है।
बाढ़ और बारिश ने सैकड़ों घरों को नुकसान पहुंचाया है। खेतों में खड़ी फसलें बह गईं और लाखों का नुकसान हुआ है।
भारतीय सेना लगातार प्रभावित गांवों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। हेलिकॉप्टर और नावों का इस्तेमाल कर लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है। सेना के सेवा भाव को देखकर तबाही में फंसे लोग भावुक हो जा रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर इन दिनों प्रकृति के कहर से जूझ रहा है। लगातार बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से हालात खतरनाक हैं। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने को कहा है।