राजस्थान में 1 महीने तक चले सियासी ड्रामे के बाद शुक्रवार को विधानसभा का सत्र बुलाया गया। अशोक गहलोत सरकार ने विश्वास प्रस्ताव पेश किया। इसे सरकार ने आसानी से जीत लिया। इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर आरोप लगाया कि भाजपा ने उनकी सरकार गिराने की साजिश रची थी।
जयपुर. राजस्थान में 1 महीने तक चले सियासी ड्रामे के बाद शुक्रवार को विधानसभा का सत्र बुलाया गया। अशोक गहलोत सरकार ने विश्वास प्रस्ताव पेश किया। इसे सरकार ने आसानी से जीत लिया। इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर आरोप लगाया कि भाजपा ने उनकी सरकार गिराने की साजिश रची थी। वहीं, स्पीकर ने 21 अगस्त तक के लिए सदन को स्थगित कर दिया।
विश्वास मत जीतने के बाद पायलट ने कहा, आज राजस्थान की विधानसभा में सरकार द्वारा लाया गया प्रस्ताव बहुमत के साथ पास हुआ। विपक्ष के कई प्रयासों के बावजूद सरकार के पक्ष में नतीजे आए।
'ना शाह की चली, ना तानाशाही की'
इससे पहले स्पीकर की अनुमति के बाद संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल विश्वास मत पेश किया। शांति धारीवाल ने भाजपा पर निशाना साधा। शांति धारीवाल ने कहा, राजस्थान में ना तो किसी शाह की चली, न तानाशाही की। इस पर भाजपा ने आपत्ति दर्ज कराई।
आप पूरे हाथी गटक गए- भाजपा
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा, मैं विश्वास मत प्रस्ताव का विरोध करता हूं। उन्होंने कहा, विधायकों की बाड़ेबंदी में फेयरमोंट की इटेलियन डिश और क्रिकेट चल रहा था। इस बीच कुछ पीड़ितों की चीखें भी थीं। राजस्थान का जुगाड़ मशहूर है। उस जुगाड़ के लिए जादूगर भी मशहूर हैं। कांग्रेस भाजपा पर हॉर्स ट्रेडिंग के आरोप लगा रही, लेकिन खुद तो बसपा के पूरे हाथी गटक गए।
मुझे सरहद पर भेजा गया- पायलट
विश्वास मत पर बहस के दौरान भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ ने सचिन पायलट की सीट को लेकर तंज कसा। इस पर पायलट ने खड़े होकर स्पीकर से कहा, आपने मेरी सीट में बदलाव किया। मैंने सोचा मेरी सीट यहां क्यों रखी है। फिर मैंने देखा कि ये तो सरहद है। सरहद पर उसे भेजा जाता है, जो सबसे मजबूत होता है।
भाजपा ने अविश्वास प्रस्ताव लाने से किया इनकार
उधर, सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत में सुलह के बाद कांग्रेस की अंदरूनी कलह भी खत्म हो गई है। इससे पहले भाजपा ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही थी। हालांकि, बाद में भाजपा ने प्रस्ताव लाने से मना कर दिया।
सचिन-गहलोत की हुई मुलाकात
इससे पहले सचिन पायलट करीब एक महीने बाद जयपुर लौटे। सचिन पायलट और अशोक गहलोत की मुलाकात हुई। दोनों ने साथ में फोटो भी खिंचवाई। कांग्रेस ने एक बार फिर भाजपा पर सरकार गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
बसपा ने जारी की व्हिप
बसपा ने अपने विधायकों से व्हिप जारी कर कांग्रेस के खिलाफ वोट करने को कहा है। हालांकि, बसपा के सभी विधायकों का कांग्रेस में पहले ही विलय हो चुका है। ऐसे में इस व्हिप का कोई असर पड़ेगा, ऐसा कम ही लगता है। वहीं, अपने विधायकों के कांग्रेस में विलय का केस अभी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है।
अब भाजपा की बारी
गुरुवार को भाजपा दल की बैठक हुई। इस बैठक में वसुंधरा राजे भी शामिल हुईं। उन्होंने गहलोत सरकार पर भाजपा में फूट डालने की कोशिश करने का आरोप लगाया। बैठक में भाजपा ने गहलोत सरकार को सदन में घेरने की रणनीति भी बनाई।
ये है विधानसभा का आंकड़ा?
राजस्थान में कुल 200 सीटें हैं। बहुमत के लिए 101 का आंकड़ा चाहिए। कांग्रेस के पास 125 विधायकों का समर्थन है। हालांकि, पायलट गुट के अलग होने के बाद गहलोत की मुश्किल बढ़ती दिख रही थीं। हालांकि, अब दोनों गुट साथ आ गए हैं, तो बहुमत का आंकड़ा कांग्रेस के लिए आसान है। भाजपा के पास 75 विधायकों का समर्थन है।