राजस्थान : मंत्रियों के साथ गहलोत फेयरमोंट होटल से अपने आवास पर पहुंचे, मंत्रिमंडल की बैठक

राजस्थान में मंगलवार को विधायक दल की बैठक बुलाई गई। जयपुर के होटल में हुई बैठक में 102 विधायक पहुंचे। इस बैठक में पायलट समेत 18 विधायक गैर हाजिर रहे। बैठक के बाद सचिन पायलट को उप मुख्यमंत्री और राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। इसके अलावा पायलट समर्थित दो विधायकों को मंत्री पद से हटा दिया गया।

Asianet News Hindi | Published : Jul 14, 2020 2:08 AM IST / Updated: Jul 15 2020, 07:13 AM IST

जयपुर. राजस्थान में जारी सियासी ड्रामा मंगलवार को चरम पर पहुंच गया। सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घर हुए शक्तिप्रदर्शन के बाद एक बार फिर मंगलवार को विधायक दल की बैठक बुलाई गई। जयपुर के होटल में हुई बैठक में 102 विधायक पहुंचे। इस बैठक में पायलट समेत 18 विधायक गैर हाजिर रहे। बैठक के बाद सचिन पायलट को उप मुख्यमंत्री और राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। इसके अलावा पायलट समर्थित विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को मंत्री पद से हटा दिया गया।

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया, सचिन पायलट की जगह गोविंद सिंह डोटासरा को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। उधर, भाजपा ने कहा, गहलोत सरकार के पास बहुमत नहीं है। पहले वे फ्लोर पर बहुमत साबित करें।

- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निवास पर शाम 7:30 बजे राज्य मंत्रिमंडल की बैठक और आज रात 8:00 बजे मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित होगी।

मजबूरी में लेना पड़ा फैसला- गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, सचिन पायलट के हाथ में कुछ नहीं था, यह पूरा खेल भाजपा खेल रही है। भाजपा ने ही रिसोर्ट अरेंज कराया है और सब कुछ डील कर रही है। जो टीम मध्यप्रदेश में काम कर रही थी, वहीं, यहां कर रही है। सचिन पायलट को हटाने के सवाल पर गहलोत ने कहा, आखिरकार मजबूरी में हाईकमान को यह फैसला लेना पड़ा। क्यों भाजपा काफी समय से षड़यंत्र रच रही थी। हम जानते थे कि होर्स ट्रेडिंग हो रही है। इसी वजह से यह स्थिति हुई, हमारी कुछ साथी भी गुमराह होकर दिल्ली चले गए। 

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जयपुर होटल में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में 102 विधायक पहुंचे

सत्य परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं- पायलट

पायलट से जारी सियासी घटनाक्रम के बीच चार दिन बाद अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, सत्य को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं।

 

सुलह के मूड में नहीं पायलट
पायलट खेमे ने भी साफ कर दिया कि वे सुलह के मूड में नहीं हैं। उनके करीबी ने भाजपा में जाने की अटकटों पर भी विराम लगा दिया। पायलट के करीबी ने कहा, हमारे पास 30 विधायकों का समर्थन है। गहलोत सरकार के पास बहुमत नहीं है। अगर उनके पास बहुमत है तो फ्लोर पर साबित करें। 

बहुमत साबित करें गहलोत- भाजपा 
भाजपा नेता गुलाब चंद्र कटारिया ने कहा, कांग्रेस दो गुटों में बंट गई है। अब कांग्रेस अल्पमत में आ गई है। इसलिए पहले कांग्रेस फ्लोर पर बहुमत साबित करे। इसके बाद ही मंत्रीमंडल का विस्तार करें। 

ये आत्म सम्मान की लड़ाई - बागी विधायक
सचिन पायलट के खेमे के विधायकों ने कांग्रेस आलाकमान को पत्र भेजा है। इसमें लिखा है कि उन्होंने अपने आत्मसम्मान के लिए यह स्टैंड ले रहे हैं। हमने सालों तक पार्टी के लिए जी जान से काम किया। इसके बावजूद हमें नोटिस और कार्रवाई के नाम पर डराया जा रहा है। ऐसा पार्टी में पहले कभी नहीं हुआ। सचिन पायलट और हमने 6 साल मेहनत की और पार्टी को सत्ता में लाए। हम अपने आत्मसम्मान के लिए लड़ रहे हैं। हम कोई पद नहीं चाहिए। 
 

