राजस्थान: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पूनिया बोले- परिस्थिती बनी तो मुख्यमंत्री बन सकते हैं सचिन पायलट

राजस्थान में सियासी उठापटक के बीच हाईकोर्ट ने सचिन पायलट और उनके खेमे के विधायकों को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने स्पीकर को सोमवार तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। इससे पहले भाजपा के राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, राज्य में अगर परिस्थितियां बनती हैं तो सचिन पायलट राजस्थान के मुख्यमंत्री भी बन सकते हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 24, 2020 7:12 AM IST

जयपुर. राजस्थान में सियासी उठापटक के बीच हाईकोर्ट ने सचिन पायलट और उनके खेमे के विधायकों को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने स्पीकर को सोमवार तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। इससे पहले भाजपा के राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, राज्य में अगर परिस्थितियां बनती हैं तो सचिन पायलट राजस्थान के मुख्यमंत्री भी बन सकते हैं। 
 
भाजपा अध्यक्ष ने कहा, सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री बनने के लिए कांग्रे, से बगावत की है। देश में तमाम सरकारों का ये इतिहास रहा है कि जिनके पास कम विधायक रहे हैं, वे भी मुख्यमंत्री बने हैं। 
 
भाजपा ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया
पूनिया ने कहा, राजस्थान में अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है। ऐसे में भाजपा ने इस मामले में कोई फैसला नहीं लिया। हालांकि, उन्होंने कहा, कई बार राज्य में ऐसे समीकरण बनते हैं, जब छोटे दल के लोग भी मुख्यमंत्री बन जाते हैं।

कांग्रेस अपने अंतर्विरोध की वजह से खत्म हो रही
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने इस दौरान कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, कांग्रेस अपने अंतर्विरोध की वजह से खत्म हो रही है। यहां सचिन पायलट जैसे नेताओं को पार्टी छोड़नी पड़ रही है। कांग्रेस का इतिहास रहा है कि यहां से निकले कई नेताओं ने खुद को स्थापित किया है। 

कांग्रेस ने लगाए भाजपा पर गंभीर आरोप
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत पूरी कांग्रेस पार्टी ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा राजस्थान में गहलोत सरकार को गिराने में जुटी है। इतना ही नहीं खुद गहलोत ने सचिन पायलट पर आरोप लगाया है कि वे भाजपा के साथ मिलकर सरकार गिराने की साजिश रच रहे थे। सचिन पायलट के साथ 18 विधायक हरियाणा के मानेसर में ढेरा डाले हुए हैं। 

पायलट ने साफ कर दिया है कि वे भाजपा में नहीं जाएंगे। वे कांग्रेस में रहकर ही अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। 

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