अपडेट्स:

- राजस्थान कांग्रेस इंचार्ज अवीनाश पांडे ने कहा, हमने सचिन पायलट को दूसरा मौका दिया है। उनसे बैठक में शामिल होने के लिए कहा गया है। हमें उम्मीद है कि सभी विधायक इस बैठक में शामिल होंगे। साथ ही नेतृत्व को समर्थन देंगे, जिसके लिए राजस्थान के लोगों ने वोट दिया है। हम सभी राज्य के विकास के लिए काम करना चाहते हैं। 

- राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पुनिया ने कहा, 'कांग्रेस दावा कर रही है कि उनके नेता एकजुट हैं। लेकिन उनका आंतरिक विवाद सबके सामने है। इसलिए सचिन पायलट पार्टी छोड़ रहे हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा, भाजपा ने फ्लोर टेस्ट कराने की मांग नहीं की। 

प्रियंका ने संभाला मोर्चा, बैठक में हो सकती हैं शामिल
मध्यप्रदेश में हाल ही में हुए सियासी उठापटक से सबक लेते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी एक्टिव हो गई हैं। उन्होंने सोमवार को गहलोत और पायलट से बात की। बताया जा रहा है कि वे आज बैठक में भी शामिल हो सकती हैं। प्रियंका ने सचिन को वापस लाने के लिए मनाने का फैसला किया है।   

बैठक में पहुंचे 102 विधायक, कांग्रेस ने 107 विधायक का दावा किया
बताया जा रहा है कि सोमवार को विधायक दल की बैठक में 102 विधायक पहुंचे। जबकि गहलोत सरकार ने 107 विधयकों के बैठक में शामिल होने का दावा किया। हालांकि, सच्चाई ये है कि पायलट समेत 18 विधायक बैठक में शामिल नहीं हुए। 

'राजस्थान की जनता का अपमान कर रही भाजपा'
कांग्रेस विधायक दल की बैठक में प्रस्ताव पास किया गया कि भाजपा लोकतंत्र को खत्म कर रही है और राजस्थान की 8 करोड़ जनता का अपमान कर रही है। विधायक दल ने कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर भरोसा जताया है। अशोक गहलोत की सरकार को भी विधायक दल ने समर्थन दिया।

'पायलट के लिए खुले रहेंगे दरवाजे'
विधायक दल की बैठक में दिल्ली से पहुंचे कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, पिछले 48 घंटे में सचिन पायलट से राज्य की स्थिति को लेकर कांग्रेस नेतृत्व की कई बार बात हुई है। मैं सभी कांग्रेस विधायकों से अपील करता हूं कि राज्य के लोगों ने स्थिर सरकार के लिए कांग्रेस को वोट किया। उन्होंने कहा, अगर किसी को किसी पोस्ट के लिए कोई समस्या है। तो उन्हें आगे आकर पार्टी को अपनी समस्या बतानी चाहिए। हम मिलकर उस समस्या को खत्म करेंगे और इस राज्य की सरकार को स्थिर बनाए रखेंगे। सुरजेवाला ने कहा, पायलट समेत सभी कांग्रेसी विधायकों के लिए कांग्रेस के दरवाजे खुले थे और खुले रहेंगे।

क्यों नाराज हैं पायलट?
सीएम अशोक गहलोत ने राज्य में सरकार गिराने की साजिशों का खुलासा करने के लिए स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप बनाया था। इस ग्रुप ने पूछताछ के लिए सचिन पायलट को भी नोटिस जारी किया है। इसी बात से पायलट और उनके विधायक नाराज हैं। उनका कहना है कि सरकार ने सभी हदें पार कर दीं। सचिन पायलट अभी 24 विधायकों के साथ दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट में पायलट के साथ 15 विधायक होने की भी बात कही जा रही है। पायलट ने राज्य के किसी भी नेता का फोन नहीं उठाया।

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